बेंगलुरु, 11 जुलाई 2025: भारत में टैक्स-टेक के क्षेत्र में एक नई पहल करते हुए, क्लियरटैक्स (फिनटेक कंपनी क्लियर का एक हिस्सा) ने आज देश भर में क्लियरटैक्स एआई लॉन्च करने का ऐलान किया है। यह एक पर्सनल, मल्टीलिंगुअल एआई-पावर्ड टैक्स असिस्टेंट है, जिसे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग को हर भारतीय के लिए आसान और टेंशन-फ्री बनाने के मकसद से तैयार किया गया है, चाहे उनकी इनकम का जरिया कुछ भी हो, वे कहीं भी रहते हों, या उन्हें डिजिटल चीजों की कितनी भी जानकारी हो।
अब टैक्स फाइल करने वाले सिर्फ अपनी पसंदीदा भाषा (इंग्लिश, हिंदी, मराठी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु और बांग्ला समेत 7 भाषाओं) में चैट करके 3 मिनट से भी कम समय में अपना टैक्स भर सकते हैं। इसके लिए वे WhatsApp, Slack, Microsoft Teams या क्लियरटैक्स की वेबसाइट जैसे पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। चाहे वे सैलरी वाले हों, गिग वर्कर हों, फ्रीलांसर हों, या पहली बार टैक्स फाइल कर रहे हों, हर कोई बिना किसी मुश्किल टैक्स फॉर्म को समझे या किसी एजेंट की मदद के बिना, खुद ही पूरा प्रोसेस कर सकता है।
क्लियरटैक्स एआई उन पुरानी मुश्किलों को दूर करता है जो लोगों को टैक्स फाइल करने में आती थीं। यह टैक्स की मुश्किल भाषा को आसान शब्दों में समझाता है, सही ITR फॉर्म और रीजीम को अपने आप चुनता है, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से 95% तक जरूरी डेटा खुद ही ले लेता है, सभी लागू डिडक्शंस (कटौतियां) अपने आप लगा देता है, और कई भारतीय भाषाओं में 24 घंटे सपोर्ट देता है। टैक्स फाइल करने वालों को बस अपना PAN और Form 16, साथ ही ब्रोकर स्टेटमेंट अपलोड करना होगा, बाकी काम एआई खुद कर लेगा।
क्लियरटैक्स के फाउंडर और CEO, आर्चित गुप्ता ने कहा, “हमारा लक्ष्य टैक्स फाइलिंग को टेक्स्ट मैसेज भेजने जितना आसान बनाना है। क्लियरटैक्स एआई भारत के लिए बनाया गया है, जो डिजिटल साक्षरता की कमी, भाषा की रुकावटों और एक्सपर्ट मदद की कमी जैसी असली समस्याओं को हल करता है। गिग वर्कर्स से लेकर छोटे शहरों में पहली बार टैक्स फाइल करने वालों तक, हम लाखों भारतीयों को सही और भरोसेमंद तरीके से, उनकी पसंदीदा भाषा में टैक्स फाइल करने में मदद कर रहे हैं।”
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आकलन वर्ष 2024-25 में (31 जुलाई 2024 तक) 7.28 करोड़ से ज्यादा रिटर्न फाइल किए गए। फिर भी, इनमें से 56% से ज्यादा ऑफलाइन या एजेंटों की मदद से भरे गए, जो एक बड़ी समस्या की तरफ इशारा करता है – जागरूकता, भरोसे और सरलता की कमी। यह समस्या खासकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में ज्यादा है, जहां भाषा की रुकावटों और फॉर्म्स की मुश्किलों की वजह से डिजिटल चीजों को अपनाने में अभी भी कमी है।
क्लियरटैक्स एआई का लॉन्च सरकार के उस हालिया कदम से भी जुड़ा है, जिसमें ₹1.25 लाख तक के कैपिटल गेन्स (पूंजीगत लाभ) वाले लोगों को ITR-1 या ITR-4 का इस्तेमाल करने की छूट दी गई है। यह असिस्टेंट ऐसे पॉलिसी बदलावों को अपने आप हैंडल करने में सक्षम है, जिससे टैक्सपेयर्स को कानूनी बारीकियों को समझे बिना नए नियमों का फायदा मिलता है।
इस लॉन्च के साथ, क्लियरटैक्स का लक्ष्य अगले कुछ सालों में 1 करोड़ नए टैक्स फाइल करने वालों को जोड़ना है, जिससे भारत और भी ज्यादा डिजिटल रूप से कॉन्फिडेंट और आर्थिक रूप से शामिल हो सके। कई लोगों के लिए यह पहली बार होगा जब वे बिना किसी एजेंट, सलाहकार या ढेर सारे कागजी काम के खुद ही टैक्स फाइल करेंगे।
क्लियरटैक्स एआई अब सभी सपोर्टेड प्लेटफॉर्म्स पर लाइव है और इस्तेमाल के लिए उपलब्ध है। कंपनी अगले कुछ महीनों में और क्षेत्रीय भाषाओं और यूजर सेगमेंट्स के लिए सपोर्ट बढ़ाने की योजना बना रही है।