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राजस्थान से राष्ट्र तक: जेईसीआरसी बना स्टार्टअप्स का केंद्र

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– जेईसीआरसी ने 90 दिनों में 20 स्टार्टअप्स को दिए 2.30 करोड़ रुपये

 

जयपुर,/दिव्यराष्ट्र/ जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी का जेईसीआरसी इनक्यूबेशन सेंटर (जेआईसी) अब केवल राजस्थान ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को नई दिशा देने में काम कर रहा है। पिछले 90 दिनों में जेआईसी ने स्टार्टअप इंडिया सीड फंड, जेनेसिस ग्रांट स्कीम, और टाइड 2.0 (मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी) जैसी प्रतिष्ठित सरकारी योजनाओं के तहत 20 स्टार्टअप्स को कुल 2.30 करोड़ रुपये की फंडिंग दी है।

जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के डिजिटल स्ट्रैटेजिस्ट, धीमंत अग्रवाल ने कहा कि जेआईसी का लक्ष्य एक ऐसा इकोसिस्टम बनाना है, जहां भारत के युवा एंटरप्रेन्योर्स अपने इनोवेटिव आइडियाज को उड़ान दे सकें और उनके विजन को साकार बनाने के लिए सही रिसोर्सेस, फंडिंग और मार्गदर्शन प्राप्त हो पाए।

जेईसीआरसी इनक्यूबेशन सेंटर की हेड, कोमल जोशी ने कहा कि इस फंडिंग में 15 स्टार्टअप्स राजस्थान से, 3 दिल्ली से, 1 हरियाणा और 1 छत्तीसगढ़ से हैं, जो यह दर्शाता है कि जेईसीआरसी अब केवल एक राज्य तक सीमित नहीं, बल्कि दुनियाभर में अपनी मजबूत उपस्थिति बना चुका है।

ये 20 स्टार्टअप्स अच्छी तरह जांचने-परखने के बाद चुने गए हैं जिन्हें जेईसीआरसी इनक्यूबेशन सेंटर के द्वारा आर्थिक सहायता के अलावा स्टार्टअप्स को यूनिवर्सिटी के अल्ट्रामॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री नेटवर्क और बेहतर मेंटरशिप दिलाने में मदद मिलेगी जिससे नए एंटरप्रेन्योर्स अपने नवाचारों को सफल व्यवसायों में बदल सकें।

फंडिंग प्राप्त करने वाले कुछ प्रमुख स्टार्टअप्स*

जेईसीआरसी इनक्यूबेशन सेंटर से फंडिंग पाने वाले कई स्टार्टअप्स ने अपने अनोखे और समाज उपयोगी आइडियाज से नई पहचान बनाई है।

1. ब्लिसोरा – महिलाओं के लिए ऐसी 3डी-प्रिंटेड हील्स लॉन्च की हैं, जो हाई, लो और फ्लैट स्टाइल में आसानी से बदली जा सकती हैं। यह तकनीक न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि आरामदायक और स्टाइलिश भी है।

2. गैबीफाई – गैबीफाई एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो एआई के द्वारा बच्चों की स्पीच और न्यूरो डिसऑर्डर्स को पहचानने और हल करने में मदद करता है। यह भारत की भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए पर्सनल इंटरवेंशन प्रदान करता है।

3. प्लांटेरा – प्लांटेरा ने केले की फसल के कचरे से बना बायोडिग्रेडेबल लेदर तैयार किया है, जो पारंपरिक चमड़े का पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है।

4. टूडलर्स – टूडलर्स ब्रांड बच्चों के लिए सुरक्षित, शैक्षिक और पूरी तरह से भारतीय खिलौने बना रहा है, जो किफायती और पर्यावरण के अनुकूल हैं।

5. कोडमेट – कोडमेट एक एआई टूल है जो नेचुरल लैंग्वेज को कोड में बदलता है, बग्स को ठीक करता है और कोडिंग को तेज़ और प्रभावी बनाता है। यह टूल डेवलपर्स को नए स्तर की उपलब्धता देता है।

यह सफलता दर्शाती है कि जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी आज राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं का भविष्य संवार रहा है। जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी आने वाले महीनों में और भी स्टार्टअप्स के लिए नई योजनाएं लाने की तैयारी में है।

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