Home हेल्थ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलवासा में “नमो अस्पताल” का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलवासा में “नमो अस्पताल” का उद्घाटन किया

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भारत के पहले एआई-पावर्ड घुटना प्रतिस्थापन रोबोट – मिसो का प्रदर्शन

*गांधीनगर ,दिव्यराष्ट्र/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दादरा और नगर हवेली के सिलवासा में 450 बिस्तरों वाले “नमो अस्पताल” के पहले चरण का उद्घाटन किया ₹460 करोड़ की लागत से निर्मित इस अत्याधुनिक अस्पताल का उद्देश्य क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ₹2,500 करोड़ से अधिक की सार्वजनिक कल्याण परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया, जिनमें नए अस्पताल, स्कूल और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा विकास योजनाएं शामिल हैं, जो सार्वजनिक सेवाओं और स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को बेहतर बनाने के लिए समर्पित हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अस्पताल के आगामी 3डी मॉडल का अवलोकन किया और इसके समकालीन चिकित्सा बुनियादी ढांचे की सराहना की। इस कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण था भारत के पहले स्वदेशी एआई-पावर्ड रोबोटिक सिस्टम ‘मिसो’ का प्रदर्शन, जो विशेष रूप से घुटना प्रतिस्थापन सर्जरी के लिए विकसित किया गया है। इस क्रांतिकारी तकनीक का प्रदर्शन मेरिल के सीईओ श्री विवेक शाह ने किया।

विवेक शाह, सीईओ, मेरिल ने कहा, “हम मेरिल में नवीनतम और विश्व स्तरीय तकनीकों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो न केवल शल्य चिकित्सा की सटीकता को बढ़ाती हैं, बल्कि क्लिनिकल परिणामों और रोगी की रिकवरी को भी बेहतर बनाती हैं। ‘मिसो’ भारत की चिकित्सा तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
यह अत्याधुनिक तकनीक भारत में ऑर्थोपेडिक सर्जरी के क्षेत्र में एक क्रांति लाने के लिए तैयार है, जो सर्जरी की सटीकता में सुधार और रोगी के परिणामों को बेहतर बनाएगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रही नवाचारों और तकनीकी उन्नतियों पर गहरी रुचि व्यक्त की और स्वदेशी चिकित्सा प्रौद्योगिकियों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की तकनीक उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभाती है। “नमो अस्पताल” का उद्घाटन भारतीय चिकित्सा पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह देश की विश्व-स्तरीय स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के प्रति समर्पण को फिर से पुष्ट करता है।

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