नेक्स्ट जनरेशन कॉम्बैट -शेपिंग टूमारोज मिलिट्री टुडे”
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ सप्त शक्ति कमान द्वारा बहुप्रतीक्षित तकनीकी सेमिनार”नेक्स्ट जनरेशन कॉम्बैट – शेपिंग टूमारोज मिलिट्री टुडे” का शुभारंभ आज जयपुर मिलिट्री स्टेशन में सेंटर फॉर लैण्ड वॉरफेयर स्टडीज़ और सोसायटी ऑफ़ इंडियन डिफ़ेंस मैन्युफैक्चरर्स के सहयोग से हुआ। इस आयोजन की परिकल्पना लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदरसिंह, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, साउथ वेस्टर्न कमांड द्वारा की गई थी। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की “विकसित भारत” के निर्माण में परिवर्तनकारी भूमिका पर एक प्रेरक उद्घाटन भाषण दिया।
यह सेमिनार अग्रणी विशेषज्ञों,सैन्य रणनीतिकारों और रक्षा क्षेत्र के नवोन्मेषकों को एक मंच पर लेकर आई,जहाँ बदलते युद्ध परिदृश्य और निर्णायक बढ़त बनाए रखने के लिए आवश्यक तकनीकी उन्नतियों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
अपने उद्घाटन भाषण में,लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदरसिंह ने इस बात पर बल दिया कि भारतीय सेना को आधुनिक और भविष्य के युद्धों की बहुआयामी चुनौतियों का सामना करने के लिए तेजी से अनुकूलन और नवाचार अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने ग्रे ज़ोन युद्ध की जटिलताओं को रेखांकित किया और इस बात पर जोर दिया कि हाइब्रिड खतरों का मुकाबला करने के लिए परिष्कृत क्षमताओं का विकास अत्यंत आवश्यक है,जो युद्ध और शांति की रेखाओं को धुंधला कर देते हैं। उन्होंने ऑपरेशन “सिंदूर” की सफलता में उन्नत प्रणालियों, सटीक आयुध, खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताओं, विशेष रूप से ड्रोन की प्रभावी तैनाती की भूमिका को रेखांकित किया।
उन्होंने निर्णय लेने की क्षमता को बेहतर बनाने, संसाधनों के अनुकूल उपयोग और संचालन की गति एवं सटीकता बढ़ाने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई ) की अपार संभावनाओं की सराहना की। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि घातक स्वायत्त हथियार प्रणालियों के विकास और तैनाती में मजबूत नैतिक ढांचे, मानवीय निगरानी और अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानूनों का पालन अत्यावश्यक है। उन्होंने साउथ वेस्टर्न कमांड और मालवीया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर के बीच रक्षा प्रौद्योगिकी के संयुक्त स्वदेशीकरण, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन की सराहना की।
सेमिनार में AI-संचालित युद्धक्षेत्र के गंभीर प्रभावों पर चर्चा हुई। नागरिक और सैन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित इस सेमिनार में इस बात पर गहन चर्चा हुई कि किस प्रकार आधुनिक संघर्षों ने विशेषीकृत और शीघ्र तैनाती योग्य तकनीकों की निर्णायक भूमिका को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया है। चर्चाओं में हाइपरसोनिक हथियार, निर्देशित ऊर्जा हथियार, उन्नत साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियाँ, और सैनिक-केंद्रित आधुनिकीकरण योजनाएं जैसे एक्सोस्केलेटन और एआई-आधारित बैटलफील्ड मैनेजमेंट सिस्टम्स जैसे अत्याधुनिक समाधानों के त्वरित विकास और एकीकरण पर विशेष जोर दिया गया।
सेमिनार के दौरान “सप्त शक्ति सिम्पोजियम” नामक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें रक्षा उद्योग द्वारा विकसित नवीनतम उपकरणों का प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शनी का आयोजन सोसायटी ऑफ़ इंडियन डिफ़ेंस मैन्युफैक्चरर्स द्वारा किया गया और इसका उद्घाटन साउथ वेस्टर्न आर्मी
कमांडर द्वारा किया गया। देश की प्रमुख और नवोदित रक्षा उत्पादन कंपनियों ने भाग लिया और सेना के अधिकारियों से संवाद किया।
गंभीर तकनीकी चर्चाओं और विचारोत्तेजक संवादों ने सभी प्रतिभागियों को बौद्धिक रूप से समृद्ध किया और टेक सेमिनार के दूसरे दिन के लिए एक मजबूत मंच प्रदान किया।