Home एजुकेशन सीए कोचिंग का भविष्य: व्यावहारिक अनुभव और कॉन्सेप्ट की स्पष्टता का संगम

सीए कोचिंग का भविष्य: व्यावहारिक अनुभव और कॉन्सेप्ट की स्पष्टता का संगम

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नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र/
सीए डॉ. महेश गौर एक बहुआयामी शिक्षक, मेमोरी कोच और मोटिवेशनल स्पीकर हैं। वे चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और साथ ही दो डॉक्टरेट डिग्री भी रखते हैं—एक टैक्सेशन मैनेजमेंट में और दूसरी मेमोरी टेक्निक्स में। इनके पास बिजनेस ऑडिटिंग की भी डिग्री है और इन्होंने कॉमर्स में स्नातक (बी. काम) किया है। डॉ. गौर का ज्ञान अकादमिक समझ और पर्सनल डेवलपमेंट दोनों को जोड़ता है।

पिछले 16 वर्षों से वे सीए स्टूडेंट्स को इनडायरेक्ट टैक्स पढ़ा रहे हैं। उनका पढ़ाने का तरीका बहुत आसान और व्यावहारिक है—वे जटिल टैक्स के टॉपिक को आसान भाषा और रियल लाइफ उदाहरणों से समझाते हैं, जिससे छात्र विषय को जल्दी समझ लेते हैं। अब तक वे 1.5 लाख से ज़्यादा सीए छात्रों को गाइड कर चुके हैं।

एक मेमोरी कोच के रूप में, उन्होंने वैज्ञानिक तरीकों से याददाश्त को तेज़ करने के लिए कई टेक्निक्स डेवलप की हैं। उन्होंने 100 से अधिक वर्कशॉप्स की हैं और एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है जिसमें 100 छात्रों को एक पूरी किताब के पेज नंबर तक याद करवाए। वे 500 से अधिक मोटिवेशनल सेमिनार भी ले चुके हैं, जिनमें तनाव प्रबंधन, समय प्रबंधन और आत्म-विकास जैसे विषयों को कवर किया जाता है।

डॉ. गौर समाज सेवा से भी जुड़े हैं। महामारी के समय में उन्होंने 7,000 से अधिक छात्रों को फ्री एजुकेशन दी। वे आर्मी परिवारों को मेमोरी ट्रेनिंग देते हैं और बुजुर्गों के लिए ओल्ड एज होम्स के साथ भी काम करते हैं। उनके इस योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत रत्न अवॉर्ड और किर्गिस्तान जैसे देशों से भी सम्मान मिला है।

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