नई दिल्ली / दिव्यराष्ट्र/: भारत में म्यूचुअल फंड की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) के 2035 तक 300 लाख करोड़ के स्तर को पार कर जाने का अनुमान है, और इसी अवधि में प्रत्यक्ष इक्विटी होल्डिंग 250 लाख करोड़ तक पहुंच जाने की उम्मीद है, जो देश के निवेश परिदृश्य में बड़े बदलाव का संकेत है। उक्त अनुमान बेन एंड कंपनी द्वारा ग्रो के साथ साझेदारी में जारी की गई ‘हाउ इंडिया इन्वेस्ट्स 2025 ‘ रिपोर्ट में ज़ाहिर किये गए।
बेन एंड कंपनी के भारत स्थित फाइनेंशियल सर्विसेज़ प्रभाग के भागीदार और प्रमुख, सौरभ त्रेहन ने कहा, “भारतीय परिवार धीरे-धीरे पारंपरिक बचत की सोच से हटकर ज़्यादा निवेश केंद्रित दृष्टिकोण अपना रहे हैं, जिसमें म्यूचुअल फंड और प्रत्यक्ष इक्विटी खंड सबसे तेज़ी से वृद्धि दर्ज करने वाले परिसंपत्ति वर्ग के रूप में उभर रहे हैं।” ग्रो के सह-संथापक और सीओओ, हर्ष जैन ने कहा, “हम देश में एक ढांचागत बदलाव देख रहे हैं और वह है पहले बचत की मानसिकता से पहले निवेश-पहले की मानसिकता का सफर। डिजिटल बुनियादी ढांचे पर सरकार के ज़ोर ने प्रगतिशील नियामक उपायों के साथ पहुंच बढ़ाई है और इस परितंत्र में गहरा विश्वास पैदा किया है।” बेन एंड कंपनी के भारत स्थित फाइनेंशियल सर्विसेज़ प्रभाग के भागीदार और प्रमुख सदस्य, राकेश पोज़थ ने कहा, “भारत खुदरा निवेश के नए दौर में प्रवेश कर रहा है, जो देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है।“



