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उज्जवल भविष्य के लिए राजस्थान के स्टूडेंट्स को सशक्त बना रही है बेंगलुरु की दयानंद सागर यूनिवर्सिटी

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जयपुर, दिव्य राष्ट्र/ दयानंद सागर यूनिवर्सिटी (डीएसयू), बेंगलुरु का उद्देश्य राजस्थान के स्टूडेंट्स की प्रतिभा व कौशल को निखारकर उन्हें सशक्त बनाना है, ताकि वे भविष्य के जिम्मेदार नागरिक और सशक्त लीडर बन सकें। हालांकि राजस्थान में साक्षरता दर लगभग 69 प्रतिशत है, इसलिए डीएसयू यहां के स्टूडेंट्स को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने और उनके सपनों को साकार करने का मजबूत मंच प्रदान करके इस अंतर को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. अमित भट्ट ने मंगलवार को जयपुर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दयानंद सागर यूनिवर्सिटी किस तरह राजस्थान के स्टूडेंट्स को उनकी क्षमताओं को निखारने और सफल करियर बनाने में मदद कर सकती है।

डॉ. अमित भट्ट ने बताया कि बेंगलुरु आज उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन चुका है। इसके पीछे मुख्य कारण है कि यहां उच्च शिक्षा के कई अवसर उपलब्ध हैं, जिसमें कौशल निर्माण और रोजगार पर विशेष जोर दिया जाता है। भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरु में कई प्रमुख मल्टीनेशनल व आईटी कंपनियों की मौजूदगी है। यह माहौल स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री की नवीनतम जानकारी हासिल करने में मददगार साबित होता है। डीएसयू में वर्तमान में 18 हजार से अधिक स्टूडेंट्स इंडस्ट्री के मानकों को पूरा करने वाले यूनिवर्सिटी के अत्याधुनिक पाठ्यक्रम से लाभान्वित हो रहे हैं।

वाइस चेयरमेन और प्रो चांसलर डॉ. प्रेमचंद सागर के नेतृत्व में नेक ए प्लस ग्रेड प्राप्त दयानंद सागर यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम को शिक्षा को व्यावहारिक और इंडस्ट्री के लिए जरूरी कौशल के साथ एकीकृत करने के अनुसार डिजाइन किया गया है, ताकि स्टूडेंट्स प्रोफेशनल दुनिया के लिए अच्छे से तैयार हो सकें। डॉ. अमित भट्ट ने जानकारी दी कि दक्षिण बेंगलुरु में हरे-भरे 130 एकड़ के परिसर वाली यूनिवर्सिटी के विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, क्लासरूम, हॉस्टल व प्लेग्राउंड शामिल हैं, जो स्टूडेंट्स के सीखने और व्यक्तित्व विकास, दोनों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, कैंपस में हेल्थ साइंसेज की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च सेंटर भी शामिल है। डीएसयू सभी योग्य स्टूडेंट्स के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ बनाने में विश्वास करती है। नाममात्र की फीस और सालाना 6.5 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप यह सुनिश्चित करती है कि प्रतिभावान युवा वित्तीय बाधाओं को भूलकर अपने सपने पूरे कर सकें।

दयानंद सागर यूनिवर्सिटी की शिक्षण पद्धति इंडस्ट्री की डिमांड के साथ सामंजस्य बैठाने के अनुसार डिजाइन की गई है, जो स्टूडेंट्स को रोजगार के अवसरों के लिए तैयार करती है। यहां का पाठ्यक्रम व्यावहारिक शिक्षा पर आधारित है, जो स्टूडेंट्स को उनके करियर में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक सभी कौशल से लैस करता है। यूनिवर्सिटी में 300 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा प्लेसमेंट किए जाते हैं, जिससे स्टूडेंट्स को ग्रेजुएट होने पर प्लेसमेंट के बेहतरीन अवसर मिलते हैं।

डीएसयू के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर दीपक कालोखे ने बताया कि यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग, लॉ, कॉमर्स, मैनेजमेंट, डिजाइन, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, एप्लाइड एंड हेल्थ साइंस और एमबीबीएस सहित विभिन्न विषयों में शैक्षिक कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है। दयानंद सागर यूनिवर्सिटी आज के स्टूडेंट्स को जिम्मेदार नागरिक और भविष्य के प्रोफेशनल लीडर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। स्टूडेंट्स को अत्याधुनिक शिक्षा, इंडस्ट्री के अनुभव के साथ—साथ व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक विकास के पर्याप्त अवसर प्रदान करके डीएसयू यह सुनिश्चित करती है कि राजस्थान सहित देशभर के युवा सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंच सकें।

दयानंद सागर एंटरप्रेन्योरशिप रिसर्च एंड बिजनेस इन्क्यूबेशन फाउंडेशन –

रोहन प्रेम सागर के नेतृत्व में दयानंद सागर एंटरप्रेन्योरशिप रिसर्च एंड बिजनेस इन्क्यूबेशन फाउंडेशन (डीईआरबीआई) यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स में इनोवेशन व उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह उद्यमिता में रूचि रखने वाले युवाओं को व्यापक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपने विचारों को व्यवहार्य एवं स्केलेबल व्यवसाय में बदलने के लिए महत्वपूर्ण संसाधन, सलाह और रणनीतिक मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इनक्यूबेशन सेंटर में स्टूडेंट्स को अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री विशेषज्ञों के मार्गदर्शन, नेटवर्किंग के अवसर और अपने उपक्रमों को शुरू करने के लिए संभावित फंडिंग के अवसर भी प्राप्त होते हैं।

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