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डॉ. दीपक लिंबाचिया द्वारा एंडोमेट्रियोसिस सर्जरी पर हेन्ड्स ओन ट्रेनिंग के रूप में की

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अहमदाबाद में महिलाओं के स्वास्थ्य सेवा के लिए एक अग्रणी केन्द्र, ईवा विमेन्स होस्पिटल ने हाल ही में दो दिनों में 17 जटिल एंडोमेट्रियोसिस सर्जरी की।

ये सर्जरी प्रसिद्ध महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक लिंबाचिया द्वारा एंडोमेट्रियोसिस सर्जरी पर एक हेन्ड्स ओन ट्रेनिंग के रूप में की गई। डॉ. लिंबाचिया प्रसिद्ध   लेप्रोस्कोपिक और ऑन्को सर्जन है जिन्होने ईवा विमेन्स होस्पिटल की स्थापना की है। 25 और 26 सितंबर को आयोजित यह दुनिया का पहला आधिकारिक रूप से घोषित हेन्ड्स ओन एंडोमेट्रियोसिस ट्रेनिंग कार्यक्रम था।

ट्रेनिंग में भाग लेने वाले डॉक्टरों ने एडवान्स लेप्रोस्कोपिक सर्जिकल प्रोसिजर्स में भाग लिया और दो दिनों में 17 अत्यधिक जटिल सर्जरी की। इनमें चार रिसेक्शन और एनास्टोमोसिस प्रोसिजर्स, एंडोमेट्रियोसिस मामले में एक मूत्रवाहिनी का रीपेर और 12 डीप इन्फिल्ट्रेटिंग एंडोमेट्रियोसिस सर्जरी शामिल थीं।इस वर्कशोप का उद्देश्य आंत्र शोधन और एनास्टोमोसिस के साथ ग्रेड 4 एंडोमेट्रियोसिस सर्जरी के बारे में प्रशिक्षण देनाथा। यह जटिल सर्जरी डॉ. दीपक लिंबाचिया ने की।

डॉ. लिंबाचिया ने कहा, “सभी रोगियों को छुट्टी दे दी गई है और वे बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। हम सभी के आभारी हैं और भाग लेने वाले डॉक्टरों का भी आभार व्यक्त करते हैं।”

वर्कशोप में 4 डॉक्टरो ने भाग लिया जिनमें एक विदेश में से तथा अन्य भारत के विभिन्न हिस्सों से जुड़े थे। कार्यक्रम का लक्ष्य विभिन्न स्थानों के सर्जनों को आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके एंडोमेट्रियोसिस पर ऑपरेशन करने के कौशल से लैस करना था।

डॉ. लिंबाचिया ने कहा, “मेरा मानना है कि इस तरह के व्यावहारिक प्रशिक्षण से एंडोमेट्रियोसिस जैसे रोगों में विशेषज्ञता को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है।”

डॉ. लिंबाचिया वर्ष 2012 से नियमित रूप से प्रशिक्षण आयोजित कर रहे हैं और उन्होंने 2,400 से अधिक डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी है जो उनकी साथियों के   निरंतर प्रोफेशनल डेवलपमेन्ट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ट्रेनिंग में भाग लेने वालों को अत्याधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया जिसमें उच्च तकनीक वाले उपकरणों का उपयोग और जटिल सर्जरी करने के नए तरीके शामिल हैं।

“लैप्रोस्कोपिक सर्जनों की अगली पीढ़ी को प्रशिक्षित करना एक प्रतिबद्धता है जो मेरे दिल के बहुत करीब है। साथी डॉक्टरों को लैप्रोस्कोपी में नवीनतम प्रगति के बारे में सीखते हुए और अपने सर्जिकल कौशल में सुधार करते हुए देखना बेहद संतोषजनक है” डॉ. लिंबाचिया ने कहा।

दो दिवसीय कार्यशाला ने भाग लेने वाले डॉक्टरों को एंडोमेट्रियोसिस के विभिन्न ग्रेड के उपचार में प्रेक्टिकल अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया गया। लाईव प्रदर्शन तो किया गया उसके साथ जरूरी थियरी भी समझाई गई ।

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