जयपुर,, दिव्यराष्ट्र/ साइबर सुरक्षा आज के समय को देखते हुए हर व्यक्ति के लिए विशेष महत्व रखती है .बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए आम इंसान किस तरह से अवेयर रह सकता है उसके लिए तमाम एक्सपर्ट अपने अपने विचार समय समय पर लोगों के साझा करते रहते है .इसी क्रम में वैश्विक साइबर सुरक्षा मामलों में विशेष एक्सपर्ट और अपने अनुभव से लोगों में अवेयरनेस जगाने वाले आर्येंद्र दलाल भी समय समय पर लोगों से अपने अनुभव साझा करते है .आपको बता दे आर्येंद्रदलाल को साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में लगभग 22 वर्षों का अनुभव है .उन्होंने साइबर सुरक्षा,एप्लिकेशन सुरक्षा,नेटवर्क और क्लाउड सुरक्षा,ईआरपी सुरक्षा और गवर्नेंस, जोखिम और अनुपालन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है .उनका कार्य क्षेत्र भारत,यूरोप,और अमेरिका तक फैला है .और वे बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे जॉनसन एंड जॉनसन,पेप्सिको,एबीएन-अंब्रोबैंक,डाउकेमिकल्स,वॉलमार्ट जैसी बड़ी संस्थाओं में सेवा दे चुके है .इसके साथ ही आर्येंद्र साइबर सुरक्षा और ए आई पर कई शैक्षणिक पत्र भी प्रकाशित कर चुके है. आर्येंद्र के अनुसार आज के डिजिटल युग में हमारा जीवन लगभग पूरी तरह से ऑनलाइन हो गया है .चाहे वो बैंकिग हो,खरीददारी हो, या फिर दोस्तों और परिवारों से जुड़ना हो.वैसे तो इंटरनेट ने बहुत सारी चीजे आसान बना दी है .लेकिन इसके साथ साथ जोखिम भी बढ़ गया है .और उस खतरे के लिए अधिकांश लोग पूरी तरह से तैयार नही है आर्येंद्र के अनुसार साइबर सुरक्षा केवल बड़े व्यापरियों के लिए चिंता का विषय नहीं है बल्कि ये आम लोगों की वित्त और पहचान की सुरक्षा के लिए प्राथमिकता बन गई है .
मजबूत साइबर सुरक्षा के लिए आर्येंद्र के सुझाव
1. मजबूतऔर अनोखे पासवर्ड बनाएं
आपकी ऑनलाइन सुरक्षा के लिए सबसे सरल लेकिन सबसे महत्वपूर्ण काम मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना है।हैकर्स अक्सर उन लोगों पर निर्भर रहते हैं जो आसानी से अनुमान लगाने वाले पासवर्ड का उपयोग करते हैं या एक ही पासवर्ड को कई साइटों पर दोहराते हैं।अपने अकाउंट्स को सुरक्षित रखने के लिए आर्येंद्र निम्नलिखित सुझाव देते हैं:
• बड़े और छोटे अक्षरों, संख्याओं, और विशेष चिह्नों का संयोजन करें।
• अपना पासवर्ड कम से कम 12 अक्षरों का बनाएं।
• अपने नाम, जन्मतिथि, या “पासवर्ड 123” जैसे स्पष्ट जानकारी का उपयोग करने से बचें।
•पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें जो आपको जटिल पासवर्ड सुरक्षित रूप से बनाने और संग्रहीत करने में मदद कर सकता है।
“अपने पासवर्ड को अपने घर की चाबी की तरह समझें—क्या आप एक कमजोर चाबी का उपयोग करेंगे या हर किसी को एक ही चाबी देंगे?” आर्येंद्र सलाह देते हैं।जितना मजबूत औरअनोखा आपका पासवर्ड होगा, उतनी ही कम संभावना है कि हैकर्स उस तक पहुँचपाएंगे।
2. फिशिंग घोटालों को पहचानें
