जयपुर- दिव्यराष्ट्र/विश्व हृदय दिवस के अवसर पर नारायणा हॉस्पिटल , जयपुर ने रविवार, को एक ईसीजी कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला होटल फर्न, जयपुर में आयोजित की गई, जिसमें कार्डियोलॉजी विशेषज्ञों ने ईसीजी को सही तरीके से समझने पर अपने विचार साझा किए। इस में 100 से ज्यादा डॉक्टर्स ने पार्टिसिपेट किया और ईसीजी के महतव को जाना |
यह कार्यशाला उभरते हुए कार्डियोलॉजिस्ट और एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए थी। सत्र में ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) की बुनियादी जानकारी, सामान्य हृदय रोग और ईसीजी टेस्ट के महत्व पर चर्चा की गई।
पिछले 13 वर्षों से नारायणा अस्पताल, जयपुर व्यापक कार्डियक केयर के लिए जाना जाता है। इस दौरान अस्पताल ने 11,000 से अधिक हृदय सर्जरी और 34,000 से अधिक एंजियोप्लास्टी की हैं, जिसमें केवल उत्तर भारतीय ही नहीं बल्कि पूरे भारत के मरीजों का इलाज किया गया है।
ईसीजी के महत्व पर चर्चा*
नारायणा अस्पताल, जयपुर के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर, डॉ. देवेंद्र श्रीमाल ने बताया कि ईसीजी आपके दिल से आने वाले विभिन्न विद्युत संकेतों को दिखाता है। एक सामान्य ईसीजी में पी वेव्स, QRS कॉम्प्लेक्स और T वेव्स की नियमित पैटर्न दिखती हैं। इन पैटर्न्स में कोई भी असमानता हृदय समस्या का संकेत दे सकती है, इसलिए इसे सावधानीपूर्वक पढ़ना महत्वपूर्ण है।
सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अंशु काबरा और डॉ. विनोद पूनिया ने कहा कि जिन लोगों को पहले से ही हृदय रोग का निदान किया गया है, उनके लिए नियमित ईसीजी टेस्ट उनकी स्थिति की प्रगति को सटीक रूप से मॉनिटर करने में मदद कर सकते हैं। ईसीजी से विभिन्न हृदय स्थितियों जैसे अनियमित दिल की धड़कन, हार्ट अटैक, और हृदय की मांसपेशियों को हुए नुकसान का पता लगाया जा सकता है।
कार्यशाला में हृदय रोगों के निदान और उपचार में ईसीजी की भूमिका पर जोर दिया गया, जिससे डॉक्टर अधिक सटीक उपचार योजना बना सकें।