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आर्यिका निरंजनमती माताजी का यमसल्लेखना पूर्वक समाधि मरण

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बिलवा स्थित शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में गणिनी आर्यिका नंगमती माताजी के सानिध्य में हुई समाधि

जयपुर। दिव्यराष्ट्र/टोंक रोड़ के बिलवा स्थित शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, सुधर्म नंग अहिंसा ट्रस्ट के परिसर में गणिनी आर्यिका रत्न सुपार्श्वमती माताजी एवं गणिनी आर्यिका रत्न गौरवमती शिष्या आर्यिका निरंजनमती माताजी का शनिवार को यम सल्लेखना पूर्वक सम्यक समाधिमरण गणिनी आर्यिका नंगमती माताजी के सानिध्य में हो गया। जिसके पश्चात जैन परंपराओं के अनुसार ब्रह्मचारी जिनेश भैया के निर्देशन में निरंजनमती माताजी की अंतिम डोल यात्रा निकाली गई और मंत्रोच्चारण के साथ माताजी के शरीर को पंचतत्व में विलीन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण एकत्रित हुए और पूज्य माताजी को नम आंखों के साथ विदाई दी।
आर्यिका निरंजनमती माताजी को सर्व प्रथम छुल्लिका दीक्षा 15 फरवरी 2015 को गणिनी आर्यिका रत्न गौरवमती माताजी द्वारा मानसरोवर स्थित वरुण पथ जैन मंदिर पर प्रदान की गई थी, उस समय माताजी को श्रेयांशमती नाम प्रदान किया गया था, क्योंकि उस दिन तीर्थंकर श्रेयांसनाथ भगवान का जन्म एवं तप कल्याणक पर्व था। इसके पश्चात वर्ष 2021 में गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी का देवलोक हो जाने के बाद छुल्लिका श्रेयांशमती माताजी गणिनी आर्यिका नंगमती माताजी के संघ में सम्मिलित हो गई थी, नंगमती माताजी द्वारा 31 जुलाई 2024 को ही आर्यिका दीक्षा प्रदान की गई थी, तब माताजी को निरंजनमती नाम प्रदान किया गया।

आर्यिका निरंजनमती माताजी का परिचय*

जन्म नाम — पदमा जैन
जन्म – 20 फरवरी 1932
फाल्गुन शुक्ल सप्तमी , वि. सं. 1988
जन्मस्थान — धामणिया ग्राम , निकट चंवलेश्वर पार्श्वनाथ , जिला – भीलवाडा , राजस्थान
पिता – स्व.श्री कन्हैया लाल जी जैन झांझरी
माता – स्व.श्रीमती गट्टु देवी जैन झांझरी
पति – स्व.श्री कुंदनमल जी जैन सौगाणी
ससुराल – ग्राम – पलासिया , तहसील जहाजपुर, जिला – भीलवाड़ा
संतान – पुत्र 3, पुत्री 2
एक पुत्री ब्र.मुन्ना दीदी है, जो गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी के संघस्थ रही और अब गणिनी आर्यिका श्री नंगमती माताजी के संघ में है।

छुल्लिका दीक्षा – 15 फरवरी 2015 (वरुण पथ, मानसरोवर, जयपुर)
दीक्षा गुरु – गणिनी आर्यिका रत्न गौरवमती माताजी
आर्यिका दीक्षा – 31 जुलाई 2024 (बिलवा, टोंक रोड़, जयपुर)
दीक्षा गुरु – गणिनी आर्यिका नंगमती माताजी

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