त्याग तपस्या के प्रेरक महर्षि दधीचि ऋषि की मूर्ति राजस्थान के गांव गांव मे लगेगी ताकि युवा पीढ़ी महर्षि दधीचि के आदर्श पर चल सके। यह निर्णय भगवान परशुराम की प्रायश्चित स्थली मातृकुंडिया मे आयोजित बैठक मे लिया गया हे। महर्षि दधीचि जन कल्याण संस्थान की 5 मई को चित्तौड़गढ़ जिले के राशमी तहसील के मातृ कुंडिया में आयोजित बैठक में राजस्थान के दूरदराज क्षेत्रों से और मध्यप्रदेश से आए दाधीच समाजबंधुओ की उपस्थितमे लिया गया।। इस मीटिंग के प्रति लोगो के मन में काफी उत्सुकता और उत्साह रहा और इस संगठन के साथ कार्य करने के लिए सभी समाजजनों ने अपनी सहमति व्यक्त की है । बैठक के प्रथम सत्र में प्राप्त प्रस्तावों पर समाजबंधुओं के विचार कर गहन चिंतन और मनन करने के बाद द्वितीय सत्र में कुछ बड़े निर्णय लिए गए ।
भगवान महर्षि दधीचि ऋषि की ग्रामों और शहरों में मूर्तिया लगाने की एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई गई है, ताकि महर्षि दधीचि के बारे में जन जन को जानकारी मिले और नई पीढ़ी को उनके महान कार्य से हम अवगत करा सके । कई बंधुओ ने अपने अपने यहां महर्षि दधीचि की मूर्ति लगाने का आवेदन किया है, जिस पर कार्यकारिणी की बैठक में विचार कर स्थान का निर्धारण किया जायेगा । संस्थान की जन जन में पहुंच बनाने के लिए कई कमेटिया भी बनाई जाएगी, जिसकी घोषणा भी जल्द ही अध्यक्ष द्वारा की जाएगी ।
बैठक में संस्थान के अध्यक्ष अशोक कुमार आसोपा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीशचंद जोशी, कमल दाधीच, समन्वयक जगदीश दाधीच, महासचिव नव नारायण शर्मा, संयुक्त सचिव रोहित कुमार आचार्य, कोषाध्यक्ष मुकेश दाधीच, वरिष्ठ पत्रकार उमेंद्र दाधीच, सांवरमल जोशी इंदौर, धर्मेश रिणवा बर, महर्षि दधीचि आश्रम विकास समिति, मातृकुंडिया के अध्यक्ष विष्णुदत्त जोशी, ब्यावर दाधीच समाज अध्यक्ष प्रकाशचंद रिणवा, जितेंद्र दाधीच सहित, अजमेर, जोधपुर, जयपुर, राजसमंद, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, ब्यावर, पाली, इंदौर, सहित कई जिलों के दाधीच बंधु उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन संयुक्त सचिव रोहित कुमार आचार्य ने किया । इस बैठक में संस्थान के अध्यक्ष अशोक आसोपा ने संगठन के भावी कार्यक्रमों और उद्देश्यों पर भी प्रकाश डाला।