भारती एयरटेल ने अपनी एआई-पावर्ड स्पैम डिटेक्शन सिस्टम के जरिए राजस्थान में अपने ग्राहकों को बड़ी राहत पहुंचाई है। लॉन्च के पहले 10 दिनों में ही, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर ने अपनी इस नई सेवा से राजस्थान में 51 मिलियन संभावित स्पैम कॉल्स और 1.6 मिलियन स्पैम एसएमएस की पहचान करने में सफलता हासिल की है।
यह सेवा पूरी तरह से मुफ्त है और एयरटेल के सभी ग्राहकों के लिए इसे अपने आप एक्टिवेट कर दिया गया है। इसके लिए उन्हें न तो कोई अनुरोध करना पड़ेगा और न ही कोई एप डाउनलोड करने की जरूरत है।
लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए भारती एयरटेल, राजस्थान के सीईओ श्री मरुत दिलावरी ने कहा, “आज के डिजिटल युग में, धोखाधड़ी, स्कैम और हानिकारक सन्देश ग्राहकों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुके हैं। एयरटेल ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए एआई आधारित अपनी नई तकनीक पेश की है। यह एडवांस्ड तकनीक एयरटेल के मजबूत इकोसिस्टम से सहजता से जुड़ी हुई है और राजस्थान के सभी ग्राहकों को साइबर अपराधियों और स्कैमर्स की साजिशों से बचाने के लिए एक सशक्त सुरक्षा कवच प्रदान करती है। इस अनूठी तकनीक के साथ, एयरटेल ने अपने 23 मिलियन ग्राहकों को डिजिटल दुनिया में बिना किसी डर के आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का अवसर दिया है। इस नई तकनीक के साथ एयरटेल ने ग्राहकों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और भी मजबूत किया है और एक विश्वसनीय टेलीकॉम पार्टनर के रूप में नया मानक स्थापित किया है, जो ग्राहकों की सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता देता है।”
एयरटेल के डेटा वैज्ञानिकों द्वारा इस एआई-सक्षम सेवा को बनाने में एक विशेष एल्गोरिद्म का उपयोग किया गया है, जो कॉल और एसएमएस को “सस्पेक्टेड स्पैम” के रूप में पहचानता है। नेटवर्क, एआई एल्गोरिद्म की मदद से, रियल-टाइम में यह मॉनिटर करता है कि किस नंबर से कॉल आ रहा है या किसने यसयमयस भेजे हैं। इसके अलावा, यह कॉल और एसएमएस की संख्या और कितनी देर तक कॉल हुई, इन सबका भी विश्लेषण रखता है। जब यह जानकारी पहले से ज्ञात स्पैम पैटर्न से मिलती है, तो सिस्टम संभावित स्पैम कॉल्स और एसएमएस को सटीक ढंग से पहचान लेता है।
इस सुरक्षा तंत्र में दो स्तर हैं – एक नेटवर्क पर और दूसरा आईटी सिस्टम पर। हर एसएमएस या कॉल इस दोहरी सुरक्षा से गुजरती है। यह सॉफ़्टवेयर सिर्फ दो मिलीसेकंड में 1.5 बिलियन मैसेजेज और 2.5 बिलियन कॉल को प्रोसेस करता है, जो असल में एआई की क्षमता से 1 ट्रिलियन रिकॉर्ड्स को रियल टाइम में प्रोसेस करने के बराबर है।
साथ ही, यह समाधान ग्राहकों को एसएमएस के जरिए प्राप्त साइबरक्राइम को अंजाम देने के उद्देश्य से भेजे गए लिंक के बारे में भी सचेत करता है। इसके लिए, एयरटेल ने ब्लैकलिस्टेड यूआरएल का एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार किया है और हर एसएमएस को रीयल-टाइम में एआई एल्गोरिद्म द्वारा स्कैन किया जाता है, ताकि यूजर अनजाने में भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बच सकें। यह समाधान आईएमईआई में बदलाव जैसी गड़बड़ियों का भी पता लगा सकता है, जो अक्सर धोखाधड़ी का संकेत होती हैं। इन सुरक्षा उपायों के जरिए, कंपनी यह सुनिश्चित कर रही है कि उसके ग्राहकों को स्पैम और धोखाधड़ी से पूरी तरह सुरक्षा मिले।