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होण्डा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इंडिया ने जयपुर, राजस्थान में प्रभावी सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान का आयोजन किया

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जयपुर, 23 जुलाई, 2024ः एचएमएसआई का मानना है कि सुरक्षा हर व्यक्ति के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। सड़क सुरक्षा जागरुकता की पहुंच को लाखों नागरिकों तक सुनिश्चित करने के लिए कंपनी नियमित रूप से देश के विभिन्न हिस्सों में सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियानों का आयोजन करती है। ऐसे ही एक अभियान का आयोजन हाल ही में जयपुर शहर में हुआ, जिसने प्रतिभागियों पर गहरी छाप छोड़ी। कैम्ब्रिज कोर्ट हाई स्कूल के मैदान में आयोजित इस अभियान ने एचएमएसआई के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की, जिसमें 2200 से अधिक स्कूली छात्रों एवं स्टाफ के सदस्यों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
सड़क सुरक्षा अभियान में कई रोचक गतिविधियों जैसे सेफ्टी राइडिंग थ्योरी सैशन, खतरे का अनुमान लगाने के लिए प्रशिक्षण, सड़क सुरक्षा क्विज़, हेलमेट पर जागरुकता और राइडिंग ट्रेनर सैशन का आयोजन किया गया। इन गतिविधयों ने पूरे अभियान के दौरान प्रतिभागियों को सक्रियता के साथ जोड़े रखा।
एचएमएसआई का मानना है कि बच्चे समाज का भविष्य हैं और उन्हें शुरूआती उम्र में ही सड़क सुरक्षा पर जागरुक बनाने से वे सड़कों को दुर्घटनामुक्त बनाने में योगदान दे सकते हैं। कंपनी नियमित रूप से रोचक एवं इंटरैक्टिव सड़क सुरक्षा जागरुकता प्रोग्रामों का आयोजन करती है। बच्चों से लेकर युवाओं तक हर आयु वर्ग के लिए इस तरह के प्रोग्रामों का आयोजन स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में किया जाता है।
एचएमएसआई कैम्ब्रिज कोर्ट हाई स्कूल के अधिकारियों के प्रति आभारी है, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण पहल के आयोजन के लिए अपना सहयोग दिया। एक साथ मिलकर हम सड़कों को सुरक्षित बनाने तथा दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
अपनी शुरूआत के बाद से एचएमएसआई सड़क के ज़िम्मेदाराना उपयोग और सुरक्षित राइडिंग की आदतों को बढ़ावा देते हुए राजस्थान में तकरीबन 3 लाख व्यस्कों एवं बच्चों को सड़क सुरक्षा शिक्षा प्रदान कर चुकी है। इसके अलावा एचएमएसआई अपनी सड़क सुरक्षा शिक्षा पहलों के साथ देश भर में 60 लाख से अधिक लोगों तक पहुंच चुकी है।

सड़क सुरक्षा के लिए होण्डा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इंडिया की सीएसआर प्रतिबद्धता
साल 2021 में होण्डा ने विश्वस्तर पर एक दृष्टिकोण वक्तव्य जारी किया जिसके मुताबिक होण्डा 2050 तक दुनिया भर में होण्डा की मोटरसाइकिलों एवं ऑटोमोबाइल्स की जानलेवा दुर्घटनाओं को शून्य तक लाने के लिए प्रयास करेगी। एचएमएसआई इसी दृष्टिकोण से भारत सरकार के साथ काम करते हुए 2030 तक दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को आधा करने की दिशा में कार्यरत है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि 2030 तक हमारे बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति सकारात्मक मानसिकता का विकास किया जाए और इसके बाद भी उन्हें इस विषय पर शिक्षित करना जारी रखा जाए। स्कूलों एवं कॉलेजों में सड़क सुरक्षा की शिक्षा न सिर्फ जागरुकता बढ़ाती है बल्कि युवाओं में सुरक्षा की भावना को भी बढ़ावा देती है, इस तरह वे सुरक्षा का संदेश देने वाले दूत बन जाते हैं। यह भावी पीढ़ियों को ज़िम्मेदार नागरिक बनकर सुरक्षित समाज के निर्माण में योगदान देने के लिए सक्षम बनाती है।
एचएमएसआई एक ऐसी कंपनी बनने के लिए प्रयासरत है, जिसे समाज प्राथमिकता दे और ऐसे अनूठे विचारों के साथ समाज के सभी वर्गों के लिए सड़क सुरक्षा जागरुकता पर फोकस करती रही है जो स्कूली बच्चों से लेकर कॉर्पोरेट्स तक समाज के हर वर्ग पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करते हैं।
एचएमएसआई के कुशल सेफ्टी इंस्ट्रक्टर्स की टीम देश भर में अपने 10 अडॉप्टेड टैªफिक टेªनिंग पार्कों (टीटीपी) और 6 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटरों (एसडीईसी) में रोज़ाना प्रोग्रामों का संचालन करती है और समाज के हर वर्ग के लिए सड़क सुरक्षा की शिक्षा को सुलभ बनाती है। यह पहल अब तक 5.7 मिलियन भारतीयों तक पहुंच चुकी है। एचएमएसआई के राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम ने निम्नलिखित गतिविधियों के माध्यम से लर्निंग को रोचक और वैज्ञानिक बनायाः
साइन्टिफिक रूप से तैयार किया गया लर्निंग मॉड्यूलः होण्डा के कुशल इंस्ट्रक्टर्स ने विशेष थ्योरी सत्रों के माध्यम से सड़क संकेतों एवं चिन्हों, सड़क पर ड्राइवर के कर्तव्य, राइडिंग गियर एवं पोस्चर तथा सुरक्षित राइडिंग के लिए सड़क पर शिष्टाचार की जानकारी दी।
1. प्रैक्टिकल लर्निंगः होण्डा के वर्चुअल राइडिंग सिमुलेटर पर विशेष प्रशिक्षण गतिविधि को अंजाम दिया गया, जिसमें प्रतिभागियों को सड़क पर राइडिंग शुरू करने से पहले 100 संभावी खतरों के बारे में बताया गया।
2. इंटरैक्टिव सेशनः प्रतिभागियों को खतरों का पूर्वानुमान लगाने के लिए प्रशिक्षण- किकेन योसोकु टेªनिंग (केवायटी) दी गई, ताकि राइडर वाहन चलाते समय खतरे का अनुमान लगा सकें और सड़क पर सुरक्षित रह सकें।
3. मौजूदा ड्राइवरों के राइडिंग कौशल में सुधारः छात्र और स्टाफ के सदस्य जो पहले से वाहन चलाते हैं, संकरे रास्तों पर राइडिंग एवं स्लो राइडिंग गतिविधियों के माध्यम से उनके राइडिंग कौशल की जांच की गई और इसमें सुधार लाया गया।

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