दिव्यराष्ट्र, मुंबई: अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड (बीएसई: 540879, एनएसई: APOLLO), कस्टम-बिल्ट इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सॉल्यूशंस के डिज़ाइन, डेवलपमेंट और असेंबली में अग्रणी, ने घोषणा की है कि उसके बोर्ड ने परिवर्तनीय वारंट्स इश्यू करने के माध्यम से 264.61 करोड़ रुपये तक बढ़ाने हेतु 108 रुपये प्रति वारंट कीमत पर रेगुलेटरी/स्टेट्यूटरी अथॉरिटीज़ और कंपनी के सदस्यों के अनुमोदन के अधीन मंज़ूरी दे दी है।
प्रपोज़्ड अलॉटीज़ में प्रमोटर ग्रुप के साथ-साथ नॉन-प्रमोटर ग्रुप के कुछ चिन्हित सदस्य भी शामिल हैं। एफपीआई (FPIs) एमिनेंस ग्लोबल फंड, नॉर्थ स्टार अपॉर्चुनिटीज़ फंड और एजी डायनेमिक फंड प्रस्तावित आवंटियों में से हैं। हाल ही में कंपनी ने घोषणा की कि उसे भारतीय सेना से एक प्रोजेक्ट मिला है। अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड की क्षमता को ध्यान में रखते हुए उसे शॉर्टलिस्ट किया गया है और उसे भारतीय सेना द्वारा मेक II प्रोजेक्ट से सम्मानित किया गया है।
यह प्रोजेक्ट DAP-2020 की मेक II कैटेगरी के अंतर्गत व्हीकल माउंटेड काउंटर स्वार्म ड्रोन सिस्टम (वर्जन I) की खरीद के लिए है। यह प्रोजेक्ट कंपनी के लिए बहुत प्रतिष्ठित और पहला मेक II प्रोजेक्ट है। कंपनी को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उसके द्वारा विकसित सिस्टम ‘अत्याधुनिक’ और अत्यधिक भविष्यवादी हैं। मेक II परियोजना के रूप में, इसमें कोई लागत दायित्व शामिल नहीं होगा।
इससे पहले, कंपनी ने 31 मार्च 2024 को समाप्त तिमाही और वर्ष के लिए अपनी आय की सूचना दी थी।
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने वित्त वर्ष 24 में महत्वपूर्ण वित्तीय वृद्धि हासिल की, जो मुख्य रूप से मज़बूत ऑर्डर निष्पादन से प्रेरित थी। फाइनेंशियल ईयर 24 की चौथी तिमाही के लिए रेवेन्यू 1,354.37 मिलियन रुपये से ऊपर उठकर फाइनेंशियल ईयर 23 की चौथी तिमाही में 1,068.46 मिलियन रुपये रहा, इसी के साथ पूरे साल का रेवेन्यू वित्त वर्ष 23 में 2,975.26 मिलियन रुपये की तुलना में 3,716.34 मिलियन रुपये रहा, जो 24.91% की स्वस्थ वृद्धि दर्शाता है। फाइनेंशियल ईयर 24 की चौथी तिमाही के लिए कंपनी का एबिटा (EBITDA) फाइनेंशियल ईयर 23 की चौथी तिमाही में 228.83 मिलियन रुपये से बढ़कर 287.43 मिलियन रुपये हुआ और पूरे वित्तीय वर्ष के लिए यह 838.66 मिलियन रुपये तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 23 में 640.91 मिलियन रुपये से ऊपर था। यह तिमाही के लिए 25.61% और वर्ष के लिए 30.85% की वृद्धि दर्शाता है, जिसका श्रेय परिचालन के बढ़े हुए पैमाने और लागत-कुशल निष्पादन को दिया जाता है।
शुद्ध लाभ (PAT) फाइनेंशियल ईयर 23 की चौथी तिमाही में 72.15 मिलियन रुपये की तुलना में फाइनेंशियल ईयर 24 की चौथी तिमाही के लिए 129.31 मिलियन रुपये था और फाइनेंशियल ईयर 24 के लिए यह 311.07 मिलियन रुपये की तुलना में फाइनेंशियल ईयर 23 में 187.38 मिलियन रुपये था। फाइनेंशियल ईयर 24 की चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ (PAT) मार्जिन 9.55% और पूरे वित्तीय वर्ष के लिए 8.37% था।
वर्तमान में, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स (AMS) 55,000 वर्ग फुट की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी संचालित करता है, जिसमें 40,000 वर्ग फुट और 3,50,000 वर्ग फुट की दो अतिरिक्त सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। ये एक्सपेंशन इसकी मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे, उत्पादन में वृद्धि का समर्थन करेंगे और बढ़ती मांग को पूरा करेंगे। अपोलो माइक्रो सिस्टम्स (AMS) 700 से अधिक ऑन-बोर्ड टेक्नोलॉजीज़ का दावा करता है और एक सब-सिस्टम पार्टनर के रूप में 150 से अधिक स्वदेशी कार्यक्रमों और 60 डीसीपीपी कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल है।
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स (AMS) 1985 में स्थापित, कस्टम निर्मित इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सॉल्यूशंस के डिज़ाइन, डेवलपमेंट और असेंबली में अग्रणी है। अपोलो माइक्रो सिस्टम्स प्राथमिक ग्राहकों के रूप में एयरोस्पेस, डिफेंस और स्पेस के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर आधारित सॉल्यूशंस प्रदान करता है और रेलवे, ऑटोमोटिव और होम लैंड सिक्योरिटी बाज़ारों के लिए भी सॉल्यूशंस देता है। कंपनी स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास में लगी हुई है और हैदराबाद में स्पेस और डिफेंस डिपार्टमेंट के लिए काम करने वाली पहली कंपनियों में से एक है, जो डिज़ाइन सेवाएं प्रदान करती है। इसके तकनीकी समाधानों का विस्तृत स्पेक्ट्रम और शुरू से अंत तक डिज़ाइन, असेंबली और परीक्षण क्षमताएं इसे प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाती हैं। कंपनी एंड-टू-एंड डिज़ाइन, असेंबली और टेस्टिंग सर्विसेज़ देती है। इसमें इंजीनियरों का एक समूह है जो अपने डिज़ाइन, इंजीनियरिंग क्षमताओं का प्रदर्शन करते हैं और लाइफ सायकल प्रोडक्ट्स को समर्थन देते हैं।
इसकी इंजीनियरिंग सर्विसेज़ टीम बिल्ड टू स्पेसिफिकेशंस (BTS) और बिल्ड टू प्रिंट सर्विसेज़ (BTP) प्रदान करती है।