जयपुर। दिव्यराष्ट्र/देश की आज़ादी के दौरान स्थापित संस्था हिंदी साहित्य संसद, चूरू की ओर से हिन्दी दिवस के अवसर पर लोक संस्कृति शोध संस्थान नगर श्री, चूरू के सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदेश के दो लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकारों को उनकी अनवरत साहित्य साधना के लिए सम्मानित किया गया।
हिंदी साहित्य संसद के अध्यक्ष बनवारी शर्मा खामोश ने बताया कि वर्ष 2024 का ‘जनकवि प्रदीप शर्मा साहित्य सम्मान एवं पुरस्कार’ उदयपुर की साहित्यकार श्रीमती आशा पाण्डेय औझा ‘आशा’ और रामादेवी भागीरथ प्रसाद मरदा स्मृति कोश सम्मान एवं पुरस्कार’ जयपुर निवासी साहित्यकार लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’ को प्रदान कर सम्मानित किया गया। दोनों सम्मानित साहित्यकारों को अतिथियों ने प्रत्येक को ग्यारह हजार नकद राशि, श्रीफल, पदक, सम्मान-पत्र, स्मृति-चिन्ह तथा शाल अर्पित कर अलंकृत किया गया।
जयपुर के डा. भवानी शंकर शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित साहित्यकार सम्मान समारोह के अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’ मुख्य अतिथि और आशा पांडेय ओझा ‘आशा’ विशिष्ट अतिथि रही। इन तीन विभूतियों के अतिरिक्त हिंदी साहित्य संसद के अध्यक्ष बनवारी लाल शर्मा ‘ख़ामोश’ ने मंच साझा किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंचस्थ जन द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा, चूरू के जनकवि स्व. प्रदीप शर्मा, स्व. भागीरथ प्रसाद मरदा एवं रामादेवी मरदा के चित्रों के समक्ष पुष्प अर्पित कर और अगरबत्ती जलाकर किया गया । दो छोटी बच्चियों तर्जनी सोनी और युक्ति सोनी द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत करने के बाद समारोह विधिवत शुरू हुआ। बड़ी संख्या में उपस्थित स्थानीय एवं बाहर से पधारे कविगण ने निर्धारित समय सीमा में मंचस्थ साहित्यकारों को अधिक से अधिक सुनने की इच्छा प्रकट करते हुए अपना समय उन्हें ही समर्पित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार करने के पश्चात बनवारी लाल शर्मा ‘ख़ामोश’, आशा पांडेय ‘आशा ‘ लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’ तथा अध्यक्ष भवानी शंकर शर्मा ने अपनी शानदार काव्य प्रस्तुतियां से उपस्थित लोगों का मन मोह लिया और खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम के प्रथम चरण का संयोजन सुश्री सरोज हारित ने किया और काव्य गोष्ठी का संयोजन श्री इदरीस खत्री ‘राज़’ ने किया।
समारोह में चिंतक और विचारक प्रो कमल कोठरी, समाज सेवी गोपीराम हारित, सामाजिक कार्यकर्त्ता और वरिष्ठ समीक्षक चंद्र प्रकाश ढंढ, संस्था के सचिव विजय कांत शर्मा, एडीजे मनीषा शर्मा, व्याख्याता तनूजा शर्मा , रोशन शर्मा, अन्नतराम सोनी सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी और प्रमुख नागरिक शामिल हुए।