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स्किल बेस्ड गेम्‍स, फैंटेसी स्पोर्ट्स और गेम्‍स ऑफ चांस के लिए टैक्स और रेग्यूलेशंस दुनिया भर में अलग-अलग हैं

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● रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरी ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को एक समान इंडस्ट्री के रूप में देखने तथा ऑनलाइन स्किल गेमिंग को संभावना आधारित गेम्‍स (या जुए) के साथ जोड़ देने से भारत के ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्ट्री का विकास रुक गया है

नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र/भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर मौजूदा समय में 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर है और इसके 2034 तक 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है। हालांकि, इस सेक्टर को लेकर रेग्युलेशन और टैक्स से जुड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं। भारत टैक्‍स की उच्‍च दरों के लिए जाना जाता है। खिलाड़ियों द्वारा हासिल की गई कुल जमा राशि पर सभी गेम फार्मेट में 28% वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है। यह नियम वैश्विक नियमों के विपरीत है। दुनिया के दूसरे देशों में स्किल आधारित गेम्स को संभावना आधारित गेम से अलग करके रेग्युलेट और परिभाषित किया जाता है और इनको जुआ न मानकर अलग दर से टैक्स लगाया जाता है। यूनाइटेड स्टेट्स इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) और टीएमटी लॉ प्रैक्टिस की रिपोर्ट “पाथ अहेड फॉर ऑनलाइन स्किल गेमिंग इन इंडिया : अनपैकिंग ग्लोबल स्टैंडर्ड्स फॉर रेग्युलेटिंग एंड टैक्सिंग ऑनलाइन स्किल गेमिंग” के मुताबिक, कई देशों में स्किल गेम्‍स के भीतर भी फैंटेसी गेम्‍स को एक अलग कैटेगरी में रखा जाता और इनके लिए अलग से रेग्युलेशन और टैक्स नियम बनाए जाते हैं। इस रिपोर्ट में अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, डेनमार्क और बेल्जियम सहित 12 प्रमुख गेमिंग बाजारों के नियामकीय ढांचे और टैक्स नीतियों पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर तमाम देशों में कराधान का आधार माना जाने वाला यूनाइटेड नेशंस सेंट्रल प्रोडक्ट क्लासीफिकेशन भी ऑनलाइन गेमिंग को ऑनलाइन गैम्बलिंग (जुए) से अलग मानता है।

यूएनसीपीसी वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त एक प्रणाली है जो ऑनलाइन गेम्‍स और ऑनलाइन जुए सहित तमाम प्रोडक्ट्स के सही वर्गीकरण का काम करती है। यूएनसीपीसी के तहत, ऑनलाइन गेम (प्रविष्टि 84391) और ऑनलाइन जुआ (प्रविष्टि 96921 प्रविष्टि 96929 के साथ पढ़ें) को अलग-अलग कैटेगरी में रखा गया है, जिसमें कोई ओवरलैप नहीं है। ऑनलाइन गेम में रोल-प्लेइंग गेम (आरपीजी), स्ट्रैटेजी गेम, एक्शन गेम और इंटरनेट पर खेले जाने वाले कार्ड गेम शामिल हैं, भले ही वे प्रवेश शुल्क या असली पैसे के साथ खेले जाएं। लेकिन इनमें जुए का कोई भी रूप शामिल नहीं होना चाहिए। ऑनलाइन जुए में लॉटरी, लोट्टो, ऑफ-ट्रैक बेटिंग और कैसीनो सर्विसेज जैसी सेवाएं शामिल होती हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नॉर्थ अमेरिकन इंडस्‍ट्री क्‍लासिफिकेशन सिस्‍टम (नाइस) जुए को फैंटेसी स्‍पोर्ट्स और स्किल बेस्ड गेम्‍स से अलग वर्गीकृत करता है। उदाहरण के लिए स्किल बेस्ड गेम प्रदान करने वाले स्किल्‍ज़ यूएस आइएनसी का नाइस कोड फैंट्सी गेम प्रदान करने वाले ड्राफ्टकिंग्‍स के एनएआईसीएस कोड से अलग है।

प्रमुख वैश्विक जानकारियां :
रिपोर्ट से पता चलता है कि सभी 12 देशों में संभावना आधारित गेम्स (गेम्‍स ऑफ चांस) के लिए अलग कानूनी परिभाषा है, जो इनको स्किल बेस्ड गेम्‍स से स्पष्ट रूप से अलग करती है। 12 देशों के कानूनों या रेग्युलेटरों में से 8 ने फैंटेसी गेम्स को अलग से रेग्यूलेशन और/या टैक्सेशन के लिए परिभाषित किया है। खास बात ये है कि स्किल बेस्ड गेम्‍स को सभी 12 देशों में अलग नजरिए से देखा जाता है और उन्हें एक अलग, स्टैंडअलोन कैटेगरी में रखा जाता है। स्किल बेस्ड गेम्‍स पर लागू टैक्स की दरें आमतौर पर संभावना आधारित गेम्‍स की तुलना में कम होती हैं। सभी देशों में, स्किल बेस्ड गेम्‍स पर प्लेटफ़ॉर्म शुल्क या ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू (GGR) पर कर लगाया जाता है, जो 2% से 25% तक होता है। स्किल बेस्ड गेम्‍स में भी फ़ैंटेसी गेम्‍स पर कारोबारी मॉडल और फॉर्मेट में अंतर के कारण स्किल के दूसरे गेम्‍स की तुलना में अधिक टैक्स लगाया जाता है। यह भारत की पिछली जीएसटी व्यवस्था के समान है, जिसमें दूसरी डिजिटल सेवाओं की तरह ऑनलाइन गेमिंग पर प्लेटफ़ॉर्म फीस का 18% टैक्स लगाया गया था। फ्रांस ने सबसे बेहतर अंतरराष्ट्रीय प्रणालियों के साथ तालमेल बिठाने और यूजर्स को अवैध ऑफशोर प्लेटफ़ॉर्म पर जाने से रोकने के लिए कुल पूल की गई राशि पर कर लगाने के बजाय प्लेटफ़ॉर्म फीस पर कर लगाने का फैसला लिया है।

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