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58% छात्राओं के नामांकन के साथ आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने शुरू किया नया बैच

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जयपुर, 08 अगस्त, 2024- आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने विश्वविद्यालय परिसर में समारोह का आयोजन करा जिसमें एमबीए प्रोग्राम के 2024-26 बैच की शुरुआत की। इस बैच के उद्घाटन समारोह में 400 नए छात्रों का स्वागत किया गया। इस बैच में एमबीए (हॉस्पिटल एंड हेल्थ मैनेजमेंट), एमबीए (फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट), एमबीए (डेवलपमेंट मैनेजमेंट) और एमबीए (हेल्थकेयर एनालिटिक्स) के छात्र शामिल हैं।
एमबीए (हेल्थकेयर एनालिटिक्स) इस वर्ष शुरू होने वाला एक नया कार्यक्रम है। इस बैच के जरिये 400 छात्रों का समूह अपनी  शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत करने जा रहा है। इस वर्ष के दाखिले में 58% महिला छात्रों का नामांकन हुआ, जो विश्वविद्यालय के लैंगिक विविधता पर जोर को दर्शाता है। इसके अलावा, MBA कार्यक्रमों के लिए छात्रों का चयन विभिन्न पृष्ठभूमियों से हुआ है, जिनमें मेडिकल, डेंटल, स्वास्थ्य, वाणिज्य, विज्ञान और कला शामिल हैं।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी.आर. सोडानी ने समारोह में अपने संबोधन के साथ नए बैच का स्वागत करते हुए सभी विद्यार्थियों को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उन्होंने अपनी प्रोफेशनल जर्नी के लिए आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी को चुना। डॉ. सोडानी ने कहा कि नए शामिल हुए छात्र अगले दो वर्षों के लिए  आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के साथ होंगे। डॉ. सोडानी ने हेल्थ मैनेजमेंट के क्षेत्र में आईआईएचएमआर की 40 वर्षों की विरासत का जिक्र किया और देश की स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने में आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने हेल्थ मैनेजमेंट इंडस्ट्री में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पूर्व छात्रों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी एमबीए कार्यक्रमों के पाठ्यक्रम को हर साल नई जानकारियों और ज्ञान के साथ समृद्ध किया जाता है। डॉ. सोडानी ने कहा कि छात्रों के लिए पांच दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम 5-9 अगस्त, 2024 तक चलेगा, जिसमें छात्रों को विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों और आचार संहिता के बारे में बताया जाएगा।
हेल्थर्क इनसाइट्स के फाउंडर और सीईओ डॉ. पूरव गांधी ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे नवीन टैक्नोलॉजी की पूरी जानकारी हासिल करें। उन्होंने कहा, ‘‘अब आप एक ऐसे उद्योग के लिए काम करने जा रहे हैं जो हमेशा रहेगा, जो बढ़ता रहेगा, जो जीवंत रहेगा। हमारी सरकार का विचार है कि 2047 तक, हमारी स्वतंत्रता के पूरे सौ वर्षों में, भारत सिर्फ भारत नहीं होगा; यह विकसित भारत होगा और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। और यह काम आप जैसे प्रतिभावान लोगों की सहायता से ही संभव होगा।’’ उन्होंने छात्रों को सलाह दी, ‘‘गहन ज्ञान विकसित करें, अपनी कला में सर्वश्रेष्ठ बनें, अच्छी आदतें विकसित करें, अपनी प्रतिष्ठा बनाने पर ध्यान केंद्रित करें, अपना उद्देश्य रखें, समस्याओं के प्रति मजबूत रहें और खुद पर विश्वास रखें।’’
एसोचैम राजस्थान के वाइस चेयरमैन श्री विष्णु मोहन झा ने कहा, ‘‘एमबीए के दो साल दरअसल एक लंबा समय होता है, लेकिन यह वास्तव में एक इंसान को बदल सकता है। शिक्षाविद तो हैं ही, लेकिन इसके अलावा, खुद को एक व्यक्ति के रूप में विकसित करें। जैसे ही आप फ्यूचर लीडर की भूमिका में कदम रखते हैं, याद रखें कि आपका काम न केवल संस्थानों को प्रभावित करेगा, बल्कि आप अनगिनत लोगों के जीवन से भी जुड़ेंगे। ऐसे में जरूरी है कि हम प्रत्येक चुनौती को समस्या-समाधान की मानसिकता के साथ लें। नैतिक निर्णय लेने को प्राथमिकता दें, क्योंकि स्वास्थ्य सेवा एक बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र है, यह लोगों के जीवन को प्रभावित करता है, और सभी को पूरे व्यवसाय की प्रतिष्ठा लाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।’’
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में एक छात्र के रूप में अपने समय को याद करते हुए पूर्व छात्र और अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी के पार्टनर
श्री सिद्धार्थ दत्ता ने कहा, ‘‘लगभग बीस साल पहले मुझे इस संस्थान का छात्र बनने का गौरव हासिल हुआ और तब से आज तक जीवन बहुत कुछ बदल गया है।  मैं आप सभी को इस महान संस्थान में शामिल होने के लिए बधाई देता हूं। मेरा सुझाव है कि आप अपना लक्ष्य निर्धारित करें और टैक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित करें। इस संस्थान में 4000 पूर्व छात्र हैं, और पूर्व छात्रों के इतने मजबूत नेटवर्क और प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों का सपोर्ट आप लोगों को मिल रहा है। ऐसे में नौकरी हासिल करना कोई बड़ी बात नहीं है। एक बेहतर और सुनहरेे भविष्य के लिए मैं आप सबको शुभकामनाएं देता हूं।’’
इस समारोह में इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च, स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट, स्कूल ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज और स्कूल ऑफ डिजिटल हेल्थ के डीन भी मौजूद थे आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर डॉ. रितु वशिष्ठ ने कार्यक्रम का समन्वय किया।

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