जयपुर/दिव्यराष्ट्र। जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी में मेंटल हेल्थ अवेयरनेस कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ जहां देश भर के प्रतिष्ठित साइकोलॉजिस्ट ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य मेन्टल वेल बीइंग, आत्म अन्वेषण और इनर पीस रहा जिसके माध्यम से स्टूडेंट्स और सोसाइटी में मेन्टल हेल्थ के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके| इस कॉन्क्लेव के माध्यम से कोशिश की गई हैं की एक ऐसा इकोसिस्टम बने जिसमे हर कोई एक दूसरे से मेंटल हेल्थ के बारे में बेझिझक बात कर सकें।
कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन का आयोजन हुआ जहां डिप्रेशन, स्ट्रेस, टॉक्सिक हैप्पीनेस, रिलेशनशिप जैसे विषयों पर चर्चा की गई। पैनल डिस्कशन में डॉ. एन के टाक (न्यूरोसाइकिएट्रिस्ट और एसोसिएट प्रोफेसर), अजिता मुले (वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक, एमपॉवर एबीईटी), मुकेश अग्रवाल (प्रोफेसर एवं डायरेक्टर ट्रेनिंग, जेईसीआरसी), डॉ. मंजू भास्कर (प्रोफेसर एवं प्रमुख, मनोचिकित्सा विभाग), इतिशा नागर (मनोवैज्ञानिक एवं शिक्षक), शौर्या (मनोविज्ञानिक एवं टीडब्ल्यूएस के संस्थापक) ने हिस्सा लिया।
डॉ. एन के टाक (न्यूरोसाइकिएट्रिस्ट और एसोसिएट प्रोफेसर) ने किसी भी मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधित चिंता के लिए तुरंत परामर्श लेने की महत्वता पर जोर दिया वहीं, अजिता मुले (वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक, एमपॉवर एबीईटी) ने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने में जेईसीआरसी विश्वविद्यालय के साथ सहयोगात्मक प्रयासों पर प्रकाश डाला, डॉ. मंजू भास्कर (प्रोफेसर और प्रमुख, मनोचिकित्सा विभाग) ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के अंतर्संबंध के बारे में चर्चा की, इतिशा नागर (मनोवैज्ञानिक और शिक्षक) ने मानसिक स्वास्थ्य परिणामों को आकार देने में बचपन के अनुभवों को महत्वपूर्ण बताते हुए दोस्ती और रिश्तों के एक सहायक नेटवर्क को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया।
शौर्या (मनोविज्ञानिक एवं टीडब्ल्यूएस के संस्थापक) ने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में रिश्तों, नींद और आंतरिक शांति में संतुलन के महत्व को बताया। कॉन्क्लेव का संचालन इन्क्यूबेशन मैनेजर, जेईसीआरसी इन्क्यूबेशन सेंटर, तरुण सारस्वत ने किया। कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी की मनोवैज्ञानिक भाग्यश्री चैटर्जी थीं।
(हेड, डिजिटल स्ट्रैटेजी, जेईसीआरसी), धीमंत अग्रवाल ने कहाँ जेईसीआरसी छात्रों को एक सुरक्षित वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है और मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है और इस कॉन्क्लेव के माध्यम से ये पहल शुरू की गई हैं जिससे अकादमिक संस्थानों में मेन्टल हेल्थ वेल बीइंग पर चर्चा की जाए और स्टूडेंट्स से बात की जाए और चर्चा की जाए जिससे की उनके मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर काम किया जा सकेगा। कार्यक्रम में प्रेजिडेंट, प्रो. विक्टर गंभीर सहित स्टूडेंट्स, फैकल्टी और स्टाफ मेंबर्स मौजूद रहे।