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मदन राठौड़ — जिला अध्यक्ष से प्रदेशाध्यक्ष तक का सफर(उमेन्द्र दाधीच) भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ सामान्य कार्यकर्ता के रूप मे कार्य कर के आज पार्टी के उच्च पद पर पहुंचने वाले नेताओ मे से एक है। उन्हे मारवाड़ क्षैत्र मे भाजपा का ओबीसी चेहरा माना जाता है। चार बार पार्टी के पाली जिला अध्यक्ष रहे मदन राठौड़ प्रारंभ से ही आरएसएस से जुडे रहे हे। राम मन्दिर आन्दोलन के चलते मथुरा जिले के नरहोली पुलिस थाना मे उनको गिरफ्तार किया गया था। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे डा. मुरली मनोहर जोशी के साथ कश्मीर के श्रीनगर में तिरंगा फहरा चुके मदन राठौड़ अभी राज्य सभा के सदस्य है। वर्ष 2023के विधान सभा चुनाव मे पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया लेकिन बाद मे उन्हे दोहरी जिम्मेदारी देकर मरुधरा मे भाजपा का प्रमुख बना दिया। विधान सभ चुनाव के बाद प्रथम जिम्मेदारी के रूप मे उन्हे राज्य सभा मे भेजा गया बाद में उन्हें पार्टी की राजस्थान शाखा का प्रमुख बनाया गया। 2जुलाई 1954को पाली जिले के रायपुर मे जन्मे मदन राठौड़ वर्ष 2003, ओर 2013मे दोबार सुमेरपुर से विधायक रहे ।भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार मे उन्हें उप मुख्यसचेतक बनाया गया। मदन राठौड़ भाजपा के ऐसे तीसरे प्रदेशाध्यक्ष है जो ओबोसी वर्ग से आते है। भाजपा ने इनसे पहले ओबीसी वर्ग के मदन लाल सैनी,सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। राठौड़ 1977के दशक मे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रह चुके हे। वर्ष 1980मे भाजपा से जुड़ कर मदन राठौड़ ने राजनीति मे कार्य शुरू किया। वर्ष 1974मे राजस्थान विश्विद्यालय से जुडे बांगुर कालेज पाली से गणित मे बीएससी की डिग्री प्राप्त की। मदन राठौड़ को जब वर्ष 2023के विधान सभा चुनाव मे सुमेरपुर से पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने नाराजगी स्वरूप निर्दलीय नामांकन भर ने का एलान कर दिया तो उन्हें समझाइश स्वरूप प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर धैर्य रखने की सलाह दी तो राठौड़ने मोदी की सलाह मान ली उन्हें धैर्य का फल मिल गया। ओबीसी वर्ग मे घांची समाज से जुडे मदन राठौड़ ने पार्टी की रीति नीति से कभी कोई समझोता नहीं किया। मदन राठौड़ को भाजपा ने प्रदेशाध्यक्ष बनाकर एक तीर से कई निशाने साधे हे। मूल ओबीसी वर्ग को खुश करने के साथ ही जोधपुर, पाली संभाग के कार्यकर्ताओ मे भी जोश लाने का काम किया है। उनके अध्यक्ष बनने से पार्टी में यह भी सन्देश गया है की पार्टी की रीति नीति को स्वीकार करने वाले कार्यकर्ता का ध्यान संगठन स्वयं ही रखता है।

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(उमेन्द्र दाधीच) भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ सामान्य कार्यकर्ता के रूप मे कार्य कर के आज पार्टी के उच्च पद पर पहुंचने वाले नेताओ मे से एक है। उन्हे मारवाड़ क्षैत्र मे भाजपा का ओबीसी चेहरा माना जाता है। चार बार पार्टी के पाली जिला अध्यक्ष रहे मदन राठौड़ प्रारंभ से ही आरएसएस से जुडे रहे हे। राम मन्दिर आन्दोलन के चलते मथुरा जिले के नरहोली पुलिस थाना मे उनको गिरफ्तार किया गया था। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे डा. मुरली मनोहर जोशी के साथ कश्मीर के श्रीनगर में तिरंगा फहरा चुके मदन राठौड़ अभी राज्य सभा के सदस्य है।

वर्ष 2023के विधान सभा चुनाव मे पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया लेकिन बाद मे उन्हे दोहरी जिम्मेदारी देकर मरुधरा मे भाजपा का प्रमुख बना दिया। विधान सभ चुनाव के बाद प्रथम जिम्मेदारी के रूप मे उन्हे राज्य सभा मे भेजा गया बाद में उन्हें पार्टी की राजस्थान शाखा का प्रमुख बनाया गया। 2जुलाई 1954को पाली जिले के रायपुर मे जन्मे मदन राठौड़ वर्ष 2003, ओर 2013मे दोबार सुमेरपुर से विधायक रहे ।भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार मे उन्हें उप मुख्यसचेतक बनाया गया। मदन राठौड़ भाजपा के ऐसे तीसरे प्रदेशाध्यक्ष है जो ओबोसी वर्ग से आते है। भाजपा ने इनसे पहले ओबीसी वर्ग के मदन लाल सैनी,सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। राठौड़ 1977के दशक मे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रह चुके हे।

वर्ष 1980मे भाजपा से जुड़ कर मदन राठौड़ ने राजनीति मे कार्य शुरू किया। वर्ष 1974मे राजस्थान विश्विद्यालय से जुडे बांगुर कालेज पाली से गणित मे बीएससी की डिग्री प्राप्त की। मदन राठौड़ को जब वर्ष 2023के विधान सभा चुनाव मे सुमेरपुर से पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने नाराजगी स्वरूप निर्दलीय नामांकन भर ने का एलान कर दिया तो उन्हें समझाइश स्वरूप प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर धैर्य रखने की सलाह दी तो राठौड़ने मोदी की सलाह मान ली उन्हें धैर्य का फल मिल गया। ओबीसी वर्ग मे घांची समाज से जुडे मदन राठौड़ ने पार्टी की रीति नीति से कभी कोई समझोता नहीं किया। मदन राठौड़ को भाजपा ने प्रदेशाध्यक्ष बनाकर एक तीर से कई निशाने साधे हे। मूल ओबीसी वर्ग को खुश करने के साथ ही जोधपुर, पाली संभाग के कार्यकर्ताओ मे भी जोश लाने का काम किया है। उनके अध्यक्ष बनने से पार्टी में यह भी सन्देश गया है की पार्टी की रीति नीति को स्वीकार करने वाले कार्यकर्ता का ध्यान संगठन स्वयं ही रखता है।

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