Home एजुकेशन केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आईआईएम संबलपुर में किया आई-हब इनक्यूबेटर का उद्घाटन

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आईआईएम संबलपुर में किया आई-हब इनक्यूबेटर का उद्घाटन

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संबलपुर; 04 मार्च, 2024: आईआईएम संबलपुर में केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान के हाथों फिजिकल और वर्चुअल इनक्यूबेटर आई-हब फाउंडेशन के उद्घाटन के साथ एक दिवसीय ‘100 क्यूब स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव’ की शुरुआत हुई। एक पंजीकृत कंपनी के रूप में धारा 8 के तहत स्थापित आई-हब फाउंडेशन कपड़ा, कला और संस्कृति, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय और डिजिटल समावेशिता, आदिवासी उद्यमिता और स्थिरता सहित विभिन्न क्षेत्रों में नए वेंचर के पोषण और समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह विशिष्ट स्टार्टअप पहल 2036 में ओडिशा के शताब्दी समारोह तक अपने परिसर में 100 स्टार्टअप स्थापित करने का प्रयास करेगी, जिनमें से प्रत्येक का अनुमानित मूल्यांकन 100 करोड़ रुपए है। कॉन्क्लेव में प्रोफेसर महादेव जायसवाल, डायरेक्टर, आईआईएम संबलपुर; प्रोफेसर मनोज कुमार तिवारी, डायरेक्टर आईआईएम मुंबई; पीएम प्रसाद, एमडी, कोल इंडिया लिमिटेड; अमरेंदु प्रकाश, सीएमडी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड; संजीव बजाज, एमडी, बजाज फिनसर्व; रश्मि रंजन महापात्र, एमडी पैरी एंटरप्राइजेज; नागराज प्रकाशम, लेखक और एंजेल निवेशक; जयंती महापात्रा, सीईओ और संस्थापक मानिकस्टू (जीओएटी बैंक); निर्मित पारिख, संस्थापक अपना; और अविनाश पुणेकर, सीईओ आईक्रिएट, संकाय सदस्य और स्टूडेंट्स शामिल हुए। इस कार्यक्रम में आईआईएम मुंबई और आईआईएम संबलपुर द्वारा अंगुल, ओडिशा में मैनेजमेंट एजुकेशन सेंटर की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए।अपने संबोधन में केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 100 क्यूब स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव के महत्व पर जोर दिया और कहा, ‘कॉन्क्लेव में शामिल हुए स्टार्ट-अप धन निर्माता, रोजगार निर्माता और समाज के निचले स्तर के लिए आर्थिक अवसरों के निर्माता हैं।’ केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने स्वास्थ्य सेवा, कपड़ा, कृषि, खानों और खनिजों को स्टार्टअप के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में देखा और कहा कि आईआईटी संबलपुर जैसे शिक्षा संस्थान की फैकल्टी प्रतिभाएं इस मामले में मार्गदर्शन के लिए स्वाभाविक जगह हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आज देश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है; हालांकि चुनौती संसाधनों को नए आइडिया से जोड़ने में है। आई-हब जैसे इन्क्यूबेशन सेंटर इसकी सुविधा देंगे। अंत में, उन्होंने स्टार्टअप आइडियाज, प्रोडक्ट और प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की जरूरत पर जोर दिया।बजाज फिनसर्व के एमडी संजीव बजाज ने कहा, ‘100-क्यूब कॉन्क्लेव का हिस्सा बनना खुशी की बात है, खासकर इसकी बड़ी योजनाओं को देखते हुए। सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था भारत के वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। ऐसे में यह एक उपयुक्त अवसर है। भारत पहले से ही तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप राष्ट्र है, जिसमें एक लाख ग्यारह हजार से अधिक स्टार्टअप डीपीआईआईटी के साथ पंजीकृत हैं, और 111 यूनिकॉर्न हैं। आगे बढ़ने की कुंजी एक आइडिया लाना, बाजार की पहचान करना, एक मजबूत टीम का निर्माण करना और अच्छी तरह से क्रियान्वित करना है। भारत और ओडिशा द्वारा प्रदान किया गया अवसर अद्वितीय है। मुझे ओडिशा के शताब्दी वर्ष 2036 तक 100 स्टार्टअप के लक्ष्य में विश्वास है, आइए हम कम से कम दस यूनिकॉर्न रखने का एक अतिरिक्त लक्ष्य भी रखें और इसे हासिल करें।’