Home International news जी-20 की अध्यक्षता वाली शेरपा बैठक और जी-20 शिखर सम्मेलन से लेकर...

जी-20 की अध्यक्षता वाली शेरपा बैठक और जी-20 शिखर सम्मेलन से लेकर उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस की यात्रा तक,

247 views
0
Google search engine

आईआरआईएस जयपुर ने हमेशा सांस्कृतिक-राजनयिक संबंधों में अहम भूमिका निभाई है

जयपुर: दिव्यराष्ट्र/बात चाहे जी-20 की अध्यक्षता वाली शेरपा बैठक और जी-20 शिखर सम्मेलन की हो, या फिर उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस की यात्रा की बात हो, IRIS जयपुर हमेशा सांस्कृतिक-राजनयिक संबंधों में आकर्षण का केंद्र रहा है, जिसने भारत की गहरी सांस्कृतिक धरोहर और नायाब कारीगरी का प्रदर्शन करके शिखर वार्ता के दौरान सभी के मनोभाव को बेहतर बनाने के साथ-साथ शानदार टेबलवेयर एवं चांदी के बर्तनों के लिए प्रमुख भागीदार के रूप में सकारात्मक माहौल तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है।

सांस्कृतिक-राजनयिक संबंध एक-दूसरे की कला, विरासत और परंपराओं को जानने और उनका सम्मान करने की भावना को बढ़ावा देकर अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत बनाने में बेहद महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह दो देशों के बीच राजनीतिक संबंधों के दांव-पेंच से बिल्कुल अलग है, क्योंकि यह संस्कृति को दुनिया की भाषा की तरह इस्तेमाल करके देशों को इंसानी जज़्बातों के स्तर पर जोड़ती है।

आईआरआईएस को बेहद शानदार धातु के बर्तनों का डिज़ाइन तैयार करने, निर्माण करने और निर्यात के लिए जाना जाता है। भारत के जयपुर में स्थित इस पारिवारिक व्यवसाय का संचालन परिवार की तीसरी पीढ़ी कर रही है। जयपुर के आसपास के गाँवों के कुशल स्थानीय कारीगरों द्वारा हाथों से तैयार किए गए डिज़ाइनों में अलग-अलग आकृतियां बनाने की सदियों पुरानी कला दिखाई देती है, जिन्हें पारंपरिक रूप से सोने और चांदी पर उकेरा जाता है, ताकि वे देखने में मनमोहक लगें और सीधे दिल में उतर जाएँ। ये डिज़ाइन पुराने जमाने के राजघरानों की ठाठ-बाट को दर्शाते हैं, जिस दौर में बेमिसाल कारीगरी और डिज़ाइन राजाओं के लिए वास्तुकला और खूबसूरती के अनुभव का सबसे अहम हिस्सा हुआ करते थे।

आईआरआईएस ने विरासत और परंपरा को दिल में संजोकर रखा है जो ऐतिहासिक भव्यता को आज के जमाने की शान-ओ-शौकत से जोड़ता है, साथ ही भारत के राजसी अतीत और मौजूदा दौर में इसकी वैश्विक उपस्थिति के बीच एक सेतु का काम करता है। चाहे राजनयिक मंचों पर प्रदर्शन की बात हो या फिर आंतरिक साज-सज्जा की शोभा बढ़ाने की बात हो, इसकी हर रचना शाश्वत कला, सांस्कृतिक गौरव और हमेशा कायम रहने वाली उत्कृष्टता की कहानी बयां करती है।

आईआरआईएस जयपुर की शिल्पकला ने दुनिया के कुछ बेहद लोकप्रिय होटलों में भोजन के शानदार अनुभवों के मायने को बदल दिया है। इसकी विरासत विश्व स्तर पर अपनी मेहमाननवाजी के लिए मशहूर कुछ बेहतरीन नामों के साथ गहराई से जुड़ी हुई है, जिसमें रामबाग पैलेस, लीला पैलेस, आईटीसी होटल (विशेष रूप से प्रतिष्ठित आईटीसी मौर्य), ताज पैलेस, ओबेरॉय होटल, द लोधी, हयात रीजेंसी, शांगरी-ला, होटल अशोका, रेडिसन ब्लू प्लाजा, जे.डब्ल्यू. मैरियट, शेरेटन और द लीला एंबियंस कन्वेंशन सहित कई अन्य प्रतिष्ठित स्थान शामिल हैं। इनमें से हर सहयोग इस बात को दर्शाता है कि, आईआरआईएस हमेशा कायम रहने वाली सुंदरता और अव्वल दर्जे की कारीगरी के अलावा भारतीय विरासत को आज के जमाने की ठाठ-बाट के साथ बड़े सहज तरीके से जोड़ने के अपने संकल्प पर कायम है।

इस बारे में बात करते हुए आईआरआईएस जयपुर के संस्थापक, राजीव पबूवाल ने कहा, “सांस्कृतिक-राजनयिक संबंधों में उम्दा कारीगरी, प्रस्तुति, और आदान-प्रदान के ज़रिये किसी देश की पहचान को प्रदर्शित किया जाता है, और इस तरह ये रूढ़िवादी सोच को दूर करने, भरोसा कायम करने और प्रेरित करने की ताकत को बढ़ाने में मदद करती है। इससे पर्यटन, व्यापार और वैश्विक साझेदारी के लिए भी दरवाजे खुलते हैं, साथ ही लोगों के बीच लंबे समय तक कायम रहने वाले आपसी संबंधों को भी बढ़ावा मिलता है।”

जब रात्रिभोज के दौरान राजनयिक चर्चा धीरे-धीरे आगे बढ़ती है, तब जयपुर केवल एक सांस्कृतिक राजधानी ही नहीं, बल्कि शिल्प कला से प्रेरित वैश्विक जुड़ाव के जगमगाते स्तंभ के रूप में भी शान से खड़ा दिखाई देता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here