मुंबई, दिव्यराष्ट्र/ अक्षय कुमार की रियल लाइफ जर्नी एक ऐसी कहानी है जो मानवीय भावना की जीत को दर्शाती है। उनकी सिंपल शुरुआत से लेकर इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक बनने तक की उनकी कहानी हजारों लोगों के लिए एक प्रेरणा है। हालांकि अक्की की सफलता का ये रास्ता जरा भी आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने बिना हार माने अपनी मेहनत, दृढ़ता और अपनी क्षमताओं में अटूट विश्वास से इसे तय हासिल किया। एक मार्शल आर्ट इंस्ट्रक्टर से लेकर ग्लोबल आइकन बनने तक का खिलाड़ी कुमार का सफर आज भी किसी की डेस्टिनी को तराशने के लिए बाधाओं को मात देने के सार का प्रतीक है।
अक्षय का शुरूआती जीवन संघर्ष और दृढ़ संकल्प का मिश्रण था। भारत में तायक्वोंडो में ब्लैक बेल्ट हासिल करने के बाद, वह बैंकॉक, थाईलैंड चले गए, जहां उन्होंने मय थाई सीखी और शेफ और वेटर के रूप में काम किया। उनका सफर कोलकाता, ढाका और दिल्ली में विभिन्न नौकरियों के माध्यम से जारी रहा, जिसमें एक ट्रैवल एजेंसी, एक होटल में काम करना और गहने बेचना शामिल था। इन अनुभवों ने न केवल उनके लचीलेपन का परीक्षण किया बल्कि कुछ बड़ा हासिल करने के उनके सपने को भी बढ़ावा दिया। मुंबई लौटकर अक्की ने मार्शल आर्ट सिखाना शुरू किया, एक ऐसा फैसला जो अनजाने में उन्हें उनके असली लक्ष्य की ओर ले गया।
मॉडलिंग में अक्षय कुमार की एंट्री एक स्टूडेंट के पिता, जो कि एक मॉडल कॉर्डिनेटर थे, उनकी सिफ़ारिश के जरिए हुई। उन्होंने 18 महीने तक एक फोटोग्राफर के असिस्टेंट के रूप में मेहनत की जिसे पे नहीं मिलता था। इस बीच अक्की ने अपना पहला पोर्टफोलियो तैयार किया और फिल्मों में बैकग्राउंड डांसर के रूप में भी काम किया। बाद में, उन्हें सफलता 1992 में अब्बास-मस्तान द्वारा निर्देशित सस्पेंस थ्रिलर “खिलाड़ी” से मिली। अक्षय कुमार की प्रभावशाली स्क्रीन उपस्थिति और मुख्य भूमिका में सहजता ने फिल्म इंडस्ट्री का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, जिससे बिना पीछे मुड़कर देखे उनके शानदार करियर की शुरुआत हुई।
पिछले 33 सालों में, अक्षय कुमार ने “खिलाड़ी” फ्रेंचाइजी और मोहरा जैसी एक्शन फिल्मों से लेकर “हेरा फेरी” और “सिंह इज़ किंग” जैसी कॉमेडी क्लासिक्स से लेकर “एयरलिफ्ट”, “ओएमजी”, “पैडमैन,” और “मिशन मंगल” जैसी दिल छू लेने वाली फिल्मों तक, सभी में प्रतिभा की एक अविश्वसनीय सीरीज का प्रदर्शन किया है। उनका अनुशासन, कड़ी मेहनत और असीम दृढ़ता महान बन गई है, जिसने दुनिया भर में अनगिनत प्रशंसकों को प्रेरित किया है।
अक्षय कुमार की विभिन्न भूमिकाओं में ढलने और परफेक्शन हासिल करने की क्षमता कला के प्रति उनके समर्पण और प्रासंगिक बने रहने की उनकी चाहत को उजागर करता है। बड़े सपने देखने वाले एक आम आदमी से लेकर तीन दशकों से अधिक समय तक एक मशहूर सुपरस्टार बनने तक का उनका सफर, विपरीत परिस्थितियों पर काबू पाने और महानता हासिल करने की मानवीय भावना की क्षमता का एक दमदार प्रमाण है।