आईआईएम संबलपुर के निदेशक प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने 2036 में ओडिशा के शताब्दी समारोह तक अगले दस वर्षों में 100 करोड़ के कारोबार वाले 100 स्टार्टअप बनाने के लक्ष्य के साथ 100 क्यूब स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव की मेजबानी करने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘हमारा अनूठा प्रस्ताव खनिज और खनन संसाधनों से समृद्ध क्षेत्रों में स्थानीय कला, संस्कृति और बौद्धिक उद्योग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। हमारा लक्ष्य इन क्षेत्रों में मूल्य संवर्धन करना है। इसके अलावा, हम ओडिशा को स्टार्टअप और उद्यमियों के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।’प्रो. जायसवाल ने आगे कहा, ‘आईआईएम संबलपुर में, हमारा दृष्टिकोण उद्यमशीलता की मानसिकता वाले व्यक्तियों को आगे बढ़ाना है जो नवाचार, अखंडता और समावेशिता के हमारे मूल मूल्यों के साथ जुड़ा हुआ है। हमें यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि हम देश में सबसे अधिक लैंगिक विविधता वाले एमबीए क्लासेज वाले पहले संस्थान हैं, हमारे प्रथम वर्ष के एमबीए कार्यक्रम में 60% से अधिक महिला स्टूडेंट हैं।’इससे पहले कॉन्क्लेव की शुरुआत स्टार्टअप्स के लिए ब्रांडिंग और स्केलेबिलिटी पर एक जानकारीपूर्ण मास्टर सत्र के साथ हुई। इसके बाद एक व्यावहारिक फायरसाइड चैट हुई, जहां बजाज फिनसर्व के एमडी, संजीव बजाज ने उद्यमिता और व्यवसाय की दुनिया में अपने अनुभव और विचार साझा किए।पीएम प्रसाद, एमडी, सीआईएल; अमरेंदु प्रकाश, सीएमडी, सेल; और बजाज फिनसर्व के एमडी संजीव बजाज ने भी भारत में उद्यमिता के भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया। इस अवसर पर, एक कुशल बुनकर सुलोचना ने पारंपरिक शिल्प और उद्यमिता में अपनी प्रेरक यात्रा और विचार साझा किए। उद्घाटन सत्र आईआईएम संबलपुर के संकाय प्रोफेसर दिवाहार नादर के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ संपन्न हुआ।प्रतिभागियों के लिए 100 क्यूब्स पहल और आई-हब फाउंडेशन को प्रदर्शित करने वाला एक वीडियो भी दिखाया गया। इस कार्यक्रम में संबलपुर, झारसुगुड़ा, सुंदरगढ़, बारगढ़ और ओडिशा के अन्य जिलों के 50 स्टार्टअप को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी शामिल की गई, जिससे उन्हें वीसी और एंजेल निवेशकों के साथ बातचीत करने का मौका मिला।कॉन्क्लेव का समापन स्टार्टअप ओपन माइक सत्र के साथ हुआ, जिसने स्टार्टअप और स्टूडेंट्स को अपनी अपेक्षाओं को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान किया। सत्र में संस्थान और अन्य हितधारकों ने स्टार्टअप की जरूरतों पर आवश्यक कार्रवाई करने पर जोर दिया। सैशन का नेतृत्व बजाज फिनसर्व के एमडी संजीव बजाज ने किया; रश्मि रंजन महापात्र, एमडी पैरी एंटरप्राइजेज; नागराज प्रकाशम, लेखक और एंजेल निवेशक; जयंती महापात्रा, सीईओ और संस्थापक मानिकस्टू (जीओएटी बैंक); निर्मित पारिख, संस्थापक अपना; और अविनाश पुणेकर, सीईओ आईक्रिएट ने किया।

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