फिशिंग हैकिंग का सबसे सामान्य तरीका है जिसमें हैकर्स आपकी जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं।इसमें आपको किसी भरोसेमंद स्रोत (जैसे आपका बैंक या कोई प्रसिद्ध कंपनी) के नाम पर एक ईमेल या संदेश मिलता है जिसमें आपसे लिंक पर क्लिक करने या अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने को कहा जाता है।
आर्येंद्र सुझाव देते हैं जिससे आप फिशिंग प्रयासों को पहचान सकते हैं:
• प्रेषक के ईमेल पते की जाँच करें।फिशिंग ईमेल वैध पते के समान दिखने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन उनमें हल्का अंतर हो सकता है।
• वर्तनी की गलतियों या “प्रिय ग्राहक” जैसे सामान्य अभिवादन की तलाश करें।यह दर्शाता है कि ईमेल व्यक्तिगत नहीं है।
• संदिग्ध ईमेल से प्राप्त लिंक पर क्लिक करने या अटैचमेंट डाउनलोड करने से बचें।इसके बजाय, कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर सीधे जाएं।
“फिशिंग हमले अधिक परिष्कृत हो रहे हैं, लेकिन हमेशा कोई न कोई संकेत होता है जिसे आप ध्यान से देख सकते हैं।अगर कुछ सही नहीं लगता, तो वह शायद सही नहीं है,
वही मजबूत पासवर्ड माना जाता है कि यह पहला सुरक्षा कवच है .वही आर्येंद्र सलाह देते है कि इसके साथ ही टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2एफए) भी जोड़े.यह न केवल आपके पासवर्ड की आवश्यकता होती है.बल्कि लॉगइन करने के लिए एक अतिरिक्त जानकारी भी चाहिए होती है.
वही 2एफए का उपयोग करने से हैकर्स के लिए आपके अकाउंट तक पहुंच पाना बहुत कठिन हो जाता है .क्योंकि भले ही वे आपका पासवर्ड चुरा लें,उन्हें दूसरी सत्यापन जानकारी की भी आवश्यकता होती है.2एफए को अपने दरवाजे पर एक अतिरिक्त ताले की तरह समझें,
वही सार्वजनिक वाई फाई प्रयोग करने में भी कई खतरों का सामना करना पड़ता है .वही इसके संदर्भ में आर्येंद्र ने कहा कि संवेदनशील खातों,जैसे ऑनलाइन बैकिंग का उपयोग करने से बचना चाहिए.वही वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (पीवींएन)का उपयोग भी करना चाहिए.जो आपके इंटरनेट ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट करता है .जिससे हैकर्स के लिए उसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल हो जाता है .साथ ही फाइल साझा करना या खुले नेटवर्क से स्वचालित कनेक्शन जैसी सुविधाओं को भी अक्षम कर दें.
साथ ही आर्येंद्र कहते है कि हमेशा ही अपने मोबाइल या नेटवर्क के सॉफ्टवेयर को अपडेट करें.हैकर्स के लिए आपके उपकरणों तक पहुंचने का एक सामान्य तरीका पुराने सॉफ्टवेयर का उपयोग है .इसलिए हमेशा ऑपरेटिंग सिस्टम ऐप्स,और एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को अपडेट रखना चाहिए.
ऑनलाइन जानकारियां साझा करने से पहले भी सतर्क रहने की जरुरत है .आर्येंद्र सुझाव देते है कि आप अपने पते,फोन नंबर,या छुट्टियों की योजना जैसी बहुत अधिक व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचे.आर्येंद्र के अनुसार नियमित रुप से डेटा का बैक अप लेना चाहिए,साथ ही अपने बैंक खातों,क्रेडिट कार्डस की गतिविधि पर लगातार निगरानी जरुरी है .साथ ही नियमित रुप से बैंक के स्टेटमेंट है उनकी भी समीक्षा करनी चाहिए.