
मुंबई, दिव्यराष्ट्र:/ ईशा अंबानी के नेतृत्व में वर्ष 2025 में रिलायंस रिटेल ने निरंतर निवेश जारी रखा, और खुद को भारत में दैनिक खरीदारी से जुड़ा सबसे प्रमुख नामों में और अधिक सुदृढ़ किया। यह वर्ष बड़े-बड़े घोषणाओं से अधिक स्थिर वृद्धि, व्यापक पहुँच और ग्राहकों के साथ गहरे जुड़ाव के बारे में था।
2025 के अंत तक, रिलायंस रिटेल के पास देशभर के 7,000 से अधिक शहरों और कस्बों में लगभग 20,000 स्टोर्स का संचालन था – जिससे यह भारत के सबसे बड़े रिटेल नेटवर्क में से एक बन गया। कई छोटे शहरों में, रिलायंस रिटेल स्टोर खुलने से लोगों को पहली बार ऑर्गेनाइज़्ड रिटेल का अनुभव मिला, जिसमें उपभोक्ताओं को निश्चित मूल्य, अधिक विकल्प और अधिक विश्वसनीय खरीदारी अनुभव मिल सका।
कंपनी की वार्षिक आम बैठक में ईशा अंबानी ने कहा, “स्टोर हमारे रिटेल बिज़नेस की रीढ़ हैं, और शहरों और कस्बों में हमारा विस्तार लगातार जारी है।” इस बयान के माध्यम से उन्होंने डिजिटल ग्रोथ के साथ-साथ फिजिकल रिटेल के निरंतर महत्व को रेखांकित किया।
उपभोक्ता सहभागिता ने इस व्यापक नेटवर्क के पैमाने को स्पष्ट रूप से दर्शाया। स्टोर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर, रिलायंस रिटेल ने साल भर में एक अरब से ज़्यादा कस्टमर ट्रांज़ैक्शन किए, जिनमें मुख्यतः दैनिक उपयोग की वस्तुएँ जैसे किराना, परिधान और रोजमर्रा की आवश्यकताएँ शामिल रहीं, न कि केवल बड़े या अवसर आधारित खरीदारी।
किराना श्रेणी कंपनी के व्यवसाय का केंद्र बनी रही, जिसे स्थिरता और व्यापक पहुँच के लिए डिज़ाइन की गई सप्लाई चेन ने मजबूती प्रदान की। फैशन फॉर्मैट्स का विस्तार महानगरों से आगे छोटे शहरों तक बढ़ा, जिससे इन क्षेत्रों में किफायती और ट्रेंड-प्रेरित कपड़ों की पहुँच बेहतर हुई।
डिजिटल सेवाओं ने सुविधाएँ बढ़ाईं* — जैसे जियोमार्ट और मिल्कबास्केट, जो तेज़, निर्धारित और सब्सक्रिप्शन-आधारित डिलीवरी प्रदान करते हैं, और अक्सर इन ऑर्डर्स की पूर्ति निकटतम स्टोर्स से होती है।
वर्ष के अंत में, रिलायंस रिटेल का असर किसी बड़े बदलाव में नहीं, बल्कि लगातार काम करने में था — एक ऐसा ब्रांड बनकर जो लाखों भारतीयों की रोजमर्रा की खरीदारी का सहज हिस्सा बन चुका है।




