गुरुग्राम: भारत के अग्रणी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स में से एक, भारती एयरटेल (“एयरटेल”) ने आज घोषणा की है कि उसने वर्जिन प्लास्टिक से बने सिम कार्ड्स की जगह रिसाइकल्ड प्लास्टिक से बने सिम कार्ड लॉन्च कर दिए हैं। कंपनी ने इसके लिए आईडीईएमआईए सिक्योर ट्रांजैक्शंस के साथ साझेदारी की है। एयरटेल हमेशा से ही पर्यावरण के अनुकूल और ज़िम्मेदार सर्कुलर बिजनेस प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इसी कड़ी में, एयरटेल ने आईडीईएमआईए सिक्योर ट्रांजैक्शंस के साथ साझेदारी की है, जो आईडीईएमआईए ग्रुप का हिस्सा है। यह ग्रुप वित्तीय संस्थानों, मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों और ऑटोमोटिव निर्माताओं के लिए भुगतान और कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस प्रदान करता है।
एयरटेल भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री में पहली टेलीकॉम कंपनी बन गई है, जिसने रिसाइकिल प्लास्टिक से बने सिम कार्ड लॉन्च किए हैं। अब सिम कार्ड बनाने में वर्जिन प्लास्टिक की जगह रिसाइकिल किए गए प्लास्टिक का इस्तेमाल होगा। इस बदलाव से एक वर्ष में 165 टन से ज्यादा प्लास्टिक का इस्तेमाल कम होगा। साथ ही, 690 टन से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम होगा।
यह बदलाव एयरटेल के पर्यावरण संरक्षण के लिए उसकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है और कंपनी इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं। एयरटेल ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने नए तरीकों पर काम कर रही है, इसके लिए कंपनी अपने सप्लायर्स और अन्य बिजनेस साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रही ताकि उन्हें भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का प्रोत्साहन मिले।
पंकज मिगलानी, डायरेक्टर, सप्लाई चेन, भारती एयरटेल ने कहा, “हम यह घोषणा करते हुए खुश हैं कि हम इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री में सबसे आगे रहते हुए एक और पहल कर रहे हैं। एक ब्रांड के रूप में, हम पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न टिकाऊ उपायों को अपनाने और भारत के नेट ज़ीरो लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान देने का प्रयास करते हैं।आईडीईएमआईए के साथ हमारा सहयोग इस बात का प्रमाण है कि हम एक स्थायी भविष्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
राहुल टंडन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष – कनेक्टिविटी सर्विसेज, इंडिया, आईडीईएमआईए सिक्योर ट्रांजैक्शंस, ने कहा, “हमें एयरटेल के साथ अपनी दीर्घकालिक साझेदारी पर गर्व है। हम भारत में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और अपने ग्राहकों को ग्रीन सॉल्यूशन प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए एयरटेल को बधाई देते हैं। मैं ऐसे नवाचारों को संभव बनाने के लिए हमारी सभी रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीमों को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ।”
एयरटेल ने 2020-21 को आधार मानते हुए 2030-31 तक अपने सभी ऑपरेशन में स्कोप 1 और 2 ग्रीन हाउस उत्सर्जन 50.2% तक कम करने का लक्ष्य रखा है। यह कदम जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए उठाया गया है। कंपनी ने इसी समय सीमा में अपने पूर्ण दायरे 3 जीएचजी उत्सर्जन को 42% तक कम करने के लिए भी प्रतिबद्धता जताई है। इस प्रतिबद्धता के अनुरूप, एयरटेल पर्यावरण संरक्षण के लिए कई काम कर रही है। कंपनी ऊर्जा संरक्षण, ग्रीन एनर्जी का उपयोग करने और अपशिष्ट को कम करने का प्रयास कर रहा है वे यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनका नेटवर्क जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर सके।
कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य एक पैमाना है जो हमें जानकारी देता है कि अलग-अलग ग्रीनहाउस गैसें (जीएचजी) ग्लोबल वार्मिंग के लिए कितनी गर्मी पैदा करती हैं। इसे कार्बन डाइऑक्साइड के समकक्ष मात्रा में मापा जाता है।