नई दिल्ली, 8 अप्रैल, 2024: भारत के प्रमुख टेक्नोलॉजी मार्केट रीसर्च एवं अडवाइज़री फर्म साइबर मीडिया रीसर्च (सीएमआर) की नई रिपोर्ट ने देश के मोबाइल फोन मार्केट में उपभोक्ताओं के बदलते रूझानों पर रोशनी डाली है। हालांकि बहुत से लोगों के लिए आज भी फीचर फोन लाईफलाईन बने हुए हैं, भारत में डिजिटलीकरण के रूझान तेज़ी से बढ़ रहे हैं। रु 10,000 से नीचे वाले सेगमेन्ट में 4 जी स्मार्टफोन, और यहां तक कि 5 जी स्मार्टफोन की मांग भी तेज़ी से बढ़ रही है।
देश भर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले 2000 से अधिक उपयोगकर्ताओं पर सीएमआर द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक फीचर फोन इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता ऐसे फीचर फोन पसंद करते हैं जिनकी बैटरी लाईफ अधिक हो (78 फीसदी), जो इस्तेमाल में आसान हो (74 फीसद), किफ़ायती (57 फीसदी) और अन्य डिजिटल क्षमताओं से युक्त हों। उल्लेखनीय है कि हर चार में से तीन यूज़र रु 6000 से 8000 कीमत की रेंज वाले स्मार्टफोन की ओर रूख करना चाहते हैं।
इस अवसर पर अरीजीत तालपात्रा, ट्रांज़ियन इंडिया ने कहा, ‘‘डिवाइस के फीचर्स एवं यूज़र-अनुकूल डिज़ाइन पर फोकस के चलते आईटेल सुनिश्चित करता है कि भारत के लोग अपने प्रियजनों के साथ जुड़े रहें, ज़रूरी जानकारी पाते रहें और भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास का अभिन्न हिस्सा बन सकें। आईटेल में हम अनुसंधान एवं विकास के द्वारा फीचरफोन और स्मार्टफोन कैटेगरी में अपने उपभोक्ताओं के लिए आधुनिक फीचर्स लेकर आते हैं। हमारी विश्वसनीयता और उचित कीमतों के साथ हम जनरेशन ज़ी एवं नव भारत की बदलती ज़रूरतों को समझने और इन्हें पूरा करने के लिए तत्पर हैं।’’
अध्ययन के मुख्य बिन्दुः
बदलती ज़रूरतें, बढ़ता उपयोगः यह अध्ययन फीचर फोन के इस्तेमाल के तरीकों में हुए बदलावों पर रोशनी डालता है। भारतीय लोग औसतन 3 घण्टे रोज़ाना कॉल्स (87 फीसदी), अलार्म (72 फीसदी) और टेक्स्ट (62 फीसदी) में बिताते हैं। रोचक तथ्य यह है कि एक तिहाई लोग ऐप्स जैसे वैदर (47 फीसदी), न्यूज़ (34 फीसदी) और सोशल मीडिया (24 फीसदी) का इस्तेमाल करते हैं।
सीमाओं के चलते अपग्रेड करने की चाहः फीचर फोन की खामियों जैसे कैमरा की बुरी गुणवत्ता (62 फीसदी), आधुनिक ऐप्स की कमी (56 फीसदी) और सीमित इंटरनेट एक्सेस (53 फीसदी) के चलते उपभोक्ता 5 जी मॉडल्स सहित स्मार्टफोन की ओर रूख करना चाहते हैं।
आईटेल ने फीचर फोन लॉयल्टी पर डाली रोशनी, अपग्रेड के लिए तैयारः फीचर फोन की बात करें तो सैमसंग के लिए ब्राण्ड जागरुकता सबसे अधिक है (74 फीसदी) लेकिन आईटेल सबसे ज़्यादा कन्वर्ज़न रेट दर्ज कर रहा है- 61 फीसदी जागरुकता से ट्रायल और 86 फीसदी ट्रायल से मौजूदा उपयोगिता। आईटेल कुल संतोष (94 फीसदी), ब्राण्ड लॉयल्टी (94 फीसदी) और एडवोकेसी (24 फीसदी एनपीएस स्कोर) में भी अग्रणी है।
प्रभु राम, हैड- इंडस्ट्री इंटेलीजेन्स ग्रुप (आईआईजी), साइबर मीडिया रीसर्च (सीएमआर) के अनुसार, ‘‘हमारे अध्ययन ने एक महत्वपूर्ण रूझान पर रोशनी डाली हैः हमारे उपभोक्ता ऐसे फीचर फोन चाहते हैं जो उन्हें यूपीआई पेमेंट जैसे फीचर्स के साथ प्रीमियम अनुभव प्रदान करें। हालांकि इन डिवाइसेज़ की सीमाओं के चलते वे स्मार्टफोन, खासतौर पर 4 जी एवं 5 जी मॉडल्स की ओर रूख करना चाहते हैं। आईटेल जैसे ब्राण्ड्स जो बजट-अनुकूल फीचर फोन एवं स्मार्टफोन लेकर आते हैं, इस रूझान में अग्रणी हैं, खासतौर पर जनरेशन ज़ी और मिलेनियल्स को ध्यान में रखते हुए डिवाइसेज़ लेकर आते हैं। आईटेल की प्रभावशाली कन्वर्जन रेट और मजबूत ब्राण्ड लॉयल्टी इस बात की पुष्टि करती है कि वे मूल्य के प्रति सजग भारतीय उपभोक्ताओं की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी डिवाइसेज़ पेश करते हैं।