जयपुर , दिव्यराष्ट्र/- ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल ने दिनांक 20/09/2024 को संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष – सुरेश अग्रवाल के नेतृत्व में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से जयपुर में मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात की | प्रतिनिधि मण्डल मे वरिष्ठ दाल उद्योगपति जयपुर से श्री संजय सेवानी (किशोर इंडस्ट्रीज़), मधुसुदन गर्ग (विक्रम एग्रो इंडस्ट्रीज़), पवन अग्रवाल (पवन इंडस्ट्रीज़), बीकानेर से अशोककुमार वासवानी (मोहन उद्योग), जयकिशन अग्रवाल सहित अन्य दाल मिलर्स सम्मिलित हुए |
उपरोक्त जानकारी देते हुए संस्था के अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति मे बताया कि गत दिनों राजस्थान सरकार की अधिसूचना क्रमांक – प.2 (32) विधि 2022 दिनांक 19/07/2024 जारी होने के उपरांत राजस्थान के सूक्ष्म, लधु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) में पंजीकृत दाल इंडस्ट्रीज़, ऑइल इंडस्ट्रीज़, फ्लोअर मिल्स, तिलहन उद्योग एवं मसाला उद्योगों पर संकट की स्थिति निर्मित हो गई है |
राजस्थान राज्य मे सूक्ष्म, लधु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) में पंजीकृत उद्योगों को होने वाली परेशानियों एवं कठिनाइयों से अवगत कराने एवं राज्य में मंडी शुल्क की दर 1% करने के लिए प्रतिनिधि मण्डल ने माननीय मुख्यमंत्रीजी से मुख्यमंत्री निवास पर भेट की एवं उन्हे अवगत कराया कि –
राजस्थान राज्य में मंडी शुल्क 1.60% एवं कृषक कल्याण शुल्क 0.50% इस प्रकार कुल 2.10% शुल्क लग रहा है | सरकार द्वारा दिनांक 19/07/2024 को जो अधिसूचना जारी की गई है, उससे दोहरा करारोपण हो रहा है अर्थात दाल मिलर्स द्वारा अन्य राज्यों से मंगाए जाने वाले दलहन को मंडी शुल्क का भुगतान करके खरीदा गया है, उस पर राजस्थान की मंडियों में पुनः मंडी शुल्क का भुगतान करना पड़ रहा है | राजस्थान की दाल इंडस्ट्रीज़ द्वारा राज्य के बाहर से प्रसंस्करण (दाल बनाने के लिए) मँगवाए जाने वाले खड़े दलहन -तुअर, मूंग, उड़द, मसूर, चना, मटर आदि पर मंडी शुल्क से छूट प्रदान करने की अत्यंत आवश्यकता है, ताकि राजस्थान की दाल मिले निरंतर दाल का उत्पादन कर सके |
मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया कि राजस्थान के पड़ोसी राज्यों – महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, दिल्ली आदि राज्यों में बाहर से (अन्य राज्यो से) कृषि उपज दलहन – तुअर, उड़द, मूंग, मटर, मसूर व चना आदि खरीदकर दाल बनाने पर मण्डी – शुल्क नहीं लगता है |
गुजरात राज्य में गुजरात के बाहर से दलहन मंगा कर (दाल बनाने पर) मण्डी शुल्क नहीं लगता है।
महाराष्ट्र राज्य में महाराष्ट्र के बाहर से दलहन मंगा कर (दाल बनाने पर) मण्डी शुल्क नहीं लगता है।
3. सरकार द्वारा जारी अधिसूचना से राजस्थान के सूक्ष्म, लधु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) में पंजीकृत दाल इंडस्ट्रीज़, ऑइल इंडस्ट्रीज़, फ्लोअर मिल्स, तिलहन उद्योग एवं मसाला उद्योगों पर संकट की स्थिति निर्मित हो गई है, इस प्रकार के नोटिफिकेशन से राज्य मे बहुराष्ट्रीय कंपनियों को फायदा होगा और परंपरागत कृषि आधारित उद्योगों को बहुत अधिक नुकसान होगा |
4. वर्तमान मे राजस्थान मे कृषि उपज पर अलग अलग दर से मंडी शुल्क लिया जा रहा है, जैसे – मोटे अनाज पर 0.50% एवं दूसरे खाद्यान्नों पर 1% तथा दलहन एवं अन्य वस्तुओ पर 1.60% की दर से मंडी शुल्क की दरे स्थापित है, जिन्हे कम करने की आवश्यकता है |
5. मण्डी शुल्क की छूट स्थाई रूप से नहीं मिलने से दाल उद्योगों द्वारा दाल बनाने के लिए राजस्थान के बाहर से कच्चा माल (दलहन) – तुअर, उड़द, मूंग, मसूर, मटर व चना मंगवाने पर पडोसी राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र व गुजरात के अनुसार ही राजस्थान में पॉलिसी बनाना चाहिए | अन्य राज्यों मे मंडी शुल्क की जानकारी –
राजस्थान में मण्डी शुल्क खरीदी पर लगता है। (किन्तु मंडी क्षेत्र के बाहर शुल्क नहीं लगता है) राजस्थान के व्यापारी व दाल मिलर्स राजस्थान में दलहन खरीदने पर मण्डी शुल्क का नियमित भुगतान कर रहे हैं।
6. राजस्थान में मण्डी शुल्क 2.10% होने के कारण राजस्थान के पड़ोसी राज्यों गुजरात के – बड़ौदा, दाहोद, गोधरा, हिम्मतनगर एवं महाराष्ट्र राज्य के – जलगांव, भुसावल, धुलिया एवं नागपुर की दालें राजस्थान में आकर बिकेंगी, क्योंकि वहां मण्डी शुल्क कम है। राजस्थान की दाल इंडस्ट्रीज की दालें मण्डी शुल्क के कारण मंहगी होने से दालो की बिक्री कम हो रही हैं तथा प्रदेश की दाल मिलों का उत्पादन धीरे धीरे कम हो रहा है |