विश्व पर्यावरण दिवस 2025

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धरा को संरक्षित करने का जिम्मा मानव का

(उमेन्द्र दाधीच)

हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सतत विकास को प्रोत्साहित करने का एक वैश्विक मंच प्रदान करता है। इस साल 2025 में, विश्व पर्यावरण दिवस का थीम “हमारी धरती, हमारा भविष्य” है, जो जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता के नुकसान और प्रदूषण जैसी गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देता है। यह दिन न केवल पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को याद दिलाता है, बल्कि व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर भी प्रदान करता है।विश्व पर्यावरण दिवस का महत्वविश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत 1972 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा स्टॉकहोम सम्मेलन में की गई थी। तब से यह दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए सबसे बड़े मंचों में से एक बन गया है। इस दिन, सरकारें, संगठन, समुदाय और व्यक्ति एकजुट होकर पर्यावरण के लिए कार्य करते हैं। 2025 में यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वैश्विक तापमान में वृद्धि, प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती संख्या और जैव विविधता के तेजी से नुकसान ने मानवता के सामने अभूतपूर्व चुनौतियां पेश की हैं।UNEP के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, यदि वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो 2050 तक दुनिया के कई हिस्सों में जीवन स्तर और आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। भारत जैसे देश, जो जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं, विशेष रूप से प्रभावित हो सकते हैं।2025 की थीम: हमारी धरती, हमारा भविष्यइस साल की थीम “हमारी धरती, हमारा भविष्य” पृथ्वी के संसाधनों के संरक्षण और भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ ग्रह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। यह थीम हमें याद दिलाती है कि पर्यावरण संरक्षण केवल एक दिन की गतिविधि नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक प्रतिबद्धता है। इस थीम के तहत, UNEP ने तीन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है:जलवायु परिवर्तन से निपटना: ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की आवश्यकता।जैव विविधता संरक्षण: वन्यजीवों और पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा के लिए ठोस कदम।प्रदूषण नियंत्रण: प्लास्टिक प्रदूषण, वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को कम करने के लिए अभिनव समाधान।भारत में पर्यावरणीय चुनौतियांभारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के साथ-साथ, पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना भी कर रहा है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत के 21 शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। इसके अलावा, गंगा और यमुना जैसी नदियों में जल प्रदूषण, अवैध खनन, और जंगलों की कटाई ने जैव विविधता को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।हाल के एक अध्ययन में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली ने बताया कि भारत में हर साल लगभग 1.6 मिलियन लोग वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के कारण असमय मृत्यु का शिकार होते हैं। इसके साथ ही, हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियरों के पिघलने से जल संकट और बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है।विश्व पर्यावरण दिवस 2025: वैश्विक और स्थानीय पहलविश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर, दुनिया भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यूएनईपी ने इस साल सऊदी अरब को मेजबान देश के रूप में चुना है, जहां वैश्विक नेताओं, वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों का एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नए समझौतों और नीतियों पर चर्चा होगी।भारत में, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कई पहल शुरू की हैं। इनमें शामिल हैं:नमामि गंगे परियोजना: गंगा नदी की सफाई और संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास।हरित भारत मिशन: 2030 तक 33% वन क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य।स्वच्छ भारत अभियान: कचरा प्रबंधन और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए जागरूकता।इसके अलावा, कई गैर-सरकारी संगठन और सामुदायिक समूह स्थानीय स्तर पर वृक्षारोपण, कचरा पुनर्चक्रण और जल संरक्षण जैसे कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली में “ग्रीन दिल्ली, क्लीन दिल्ली” अभियान के तहत स्कूली बच्चे और स्वयंसेवक शहर में 10,000 पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं।व्यक्तिगत स्तर पर योगदानविश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य केवल बड़े पैमाने पर नीतियां बनाना ही नहीं, बल्कि व्यक्तियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना भी है। कुछ आसान कदम जो प्रत्येक व्यक्ति उठा सकता है:प्लास्टिक का उपयोग कम करें: एकल-उपयोग प्लास्टिक की जगह कपड़े के थैले और स्टील के बर्तनों का उपयोग करें। हमें ऊर्जा संरक्षण: के लिए एल ई डी बल्ब का उपयोग करना होगा और बिजली की बर्बादी रोककेनी होगी।वृक्षारोपण: अपने घर या समुदाय में पेड़ लगाएं और उनकी देखभाल करें।जल संरक्षण: वर्षा जल संचयन और पानी की बर्बादी को कम करें।सार्वजनिक परिवहन: निजी वाहनों की जगह मेट्रो, बस या साइकिल का उपयोग करें।वैश्विक परिप्रेक्ष्य: जलवायु संकट और समाधानवैश्विक स्तर पर, जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी चुनौती है। 2024 में हुए सीओपी 29 सम्मेलन में, कई देशों ने 2050 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करने का वादा किया था। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए और अधिक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। नवीकरणीय ऊर्जा, जैसे सौर और पवन ऊर्जा, में निवेश बढ़ाना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा उत्पादकों में से एक बनाता है। इसके साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई सब्सिडी योजनाएं शुरू की हैं।जैव विविधता और इसका संरक्षणजैव विविधता पृथ्वी की जीवन रेखा है। जंगल, नदियां, और समुद्र न केवल प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करते हैं, बल्कि मानव जीवन के लिए आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराते हैं। हालांकि, अवैध शिकार, जंगलों की कटाई और प्रदूषण के कारण कई प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं। भारत में, बाघ, गैंडा और भारतीय शेर जैसी प्रजातियों के संरक्षण के लिए कई परियोजनाएं चल रही हैं, जैसे प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलिफेंट। यूएनईपी की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यदि जैव विविधता के नुकसान को नहीं रोका गया, तो 2030 तक दुनिया भर में 1 मिलियन प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए, भारत ने जैव विविधता संरक्षण के लिए राष्ट्रीय जैव विविधता कार्य योजना (NBAP) को लागू किया है।प्लास्टिक प्रदूषण: एक वैश्विक संकटप्लास्टिक प्रदूषण आज की सबसे बड़ी पर्यावरणीय समस्याओं में से एक है। हर साल, दुनिया भर में 300 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से अधिकांश समुद्रों में पहुंच जाता है। भारत में, सरकार ने 2022 में एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन इसकी पूरी तरह से पालना अभी भी एक चुनौती है।विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर, कई संगठन प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए अभियान चला रहे हैं। उदाहरण के लिए, “बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन” अभियान के तहत, समुद्र तटों और नदियों की सफाई के लिए स्वयंसेवी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।भविष्य की राहविश्व पर्यावरण दिवस 2025 हमें यह याद दिलाता है कि पृथ्वी हमारा एकमात्र घर है, और इसे बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि हम एक ऐसी दुनिया बना सकें जो न केवल हमारे लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी रहने योग्य हो।जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि और प्रदूषण जैसी चुनौतियां जटिल हैं, लेकिन असंभव नहीं। नवाचार, सहयोग और सामूहिक इच्छाशक्ति के साथ, हम इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर, आइए हम संकल्प लें कि हम अपने ग्रह की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

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