Home समाज जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा-दिल्ली के अध्यक्ष बने सुखराज सेठिया

जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा-दिल्ली के अध्यक्ष बने सुखराज सेठिया

0

पद के लिए नहीं, पद की पात्रता के लिए होड़ हो : मुनि विमलकुमार

नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र/ श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा-दिल्ली के सत्र 2024-26 के लिए मोमासर निवासी तथा दिल्ली प्रवासी ‘युवक रत्न’, संघनिष्ठ कार्यकर्ता सुखराज सेठिया दूसरी बार सर्वसम्मति से अध्यक्ष मनोनीत हुए हैं। अणुव्रत भवन में आयोजित साधारण सभा में चुनाव अधिकारी बजरंगज बोथरा एवं श्री सुशील कुहाड़ ने सेठिया की नाम की घोषणा की। उनका यह मनोनयन दिल्ली के लिए किये गये विकास और विलक्षण कार्यों को देखते हुए दोहराया गया है। सहज, सरल, सौम्य व शालीन, व्यवहार के धनी सेठिया राजधानी दिल्ली सहित देश की अनेक राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सक्रियता के साथ जुड़े हुए हैं। वे अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद, जैन विश्व भारती, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा, जय तुलसी फांउडेशन, अमृतवाणी सहित अनेकों राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में उच्च पदों पर कार्य करने का आपका अनुभव एवं कौशल अद्वितीय है।

अभातेयुप के गौरवशाली अध्यक्षीय कार्यकाल की छवि आज भी युवाओं के दिलों में अंकित है। अपने पूर्व कार्यकाल में आचार्य महाश्रमण की असीम अनुकंपा से दिल्ली सभा को असाधारण साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी के समाधि स्थल ‘वात्सल्य पीठ’ के अनूठे आयाम को निर्मित करने का कार्य प्रारंभ किया। इसके अलावा भगवान महावीर की 2550वें निर्वाण दिवस के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत एवं भारत मण्डपम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में संपन्न भव्य कार्यक्रमों को आयोजित करने में उल्लेखनीय सहयोग प्रदत्त किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन वरिष्ठ श्रावक के. एल. जैन ने किया।
सेठिया के मनोनयन पर विकास परिषद के संयोजक मांगीलाल सेठिया, भगवान महावीर मेमोरियल समिति के अध्यक्ष कन्हैयालाल पटावरी जैन, अणुविभा के मुख्य ट्रस्टी तेजकरण सुराणा, कल्याण परिषद के संयोजक के. सी. जैन, तेयुप दिल्ली अध्यक्ष विकास सुराणा, टीपीएफ अध्यक्ष राजेश गेलड़ा आदि ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।

इस समारोह के प्रथम भाग में मुनि विमलकुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ एक मर्यादित, अनुशासित एवं सुसंगठित धर्मसंघ है। “एक गुरु और एक विधान” के पर्याय तेरापंथ धर्मसंघ की विकास यात्रा में संस्थाएं एवं श्रावक समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है। संघ और संघपति के प्रति सर्वात्मना समर्पित संस्थाओं के पदाधिकारी संघ एवं समाज की श्रीवृद्धि में अपने दूरदर्शी चिंतन और निष्ठायुक्त पुरुषार्थ से अपना अमूल्य योगदान दिया है। संस्थाओं में पदाधिकारी बनने की होड़ न हो बल्कि पद की पात्रता को विकसित करने की हर श्रावक में होड़ रहे। दिल्ली तेरापंथी सभा ने चुनाव न करके मनोनयन के आधार पर अध्यक्ष को मनोनीत करने का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस अवसर पर मुनि मधुरकुमार एवं मुनि धन्यकुमार भी अपना उद्बोधन प्रदत्त किया। कार्यक्रम का संयोजन सभा के महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने किया।

उन्होंने वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए गत वर्ष की प्रमुख गतिविधियों एवं उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। कोषाध्यक्ष सुनील भंसाली ने आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। वात्सल्य पीठ के प्रभारी लक्ष्मीपत बोथरा ने अब तक हुए निर्माण कार्य एवं प्राप्त अनुदान आदि की जानकारी दी।

विदित हो कि सुखराज सेठिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिल्ली विभाग में विभिन्न दायित्वों का कुशलता से निर्वहन करते हुए वर्तमान में समर्थ शिक्षा समिति-दिल्ली के अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं। इस समिति के अंतर्गत दिल्ली में लगभग पैंतीस विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। जीतो तथा जैन महासभा के माध्यम से जैन एकता तथा समन्वय की भावना को प्रशस्त करने में आपकी विशेष भूमिका रही है। दिल्ली सभा के अध्यक्ष मनोनीत होने पर देश-विदेश से शुभकामना संदेश आपको मिले हैं। श्री सेठिया तेरापंथ धर्म संघ की प्रभावना एवं श्रीवृद्धि में सतत जागरूक रहते हुए अपनी व्यवहार कुशलता, सौहार्द भावना से आज समग्र जैन समाज में सर्वप्रिय व्यक्तित्व के रूप में प्रतिष्ठित हैं।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version