भारत सरकार के रिसर्च प्रोजेक्ट आईसीएसएसआर के अंतर्गत दो दिवसीय कांफ्रेंस का हुआ समापन।
– विकसित भारत विजन 2047 में महिलाओं की भूमिका पर वक्ताओं ने की चर्चा।
– देश के विभिन्न इलाकों से रिसर्च स्कॉलर्स ने की शिरकत, प्रस्तुत किए अपने पेपर।
जयपुर , दिव्यराष्ट्र/ विकसित भारत विजन-2047 में देश की महिलाओं की भूमिका अहम होगी, वीमेन आंत्रप्रेन्योरशिप इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी। पोद्दार इंटरनेशनल कॉलेज में भारत सरकार के इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर) प्रोजेक्ट पर आयोजित दो दिवसीय कांफ्रेंस के दूसरे दिन वक्ताओं ने कुछ ऐसी ही बाते कही। कॉलेज की ओर से विकसित भारत-2047 के विजन को पूरा करने के लिए भारत सरकार के इस प्रोजेक्ट पर देश के छह राज्यों में रिसर्च किया जा रहा है। इसी रिसर्च प्रोग्राम के अंतर्गत दो दिवसीय कांफ्रेंस के पहले दिन वक्ताओं ने संबोधित करते हुए विभिन्न रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए एवं महिलाओं के विकसित भारत निर्माण में भूमिका पर प्रकाश डाला। कांफ्रेंस में देश के विभिन्न हिस्सों से रिसर्च स्कॉलर्स ने कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के चेयरमेन डॉ. आंनद पोद्दार ने द्वीप प्रज्जवलन कर वर्कशॉप का उद्घाटन किया। उन्होंने वर्कशॉप की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला एवं महिला आंत्रप्रेन्योर्स के वर्तमालन आंकडों पर जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. दीपक सक्सेना के साथ प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. राहुल प्रताप सिंह एवं डॉ. शिवा शर्मा समेत अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। सभी ने एकसुर में समाज के विकास मे महिलाओं की बराबर भूमिका बताई।
जीवन के 3 डी कांसेप्ट को बताया सफलता का पैमाना
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. दीपक सक्सेना ने संबोधित करते हुए कहा कि जीवन मे डिजायर, डिटरमिनेशन और डायरेक्शन का थ्री डी कांसेप्ट सफलता मे अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में इन्हें पूरी तरह से समझकर आगे चलना चाहिए।
6 राज्यों में हो रहा रिसर्च
डॉ. शिवा शर्मा ने बताया कि वीमन आंत्रप्रेन्योरशिप को लेकर देश के छह राज्यों राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र में वीमन आंत्रप्रेन्योरशिप पर रिसर्च की जा रही है। यहां की स्टडी के आधार पर महिलाओं के योगदान पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि देश में निरंतर महिलाओं की स्थिति बेहतर होती जा रही है, जिसके चलते वीमन आंत्रप्रेन्योर्स की संख्या में भी काफी चौंकाने वाली बढोतरी हो रही है, जो कि एक सकारात्मक संकेत है।
सामने आई नीतिगत सिफारिशें
मुख्य वक्ता डॉ. लोकेश विजयवर्गीय ने इस सम्मेलन में महिलाओं के नेतृत्व में स्टार्टअप के लिए एक मजबूत आधार तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने टेक्निकल सेशन में विशेषज्ञों एवं शिक्षकों द्वारा तैयार अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा की इस सम्मेलन से महिलाओं को सशक्त बनाने और उधमशीलता के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए कई सुझाव और नीतिगत सिफारिश सामने आई हैं।