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फर्क है जन आन्दोलन और भीड़ तंत्र में

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(डॉ. सीमा दाधीच)

दिव्यराष्ट्र समाचार पत्र के सभी सहयोगियों, पाठको और शुभचिंतकों को भारत की स्वतंत्रता के 78वर्ष की शुभकामनाएं। वर्तमान समय मे भारत के बहुत से नागरिक ऐसे है जिन्होंने स्वतंत्र भारत मे जन्म लिया आज भी हमारे देश मे बहुत से ऐसे नागरिक है जिन्होंने अंग्रेजो की दास्ता के काल में जन्म लिया था। जिन लोगो ने आजाद भारत मे जन्म लिया उन्हे इस बात का अहसास नहीं हो सकता की भारत माता को आजादी दिलाने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियो ने कितना बलिदान दिया, कितने कष्ट सहे और कितने जुल्मों का सामना किया। आज हम विकसित और खुशहाल भारत के नागरिक है। भारत के स्वतंत्रता दिवस पर हम हमारे स्वतंत्रता सेनानियो के योगदान को भुला नहीं सकते। आज हम स्वतंत्र भारत के नागरिक होने के नाते सरकार और प्रशासन के गुण दोष की चर्चा कर सकते हे और सरकार के ऐसे निर्णय जो नागरिकों के प्रतिकुल हो उनका विरोध भी कर सकते है। लोकतांत्रिक ढंग से विरोध करना हमारा अधिकार और कर्तव्य है लेकीन लोकतंत्र मे हम भीड़ तंत्र के नाम पर सरकारी संपत्ति को नस्ट करे, दिनहीन का दमन करे तो इसे लोकतंत्र का अपमान ही कहेंगे।

देश की आजादी के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियो ने डांडी यात्रा, नमक सत्याग्रह, स्वदेशी आन्दोलन जेसे कदम उठाए भारत की जनता ने कभी लूटपाट, तोड़ फोड़ या हिंसा मे विश्वास नहीं किया सदैव शांति पूर्वक यानी गांधीवादी तरीके से ही अपनी बात और मांग को रखने का प्रयास किया है भारत की इस महान परंपरा को विश्व के सामने उद्दाहरण के रूप मे देखा गया है। देश की आजादी के आन्दोलन के समय आज के बांगलादेश, पाकिस्तान भी अखंड भारत के अंग थे भारत की आजादी के आन्दोलन मे इन क्षेत्रों की जनता ने भी अहिंसात्मक ढंग से ही अंग्रेजो का विरोध किया और भारत आजाद हुआ लेकिन आजाद होने के बाद पाकिस्तान का जन्म और पाकिस्तान के विभाजन से बांगला देश का जन्म होना और इन दोनो देशो मे आज लोकतंत्र की आड़ मे भीड़ तंत्र का बोलबाला एशिया की शांति के लिए खतरा बन गया है।

बांगलादेश मे जिस प्रकार से लोकतंत्र के नामपर अल्पसंख्यकों का दमन किया गया यह चिंता का कारण है। भारत की जनता को लोकतंत्र का सम्मान करते हुए गांधी के विचारो को अपने जीवन में अंगिकार कर भारत के गौरव और सम्मान की रक्षा का संकल्प लेना होगा। स्वतंत्रता दिवस पर हम संकल्प ले की हम हिंसा से दूर रह कर वसुदेव कुटुंबकम की भावना से समस्त लोगो के कल्याण का कार्य करें।

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