आध्यात्मिक एवं भौतिक विकास के बीच संतुलन बनाना आवश्यक – आचार्य लोकेश*
दिल्ली , दिव्यराष्ट्र/अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य डॉ लोकेश ने संपर्क भारती द्वारा दिल्ली एनसीआर मे आयोजित सनातनी प्रोफेशनल संगोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा कि भारत के युवाओं का प्रगति एवं विकास मे वही स्थान है जो शरीर में मेरुदंड का है, मैं उनके साथ हूँ | उन्होने कहा कि विश्व के कोने कोने में भारतीय संस्कृति जुड़े प्रॉफेश्नल हर क्षेत्र मे अपना योगदान दे रहे है | विश्व के आर्थिक, आध्यात्मिक, शैक्षिक, चिकित्सा, विज्ञान आदि सभी क्षेत्रों मे उल्लेखनीय योगदान है | कार्यक्रम को महंत श्री बालकनाथ, कार्यक्रम के संयोजक जर्मनी से आए विकास कुमार, डॉ मुथूस्वामी गुरुजी एवं डॉ कर्नल तेज टुक्कु ने संबोधित किया | आचार्य लोकेश का शाल उढ़ाकर आयोजकों ने स्वागत किया |
आचार्य लोकेश ने युवाओं प्रश्नो के उत्तर देते हुये कहा कि अहिंसा विश्व भारती द्वारा गुरुग्राम में स्थापित विश्व शांति केंद्र का शीघ्र उदघाटन होने जा रहा है | जहां पर शारीरिक, मानसिक और भावात्मक स्वस्थ के योग व ध्यान के विशेष कार्यक्रम चलाये जाएंगे | आध्यात्मिक विकास एवं भौतिक विकास के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है, युवा इस क्षेत्र में बहुत अधिक योगदान दे सकते है |
उल्लेखनीय है कि 7 से 29 सितंबर तक हरियाणा के विभिन्न नगरों में आयोजित कोंक्लेव के माध्यम से युवाओं को शिक्षा और रोजगार के लिए सहयोग के अवसर प्रदान किए जाएंगे|