तिरूपति, सिलीगुड़ी, इंदौर और अलवर में बनेंगे वितरण केन्द्र
जयपुर। दिव्यराष्ट्र/ चिरंजीवी भगवान श्री परशुराम के स्मरण, दर्शन एवं भक्ति से आयुष्य और सामर्थ्य की श्रीवृद्धि सुनिश्चित है। इसी परमार्थी उद्देश्य से ‘इस्पेक’ द्वारा एक अभिनव प्रकल्प का शुभारंभ किया जा रहा है। विप्र फाउंडेशन द्वारा स्थापित इंटरनेशनल सोसायटी फॉर परशुराम कॉन्शसनेस की चेयरमैन डॉ. हर्षा त्रिवेदी ने बताया कि ‘इस्पेक’ श्रीमन्नारायण भगवान परशुराम जीवन चरित पुस्तक, परशुराम चालीसा, आरती, आरोग्य कुंजिका पुस्तक, कार डैशबोर्ड, की-चेन, शौर्य कड़ा, प्रज्ञा बटन, परशुराम मैग्नेट, अभिमंत्रित श्रीयंत्र, रूद्राक्ष माला, परशुराम तस्वीर, प्राण प्रतिष्ठित यज्ञोपवीत, परशुराम मूर्ति आदि धार्मिक सामग्री आमजन को सहज उपलब्ध कराएगा। इस प्रकल्प को ‘सुख-साधन भण्डार’ नाम दिया गया है। भण्डार का मुख्यालय तिरूपति होगा। प्रथम चरण में इसके तिरुपति के साथ सिलीगुड़ी, इंदौर और अलवर में वितरण केन्द्र खोले जाएंगे उसके बाद जयपुर सहित पूरे देश भर में वितरण केन्द्र स्थापित करने की योजना है। तिरुपति में श्रीयंत्रों एवं अन्य सामग्री को भगवान वेंकटेश्वर के चरणों में विधि-विधान से पूजन, अभिमंत्रित कर संग्रहण तथा वितरण केंद्रों में पहुंचाया जायेगा। डॉ.हर्षा त्रिवेदी ने बताया कि ‘सुख-साधन भण्डार’ का शुभारंभ 4 अक्टूबर 2024 को तिरूपति में किया जायेगा। यहाँ इस्पेक की केन्द्रीय समिति सदस्य, लब्धप्रतिष्ठ विद्वान एवं भारत के प्रसिद्ध धनुर्धर श्री उदय वर्डी के आचार्यत्व में नियमित अनुष्ठान करके सामग्री को अभिमंत्रित किया जायेगा, जिसका चमत्कारी फल सुनिश्चित है। इस संपूर्ण प्रकल्प का उद्देश्य सनातन रक्षक चिरंजीवी भगवान परशुराम के जीवन चरित्र एवं आदर्शों से जनमानस को जोड़कर सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है।