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डेजर्ट ब्लूम 2.0 एमएसएमई शिखर सम्मेलन में नवाचार और उद्यमशीलता पर जोर

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दिव्यराष्ट्र, जयपुर: राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में 16 अक्टूबर 2024 को “डेजर्ट ब्लूम 2.0 एमएसएमई शिखर सम्मेलन और नवाचार एक्सपो” का आयोजन किया गया, जिसमें देश के प्रमुख उद्योग विशेषज्ञों, उद्यमियों और शिक्षाविदों ने भाग लिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों एमएसएमई (MSME)  के क्षेत्र में नवाचार, सस्टेनेबिलिटी और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देना था। एक्सपो ने एमएसएमई एमएसएमई को नवीनतम तकनीकों और व्यापारिक अवसरों से अवगत कराया, ताकि वे अपने व्यवसाय को अगले स्तर पर ले जा सकें।

मुख्य अतिथियों और विशिष्ट जनों की उपस्थिति: कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री अशोक कुमार पांडे, जीएम और क्षेत्रीय प्रभारी, सिडबी जयपुर ने उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने एमएसएमई  क्षेत्र के विकास में सिडबी की भूमिका और एमएसएमई के सशक्तिकरण में वित्तीय सहायता के महत्व पर प्रकाश डाला। ओंकार बगारिया, सीईओ, विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी (वीजीयू) ने एमएसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा की। उन्होंने वीजीयू की भूमिका को एमएसएमई क्षेत्र में नवाचार और उद्यमशीलता के विकास में एक मजबूत आधार के रूप में प्रस्तुत किया।

विशिष्ट अतिथियों में डॉ. के.एल. जैन, अध्यक्ष, राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आरसीसीआई), और अक्षय गोयल, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, बीएनआई जयपुर-जोधपुर-अलवर-अजमेर, शामिल थे। डॉ. दीपक चितकारा, एसोसिएट प्रोफेसर, फार्मेसी विभाग, बिट्स पिलानी ने समापन पर धन्यवाद ज्ञापन दिया और एमएसएमई क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता के महत्व पर बल दिया।

पैनल चर्चाएं और प्रमुख सत्र: इस शिखर सम्मेलन में कई पैनल चर्चाओं और राउंड टेबल सत्रों का आयोजन किया गया, जिनमें विशेषज्ञों ने एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की। चर्चाओं के प्रमुख विषय थे:

ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक वाहन: इस पैनल में विशेषज्ञों ने बैटरी तकनीक में सुधार, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए राजस्थान में बाजार अपनाने की चुनौतियों और इनोवेशन के अवसरों पर चर्चा की।

जेम्स एंड ज्वैलरी: लैब-ग्रोन डायमंड्स और ज्वैलरी मार्केट में कस्टमाइजेशन के भविष्य पर विचार साझा किए गए। राजस्थान की ज्वैलरी इंडस्ट्री में नवाचार के महत्व पर जोर दिया गया।

ग्रीन क्राफ्ट्समैनशिप: पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों के उपयोग और अपसाइक्लिंग तकनीकों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। यह चर्चा एमएसएमई के लिए पर्यावरण-संवेदनशील व्यापारिक रणनीतियों पर केंद्रित थी।

खाद्य तकनीक और टिकाऊ कृषि वीजीयू के प्रोफेसर होशियार सिंह, डॉ. मुहिलन महेंद्रन, और पुष्पिंदर सिंह ने टिकाऊ कृषि और खाद्य प्रौद्योगिकी में नवीनतम विकास पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

नवाचार और बौद्धिक संपदा पर सत्र: एक विशेष सत्र में एमएसएमई को बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के बारे में जानकारी दी गई। इस वर्कशॉप में एमएसएमई को उनके उत्पादों और सेवाओं की सुरक्षा के लिए IPR के महत्व को समझाया गया, जिससे वे अपनी बौद्धिक संपदा को सुरक्षित रख सकें। इसके अलावा, टेक्सटाइल और पारंपरिक बुनाई, फार्मास्यूटिकल एपीआई, सोलर एनर्जी, और सप्लाई चेन मैनेजमेंट पर भी चर्चाएं की गईं, जिनमें विभिन्न उद्योगों के विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और विचार साझा किए।

समापन: समापन सत्र में वक्ताओं ने एमएसएमई क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता और व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। आयोजकों ने सिडबी और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि इस प्रकार के आयोजन एमएसएमई के लिए न केवल एक मंच प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें नई रणनीतियों और तकनीकों के बारे में जानकारी भी देते हैं, जो उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा कर सकती हैं।

इस सम्मेलन ने स्थानीय और राष्ट्रीय एमएसएमई को नए अवसरों की खोज और व्यापार में नवाचार के लिए प्रेरित किया, जिससे उन्हें वैश्विक मंच पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी।

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