प्रभा खेतान फाउंडेशन और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रतिष्ठित पुरस्कार वन्यजीव संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन में असाधारण योगदान का जश्न मनाने के लिए हैं
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/मछली एवं वन्य प्राणी मित्र पुरस्कार का चौथा संस्करण होटल क्लार्क्स आमेर जयपुर में आयोजित किया गया। प्रभा खेतान फाउंडेशन (पीकेएफ) और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया द्वारा यह वार्षिक पुरस्कार उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने अपने असाधारण प्रयासों से वन्यजीव संरक्षण और संघर्ष प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
‘मछली पुरस्कार’ करौली के वन रक्षक धर्मेन्द्र सिंह राजपूत को प्रदान किया गया। रणथम्भौर टाइगर रिजर्व की प्रसिद्ध बाघिन पर इस पुरस्कार का नाम रखा गया है। श्री राजपूत को वन्यजीव अपराध नियंत्रण और आपातकालीन प्रतिक्रिया में उनके अनुकरणीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया, जिसके कारण कई घायल या असहाय जानवरों को बचाया और पुनर्वासित किया गया। उनके अभिनव प्रयासों से वन्यजीव संरक्षण, सामुदायिक जागरूकता और संघर्ष प्रबंधन में पर्याप्त सुधार हुआ है। श्री राजपूत को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 2 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रशंसा प्रमाण-पत्र दिया गया।
मानव-वन्यजीव संघर्ष के असाधारण प्रबंधन के लिए *श्री धर्मेन्द्र पानीगर और युधिष्ठिर मीणा को ‘वन्य प्राणी मित्र पुरस्कार’ संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। धर्मेन्द्र पानीगर उदयपुर के एक समर्पित स्वयंसेवक हैं, जिन्होंने 3,000 से अधिक सांपों और विभिन्न अन्य जंगली जानवरों को बचाया है। मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और वन्यजीवों को बचाने में उनका काम सराहनीय रहा है। युधिष्ठिर मीणा रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के एक सिविल डिफेंस वालंटियर हैं, जिन्होंने पिछले चार वर्षों में अजगर, वाइपर और नीलगाय सहित 100 से अधिक जानवरों को बचाया है। उनके प्रयास क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में सहायक रहे हैं।
वन्य प्राणी मित्र पुरस्कार में कुल 4 लाख रुपए की राशि दी गई, जिसे दोनों विजेताओं के बीच बराबर बांटा गया। प्रत्येक विजेता को प्रशंसा-पत्र भी दिया गया।
सभी पुरस्कार विजेताओं का चयन एक प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल द्वारा किया गया, जिसमें राहुल भटनागर, आईएफएस (सेवानिवृत्त); राजपाल सिंह, आईएफएस (सेवानिवृत्त); और वाइल्डलाइफ एंड हैबिटेट प्रोग्राम के निदेशक, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया, श्री यश सेठिया शामिल थे।
इस अवसर पर, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के सेक्रेटरी जनरल और सीईओ, रवि सिंह ने कहा: “ये पुरस्कार उन चैंपियनों को सम्मानित करते हैं जो हमारे वन्यजीवों के संरक्षण और विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम इन पुरस्कारों में भागीदारी के लिए प्रभा खेतान फाउंडेशन को हार्दिक धन्यवाद देते हैं। यह सम्मान राजस्थान वन विभाग के फील्ड स्टाफ को राज्य के वन्यजीवों और हैबिटेट की सुरक्षा और संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण कार्य जारी रखने के लिए प्रेरित करेगा।”
“प्रभा खेतान फाउंडेशन में, हम अपनी प्राकृतिक विरासत की रक्षा के लिए समर्पण और दृढ़ शक्ति में विश्वास रखते हैं। ये पुरस्कार उन व्यक्तियों के अथक प्रयासों का प्रमाण हैं, जो हमारे वन्यजीवों की सुरक्षा और संघर्षों को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। हमें इन नायकों को सम्मानित करते हुए गर्व हो रहा है और हम मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने वाली पहलों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं”।
पुरस्कार समारोह में एक विशेष काव्य रचना “एक ख़त जज्बात का” (डब्लूडब्लूएफ-इंडिया की ओर से टाइगर को एक पत्र) का प्रदर्शन भी किया गया। भारत के राष्ट्रीय पशु के प्रति यह भावपूर्ण श्रद्धांजलि शांतनु मोइत्रा द्वारा रचित और तनवीर गाजी द्वारा लिखित है। इस रचना के वीडियो में दीया मिर्जा, सानिया मिर्जा, रणवीर बरार, विश्वनाथन आनंद और शांतनु मोइत्रा ने प्रस्तुति दी है तथा इसके बोलों में बाघों और मनुष्यों के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की भावना को सेलिब्रेट किया गया है।
कार्यक्रम में भारत की सबसे मधुर आवाजों को एक साथ लाने वाला एक अद्भुत संगीत- पीकेएफ एंथम भी बजाया गया – जो संगीतमय एकजुटता के मिश्रण के माध्यम से देश की विविधता का खूबसूरती से जश्न मनाता है। इसके बाद जयपुर की एहसास वुमन, आकृति पेरीवाल ने फाउंडेशन के बारे में जानकारी दी और दोनों पुरस्कारों का संक्षिप्त विवरण दिया।