जयपुर, दिव्यराष्ट्र/। राजस्थान के झुंझुनू जिले के निवाई गांव की बेटी अनीता चौधरी, जो मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर की दूरस्थ शिक्षा की छात्रा भी हैं, इस साल पैरालंपिक 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। अनीता का चयन रोइंग (पीआर3डब्बल मिक्सड) 2के एम टीम में हुआ है,, और अब वह अपने सपने को साकार करने के लिए तैयार हैं।
अनीता न केवल एक उत्कृष्ट एथलीट हैं, जिन्होंने एशियाई पैरा गेम्स 2023 में रजत पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया, बल्कि वह एक मेधावी छात्रा भी हैं। उन्हें पढ़ाई में गहरी रुचि है और वे अपने माता-पिता के हर सपने को पूरा करने की इच्छा रखती हैं।
अनीता के पिता, धन्नाराम खीचड़, भारतीय सेना में पूर्व सूबेदार के पद पर कार्यरत थे। अनीता के जीवन में संघर्ष का दौर तब शुरू हुआ जब करीब 10 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में उनका एक पैर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके कारण उसे काटना पड़ा। इसके बावजूद अनीता ने कभी हार नहीं मानी और उन्होंने अपने जीवन को एक नई दिशा दी।
सपनों की ओर बढ़ते कदम
अनीता का हमेशा से सपना था कि वह ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतें। उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री की पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी जारी रखी। चीन में आयोजित एशियाई पैरा गेम्स में रजत पदक जीतने के बाद, अब अनीता 28 सितंबर से शुरू हो रहे पैरालंपिक 2024 में हिस्सा लेने जा रही हैं।
मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर का गौरव
अनीता के इस गौरवमयी चयन पर मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर के अध्यक्ष एन. एन. शर्मा ने उन्हें हार्दिक बधाई दी। प्रो-प्रेसिडेंट कमोडोर (डॉ.) जवाहर एम. जांगिड़, रजिस्ट्रार डॉ. नीतू भटनागर, डॉ. रीना पूनिया (निदेशक खेलकूद), और डॉ. मल्लिकार्जुन गडापा (निदेशक ओडीएल) एवं यूनिवर्सिटी के अन्य बोर्ड के सदस्यों ने भी अनीता को शुभकामनाएँ दीं और उनके साहस और संकल्प की सराहना की।
अनीता का यह कदम न केवल उनके लिए बल्कि पूरे राजस्थान और देश के लिए गर्व का क्षण है। अनीता ने यह साबित कर दिया है कि सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए सिर्फ इच्छाशक्ति और हौसला होना जरूरी है।