आइवीएल एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें धमनियों में कैल्सीफाइड ब्लॉक को तोड़ने के लिए शॉक वेव्स का उपयोग किया जाता है।
जयपुर – दिव्यराष्ट्र/नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर में कार्डियोलॉजिस्ट, कैथ लैब और एनेस्थेटिक्स की एक टीम ने अपनी चिकित्सा विशेषज्ञता और इनोवेटिव तकनीकों का शानदार प्रदर्शन करते हुए एक बुजुर्ग मरीज का उच्च जोखिम वाली एंजियोप्लास्टी से सफलतापूर्वक इलाज पूरा किया। यह मरीज 75 साल का था और उसे गंभीर रूप से बाईं मुख्य कोरोनरी धमनी रोग था।
मरीज कई समस्याओं से ग्रसित था, जैसे मधुमेह, बाईं वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन, गंभीर छाती में दर्द और सांस लेने में दिक्कत आदि। जब जांच की गई, तो पता चला कि बाईं मुख्य धमनियों में भारी ब्लॉकेज था और वे केवल 40% क्षमता पर ही काम कर रही थी। इसके अलावा, मरीज को डबल वेसल डिजीज भी था, जिसका मतलब था कि प्रमुख कोरोनरी धमनियां भी प्रभावित थी।
मरीज ने अस्पताल के कार्डियक सर्जन से बाईपास सर्जरी के लिए परामर्श किया, लेकिन एंजाइना स्थिर न होने और अन्य उच्च जोखिम वाले कारकों के कारण हमने एक नए तरीके, जिसे आईवीएल (इंट्रावस्कुलर लिथोट्रिप्सी) कहा जाता है, से इलाज करने का फैसला किया। आइवीएल एंजियोप्लास्टी के साथ भी मुख्य चुनौती बाईं कोरोनरी धमनियों को खोलना था, जो बहुत ही ज़ादा ब्लॉक थीं, जिससे मरीज के लिए जोखिम काफी अधिक था।
नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंशु काबरा ने कहा कि जांच के बाद सबसे बड़ी चुनौती थी मरीज को सही इलाज देना, जिसमें कम से कम जटिलताएं हों। हमने आईवीएल के लिए निर्णय लिया, जो एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें धमनियों में कैल्सीफाइड ब्लॉक को तोड़ने के लिए शॉक वेव्स का उपयोग किया जाता है। ब्लॉकेज को कम करके, एंजियोप्लास्टी के लिए स्टेंट डालना आसान हो जाता है ताकि ब्लॉक की गई धमनी को खोला जा सके। हमने तीन स्टेंट डाले और प्रक्रियाओं की जटिलता और मरीज की उम्र के बावजूद, हमें इस मामले में सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुआ। इसमें कैथ लैब, एनेस्थीसिया और तकनीशियनों की टीम का अद्भुत सहयोग था, जिसके लिए मैं आभारी हूं। मरीज को अस्पताल में तीन दिन रखने के बाद स्थिति स्थिर होने पर छुट्टी दे दी गई।
नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के क्लीनिकल डायरेक्टर, डॉ. प्रदीप कुमार गोयल ने कहा कि प्रत्येक मरीज के लिए उपचार विधि अलग होती है और हम सभी मापदंडों को ध्यान में रखकर सबसे अच्छी उपचार योजना बनाते हैं। हमारा संकल्प है कि हम अपने मरीजों की भलाई के लिए पूरी तरह समर्पित रहें। नियमित फॉलो-अप, पोस्ट-प्रोसीजर केयर और निरंतर समर्थन हमारे उपचार प्रोटोकॉल का अभिन्न हिस्सा हैं। हम सिर्फ बीमारी का इलाज नहीं करते, बल्कि व्यक्ति की देखभाल करते हैं।