जयपुर: दिव्यराष्ट्र/ नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर ने एक बार फिर सफलतापूर्वक कैडेवर किडनी प्रत्यारोपण करके अपनी असाधारण चिकित्सा विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। जिससे मरीज सुश्री लाजवंती देवी की जान बचाई गई, जो एक वर्ष के अधिक समय से खतरनाक उच्च क्रिएटिनिन स्तर के साथ क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित थी। नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के सीनियर कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. कमल कासवान और उनकी टीम के सफल प्रयास के बाद मरीज को नया जीवन मिला है।
मरीज को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लंबे समय तक उपचार चलने के बाद भी उनके स्वास्थ्य में गिरावट जारी थी, क्योंकि उन्हें एक उपयुक्त डोनर नहीं मिल रहा था। अंत में उपचार के लिए उन्हें इंटरनेट पर नारायणा हॉस्पिटल के प्रसिद्ध नेफ्रोलॉजी विभाग के बारे में पता चला जहां डॉ. कमल कासवान से परामर्श करने पर, उनके मामले को अत्यंत सावधानी के साथ संभाला गया। डॉ. कासवान और उनकी टीम ने मरीज और उनके परिजनों को उनकी स्थिति की गंभीरता से पूरी तरह अवगत कराते हुए, उन्हें तुरंत प्रत्यारोपण प्रतीक्षा सूची में पंजीकृत कर लिया।
उनके त्वरित प्रयासों के माध्यम से, मरीज को केवल पांच महीने के अंदर एक कैडेवर डोनर से उपयुक्त किडनी मिल गई जो कि भारत में आम तौर पर लंबे इंतजार के समय की तुलना में काफी कम समय था। इस पूरी अवधि के दौरान टीम ने मरीज की देखभाल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए उनके स्वास्थ्य का सावधानीपूर्वक प्रबंधन किया और यह सुनिश्चित किया कि उनकी स्थिति और अधिक खराब न हो।
डॉ. कमल कासवान ने इस मामले पर कहा कि, “लाजवंती देवी किडनी प्रत्यारोपण के लिए विशेष रूप से युवा मरीज थी, और जब वह हमारे पास आईं, तो उनका क्रिएटिनिन स्तर चिंताजनक रूप से 9-10 के बीच बहुत अधिक था। हम जानते थे कि प्रत्यारोपण ही सामान्य जीवन को दोबारा प्राप्त करने का एकमात्र विकल्प है।”
उनके पति को मधुमेह था और माँ डायलिसिस पर थी जिसके चलते उनके परिवार में कोई भी जीवित डोनर उपलब्ध नहीं था। इन चुनौतियों के बावजूद भी मरीज आशान्वित रहीं। उनकी दृढ़ता का फल तब मिला जब उन्हें जीवन बदलने वाली कॉल मिली कि एक मृत किडनी उपलब्ध है। शीघ्र अनुकूलता परीक्षणों के बाद 4 से 5 घंटे की प्रत्यारोपण सर्जरी का सफल परिणाम सामने आया।
सर्जरी के बाद, नारायणा हॉस्पिटल की मेडिकल टीम ने मरीज की रिकवरी पर बारीकी से नजर रखी क्योंकि उनके शरीर में नई किडनी का प्रत्यारोपण किया गया था। सामान्य जीवन में उनकी धीरे-धीरे वापसी हो गई जो डॉ. कासवान और उनकी टीम द्वारा प्रदान की गई विशेषज्ञ देखभाल का प्रमाण है।
मरीज के परिवार ने कहा, “हम डॉ. कासवान और नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर की पूरी टीम के बहुत आभारी हैं।” “उनकी विशेषज्ञता और समर्पण ने लाजवंती को जिंदगी जीने का दूसरा मौका दिया है।”
डॉ. प्रदीप कुमार गोयल, क्लिनिकल डायरेक्टर, नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर ने कहा कि हमारी प्रतिबद्धता महज चिकित्सीय हस्तक्षेप से कहीं आगे तक जाती है। सर्जरी की सफलता किडनी के प्रत्यारोपण के साथ समाप्त नहीं होती है। यह एक यात्रा है और हम हर कदम पर अपने मरीजों का मार्गदर्शन करने के लिए समर्पित हैं। नियमित फॉलो-अप, सर्जरी के बाद की देखभाल और निरंतर सहायता हमारे उपचार प्रोटोकॉल के अभिन्न अंग हैं। हम सिर्फ स्थिति का इलाज नहीं करते हैं; हम व्यक्ति की देखभाल करते हैं।”