जयपुर, दिव्यराष्ट्र*/ जयपुर के एक युवा नवाचारकर्ता ने ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है। कृष चतुर्वेदी द्वारा विकसित उन्नत ऊर्जा यौगिक डिस्टिलाइट-0™ को उसके पेटेंट और उन्नत तकनीकी क्षमताओं के आधार पर ₹3000 करोड़ का मूल्यांकन प्राप्त हुआ है — वह भी बिना प्रोटोटाइप के।
डिस्टिलाइट-0™ पारंपरिक ईंधनों का केवल विकल्प नहीं है, बल्कि यह आने वाले समय की ऊर्जा जरूरतों का स्मार्ट समाधान है। यह एक जैविक रूप से सुरक्षित और बार-बार चार्ज की जा सकने वाली प्रणाली है, जो रेडियो-फ्रीक्वेंसी से नियंत्रित हाइड्रोजन फ्यूल, टेस्ला कॉइल तकनीक और सॉलिड-स्टेट एनर्जी कंट्रोल को मिलाकर काम करती है।
इस उपलब्धि पर कृष चतुर्वेदी ने कहा, “डिस्टिलाइट-0™ भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में इसका उपयोग अंतरिक्ष विज्ञान, रक्षा, इलेक्ट्रिक वाहनों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रणालियों में किया जा सकता है।”
इस तकनीक के लिए अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन पहले ही किया जा चुका है, और जल्द ही इसे भारत एवं विदेश की प्रमुख प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
यह खोज भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई पहचान दिला सकती है, और इसकी शुरुआत जयपुर से हुई है — जो अब ऊर्जा क्रांति का प्रतीक बनता जा रहा है।