नई दिल्ली,, दिव्यराष्ट्र/ देश के अग्रणी वेलनेस ब्रांड हिमालया वेलनेस ने अपने प्रभावशाली अभियान ‘माय फर्स्ट पिम्पल’ का सफलतापूर्वक समापन किया। यह अभियान पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में हजारों किशोर लड़कियों तक पहुंचा। इसका उद्देश्य उन किशोरियों को सशक्त बनाना था, जो किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक बदलावों और खासकर त्वचा से जुड़ी समस्याओं, जैसे मुंहासों का सामना कर रहे हैं।
किशोरावस्था में मुंहासे होना आम बात है। यह शरीर में हार्मोनल बदलावों का एक सामान्य परिणाम है, जिससे त्वचा में तेल का उत्पादन बढ़ जाता है और मुंहासे दिखाई देने लगते हैं। हिमालया वेलनेस ने यह समझा कि इन बदलावों का लड़कियों के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पर गहरा असर पड़ सकता है|
‘‘माय फर्स्ट पिम्पल’’ प्रोग्राम 125 से अधिक स्कूलों में आयोजित किया गया, जहां स्किनकेयर के स्थानीय इंफ्लुएंसर्स ने बच्चों के साथ बातचीत के सत्रों का संचालन किया। इन सत्रों में यौवन के दौरान हार्मोनल बदलावों को समझने, मुंहासों के कारणों और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के उपायों पर चर्चा की गई। इन सत्रों में मजेदार प्रश्नोत्तरी और इंटरएक्टिव गेम्स ने माहौल को और भी रोचक बना दिया, जिससे बच्चों को आसानी से सीखने और खुलकर अपने सवाल पूछने का मौका मिला।
हिमालया वेलनेस में ब्यूटी और पर्सनल केयर की मार्केटिंग डायरेक्टर रागिनी हरिहरन ने इस पहल पर बात करते हुए कहा, “हम ‘माय फर्स्ट पिम्पल’ प्रोग्राम के सफल समापन की घोषणा करते हुए बेहद खुश हैं। किशोरों के लिए यह कार्यक्रम उनकी त्वचा की देखभाल के सफर में ज्ञान और आत्मविश्वास बढ़ाने का एक अनूठा प्रयास था। हमारा मानना है कि मुंहासे स्वाभाविक हैं और इससे किसी भी युवा का आत्मविश्वास कम नहीं होना चाहिए। इस पहल का उद्देश्य किशोरों को त्वचा की देखभाल के सरल और स्वस्थ तरीके सिखाना था। स्थानीय समुदायों के साथ जुड़कर हमने उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास किया है ताकि वे अपने बदलावों को सहजता से स्वीकार कर सकें।”