दिव्यराष्ट्र, नई दिल्ली: एशिया में प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों को दूर करने के लिए यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) और द कोका-कोला फाउंडेशन (टीसीसीएफ) ने हाथ मिलाया है। एशिया में पर्यावरण संबंधी चुनौतियों और अवसरों की भरमार है। तेजी से होता शहरीकरण, सिंगल यूज प्लास्टिक की बढ़ती मांग और कचरा प्रबंधन को लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण यहां प्लास्टिक कचरा बहुत तेजी से बढ़ा है। यही कारण है कि इसके लिए प्रभावी समाधान तलाशना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है। तीन साल के इस बहुराष्ट्रीय प्रोग्राम को आज भारत में लॉन्च किया गया।
यूएनडीपी डिप्टी रीजनल डायरेक्टर फॉर एशिया एंड द पैसिफिक क्रिस्टोफ बेहूट ने कहा, ‘प्लास्टिक कचरे से निपटने का अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्मार्ट डेवलपमेंट मॉडल बनाने के बारे में हैं। एशिया में विभिन्न देश सर्कुलर इकोनॉमी के माध्यम से इस समस्या से निपट रहे हैं। हमारी जीरो वेस्ट एंड प्लास्टिक पहल के माध्यम से हम नीतियां बनाने, निवेश आकर्षित करने और सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने में सहयोग कर रहे हैं। इस पहल के साथ हम समुदायों को भी सशक्त कर रहे हैं, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और हमारे पर्यावरण की रक्षा करने के समाधानों को विस्तार दिया जा सके।
द कोका-कोला फाउंडेशन के प्रेसिडेंट कार्लोस पैगोगा ने कहा, ‘कचरा प्रबंधन की व्यवस्था को बेहतर बनाने और रीसाइकिलिंग के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए गठजोड़ बहुत अहम है। यूएनडीपी के साथ अपनी साझेदारी के माध्यम से फाउंडेशन का लक्ष्य ऐसे एडवांस सॉल्यूशंस तैयार करना है, जिनसे पैकेजिंग वेस्ट को न्यूनतम करना, कलेक्शन के बेहतर तरीकों को समर्थन देना और प्रोसेसिंग की क्षमताओं को बेहतर करना संभव होगा। इस एप्रोच से न केवल प्लास्टिक कचरे की समस्या को ज्यादा प्रभावी तरीके से दूर करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे लंबी अवधि में स्थानीय समुदायों के हितों और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।’