26 जनवरी 2024 : संबलपुर: आईआईएम संबलपुर में 9वें पैन आईआईएम वर्ल्ड मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस (डब्ल्यूएमसी) में एक महत्वपूर्ण शुरुआत हुई, जहां केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘सांस्कृतिक और सतत प्रबंधन के लिए रंगावती एक्लीलेंस सेंटर’ का उद्घाटन किया। सांस्कृतिक और सतत प्रबंधन के लिए रंगावती एक्लीलेंस सेंटर के बारे में श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, यह सेंटर नृत्य, भावपूर्ण गीत, प्रकृति पूजा और समृद्ध खाद्य संस्कृति सहित ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का केंद्र साबित होगा। इसका प्राथमिक ध्यान पश्चिमी ओडिशा की कला, साहित्य, संस्कृति और इतिहास पर शोध करना होगा, जिसमें वस्त्रों पर विशेष जोर दिया जाएगा।
यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री रत्नेश झा; श्री एस एन त्रिपाठी, महानिदेशक, आईआईपीए, नई दिल्ली और श्री रोमल शेट्टी, सीईओ, डेलॉइट ने उद्घाटन समारोह की गरिमा बढ़ाई। उद्घाटन समारोह के अवसर पर, आईआईएम जम्मू के निदेशक प्रो. बीएस सहाय; प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी, निदेशक, आईआईएम काशीपुर; आईआईएम नागपुर के निदेशक प्रोफेसर भीमाराय मेत्री और आईआईएम त्रिची के निदेशक प्रोफेसर पवन कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
आईआईएम संबलपुर के निदेशक प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने 3डी – डिजिटलीकरण, डीकार्बोनाइजेशन और बिजनेस के डिमोक्रेटाइजेशन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, दुनिया बदल रही है और तीन डी की इनमें बड़ी भूमिका है– डिजिटलीकरण, डीकार्बोनाइजेशन और बिजनेस का डिमोक्रेटाइजेशन। उन्होंने यूआईडीएआई और यूपीआई जैसी पहलों का हवाला देते हुए डिजिटल दुनिया का नेतृत्व करने की भारत की क्षमता पर भी जोर दिया। उन्होंने आगे कहा, उपनिवेशीकरण से पहले, भारत के पास दुनिया की जीडीपी का 32% हिस्सा था। इनोवेशन, सस्टेनबिलिटी और 3डी के माध्यम से, हम इसे वापस हासिल कर सकते हैं। माननीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा उद्घाटन किए गए आईआईएम संबलपुर के रंगावती सेंटर में क्षेत्र की जीवंत कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एक खुला थिएटर होगा। यह प्रयास स्थानीय लोगों के साथ एक अच्छे संबंध बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह समुदाय, क्षेत्रीय विकास और विविधता को अपनाने और याद रखने के महत्व की याद दिलाता है।
मुख्य अतिथि डेलॉइट साउथ एशिया के सीईओ श्री रोमल शेट्टी ने कॉलोबरेशन, सस्टेनेबिलिटी और डिजिटल गवर्नेंस पर ध्यान केंद्रित करके भारत के विकास के विभिन्न पहलुओं में नवाचार के महत्व पर जोर दिया। पॉवरपॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से श्री शेट्टी ने चंद्रयान, मैल्कम मैकलीन के कंटेनरीकरण और सिएट जैसी भारतीय कंपनियों द्वारा लॉजिस्टिक्स उद्योग में क्रांति लाने जैसे उदाहरणों पर प्रकाश डालते हुए नवाचार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, इनोवेशन काफी बड़ा विषय है, जिसमें ग्रोथ, गवर्नेंस और सस्टेनेबिलिटी शामिल है। शेट्टी ने ऐप्पल वॉच को सस्टेनेबिलिटी के लिए दूरदर्शितापूर्ण योजना का उदाहरण बताया और प्रतीक्षा समय को कम करने, ईंधन बचाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में भारत के फास्टैग और जीएसटी कार्यान्वयन की उल्लेखनीय सफलता को रेखांकित किया। उन्होंने छात्रों को कई समाधानों के लिए नवाचार करने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों से समस्याओं को देखना सीखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने देश में प्रचुर अवसरों पर प्रकाश डालते हुए युवा पीढ़ी को भारत में रहने और इसके विकास में योगदान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।’
सम्मानित अतिथि श्री एस एन त्रिपाठी, महानिदेशक, आईआईपीए, नई दिल्ली ने देश में आईआईएम की भूमिका के दायरे और भारतीय मंत्रालयों के भीतर कई विभागों और संगठनों और सरकार की बुनियादी संरचना में मानसिकता बदलाव की अनिवार्य आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक उदाहरण दिया – इस देश पर तीस करोड़ लोग शासन कर रहे हैं और लाइनमैन से लेकर चेयरमैन तक तीन करोड़ नौकरशाह हैं, जो सरकार का हिस्सा हैं और 21 आईआईएम के साथ उनकी मानसिकता बदलना कोई आसान काम नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘भारत के लोगों का विकास करने के लिए हमें सिर्फ डेटा से ज्यादा इनसाइट की जरूरत है।’
इससे पहले दिन के दौरान, एक डॉक्टरेट कंसोर्टियम का भी आयोजन किया गया था जो उभरते स्कॉलर और डॉक्टरेट कैंडीडेंट के लिए एक अमूल्य मंच साबित हुआ। उद्घाटन समारोह आईआईएम संबलपुर के सम्मेलन अध्यक्ष प्रो. सुधेंदर एच. राव के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ संपन्न हुआ। 4-दिवसीय 9वें पैन आईआईएम वर्ल्ड मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस (डब्ल्यूएमसी) का आयोजन आईआईएम संबलपुर में सोमवार, 22 जनवरी, 2024 से बुधवार, 24 जनवरी, 2024 तक उद्यमी नवाचार और समावेशी के लिए डिजिटल गवर्नेंस और सतत विकास विषय पर किया जा रहा है। हाइब्रिड कॉन्फ्रेंस में आईआईएम निदेशक पैनल, सीईओ पैनल, सीएचआरओ पैनल, स्टार्टअप राउंड टेबल चर्चा, मान्यता पैनल, संपादकों के साथ बातचीत और शोध पत्र प्रस्तुतियां शामिल होंगी। सम्मेलन में 21 आईआईएम के निदेशक जुटेंगे।