Home दूरदर्शन कोर्ट के स्थगन से पालिका अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास हुआ स्थगित

कोर्ट के स्थगन से पालिका अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास हुआ स्थगित

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-मतगणना पर न्यायालय का चला डंडा

पाली दिव्यराष्ट्र/ जिले के बाली उपखण्ड के फालना-खुडाला नगरपालिका के अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर प्रशासन सवेरे से ही पालिका सभागार को छावणी में तब्दील कर चुका था, दोपहर पूर्व बैठक में 21 पालिका सदस्यों की मौजूदगी रही, वहीं पालिकाध्यक्ष ललिताकुमारी समेत 4 पार्षद गैर हाजिर रहे। वहीं राजस्थान हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के चलते अविश्वास प्रस्ताव पर कोई चर्चा नहीं हो पाई, हांलाकि कोर्ट के आदेश प्राप्त होने से पूर्व ही प्रशासनिक अधिकारियों ने मत पत्र देकर पालिका सदस्यों की वोटिंग करवा दी थी।
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सवेरे 10 बजे से ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर जितेन्द्र कुमार पांडे के सानिध्य में आयोजित बैठक में बाली विधायक पुष्पेन्द्रसिंह राणावत भी पहुंचे तथा मौके की नजाकत को समझते हुये भाजपा जिलाध्यक्ष मंछाराम घांची ने भी अपने-अपने पालिका सदस्यों के लिये विहिप भी जारी की थी। बाली एसडीएम दिनेश कुमार विश्नोई व उप पुलिस अधीक्षक राजेश यादव भी बैठक की कार्यवाही को लेकर व्यवस्थाएं बनाने में लगे रहें। मतदान को लेकर पालिका सदस्यों को मत पत्रों का वितरण भी किया गया। वहीं सवेरे से दोपहर बाद तक मतदान की प्रक्रिया लगातार चलती रही। नगरपालिका के 25 सदस्यों में से 21 सदस्यों ने मतदान में भाग लेकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान में भाग लेने के लिये भाजपा, कांग्रेस व निर्दलीय पालिका सदस्यों समेत पालिका अध्यक्ष ललिता कुमारी भी नगरपालिका सभागार में मौजूद रही। मतगणना होने से पूर्व ही एडीएम एवं रिटर्निंग अधिकारी को राजस्थान उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की जानकारी मिली। जिस पर रिटर्निंग अधिकारी ने मतगणना को स्थगित कर दिया तथा मतदान पेटी को सील करके अपने कब्जे में ले लिया। रिटर्निंग अधिकारी ने बताया कि मतगणना का कार्य राजस्थान उच्च न्यायालय ने मतगणना पर रोक लगाई है, जिसके चलते आगामी आदेशों तक मतगणना को रोका गया हैं।
बहरहाल, फालना-खुडाला नगरपालिका अध्यक्ष ललिता कुमारी के विरूद्ध 19 पालिका सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसको लेकर सोमवार को मतदान आयोजित हुआ। खैर, पालिका अध्यक्ष ललिता कुमारी के भाग्य का फैसला अब मत पेटी में बंद हो चुका है, और राजस्थान उच्च न्यायालय के अग्रिम आदेश का इंतजार अब स्थानीय वाशिन्दों का रहेगा।

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