लिटरेसी इण्डिया ने राजस्थान में खेती के लिए महिलाओं को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया”
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ ग्रास रूट लेवल पर महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित एक अग्रणी नॉन प्रॉफिट ऑरगेनाइजेशन, लिटरेसी इण्डिया ने ‘खेती के लिए ड्रोन’ की एक इनोवटिव इनिशिएटिव शुरू की है, जो जैण्डर इन्क्लूसिव एग्रीकल्चर एडवांसमेंट में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह कार्यक्रम, वर्तमान में राजस्थान के झालावाड़ में महिलाओं को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित कर रहा है, जिसका मकसद उन्हें कृषि दक्षता और स्थिरता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक कौशल से लैस करना है। इसके अंतर्गत पारंपरिक कृषि प्रणालियों के साथ आधुनिक तकनीक को एकीकृत करके, लिटरेसी इण्डिया महिलाओं के नेतृत्व वाली एग्री इनोवेशन की एक नई लहर को बढ़ावा दे रहा है। यह पहल स्किल डेवलपमेंट और आत्मनिर्भरता के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लिटरेसी इण्डिया की व्यापक प्रतिबद्धता का एक हिस्सा है।
भविष्य के लिए एक विजन: टिकाऊ और समावेशी कृषि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के आधार पर, लिटरेसी इण्डिया का लक्ष्य महिलाओं के लिए ड्रोन प्रशिक्षण का विस्तार करना है, जिससे उन्हें सटीक खेती में सशक्त बनाया जा सके। यह कृषि सखी पहल को और मजबूत करेगा, जिसमें अधिक महिलाओं को एग्रीकल्चर लीडर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा, अतिरिक्त गांवों तक पहुंच बढ़ाई जाएगी, और आधुनिक तकनीकों को टिकाऊ बनाने के साथ ही उन्हें एकीकृत करने को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि एक अधिक लचीला और आत्मनिर्भर कृषि ईको सिस्टम तैयार हो सकेगा।
इस बार में सदला गांव के प्रगतिशील किसान और किसान नेता कन्हैलाल का कहना है ‘‘ऑरगेनिक फॉर्मिंग ने मिट्टी की उर्वरकता में सुधार के साथ ही इनपुट लागत में कमी और फसल की पैदावार में वृद्धि करके हाशिए पर पड़े किसानों को सशक्त बनाया है। इस टिकाऊ दृष्टिकोण ने न केवल इन किसानों ने अपनी उत्पादकता को बढ़ाया है, बल्कि छोटे किसानों के लिए बेहतर आय और दीर्घकालिक कृषि व्यवहार्यता भी सुनिश्चित की है। लिटरेसी इण्डिया की इनिशिएटिवस के साथ, किसान अब कृषि विज्ञान केन्द्र की सुविधाओं, जैसे मिट्टी परीक्षण तकनीक और अन्य सरकारी समर्थित सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम हैं, जिससे उनकी कृषि पद्धतियों में काफी सुधार हुआ है।‘‘
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके) झालावाड़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. टी. सी. वर्मा ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, ‘‘लिटरेसी इण्डिया द्वारा इस क्षेत्र में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण आयोजित करना बेहद उत्साहजनक है। सरकार के इनिशिएटिव के तहत, प्रशिक्षित महिलाओं को नमो दीदी योजना के माध्यम से शुरुआती अवसर प्राप्त होंगे, ताकि उन्हें कृषि नवाचार में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।‘‘
इस इनिशिएटिव के बारे में लिटरेसी इण्डिया की फाउण्डर कैप्टन इंद्राणी सिंह ने कहा, ‘‘खेती के लिए ड्रोन‘ कार्यक्रम टिकाऊ कृषि के साथ टेक्नोलॉजी को एक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, साथ ही इस क्षेत्र में महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा मिल सकेगा। महिलाओं को उन्नत कौशल से लैस करके, हम न केवल कृषि उत्पादकता बढ़ा रहे हैं, बल्कि खेती में लिंग-समावेशी नवाचारों की दिशा में एक सांस्कृतिक बदलाव भी ला रहे हैं।‘‘
उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा यह इनिशिएटिव मेरे लिए विशेष महत्व रखती है। एक दशक से भी पहले, जब मैंने पहली बार झालावाड़ में कदम रखा था, मैंने देखा कि युवा लड़कियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है, उनकी क्षमता का दोहन नहीं किया जाता, उनके सपने सीमित हो जाते हैं। एक महिला एविएटर के रूप में, मैं उनके सामने खड़ी थी मैने अपनी यात्रा को उनके साथ साझा किया, संभावनाओं के बारे में बात की, और उनसे अपने कम्यूनिटीज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने का आग्रह किया। मैंने उनसे बदलाव का वादा किया। आज, इन महिलाओं को कृषि में टेक्नोलॉजी, लीडरशिप और स्वतंत्रता को अपनाते हुए देखकर, मुझे लगता है कि वह वादा पूरा हो रहा है।