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ज्ञान, चरित्र एवं कौशल समायोजन से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सफल क्रियान्वयन – डॉ अतुल

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अजमेर, दिव्यराष्ट्र/ शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास राजस्थान एवं महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका पर 1 दिवसीय कार्यशाला हुई । जयपुर प्रांत संयोजक नितिन कासलीवाल ने बताया की आयोजन के मुख्य वक्ता डॉ अतुल कोठारी राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने उद्घाटन सत्र में आज की शिक्षा को भारत केंद्रित करने हेतु नीति का सफल क्रियान्वयन होना अति आवश्यक है, आप ने ज्ञान चरित्र एवं कौशल के समायोजन का प्रतीक बताया राष्ट्रीय शिक्षा नीति को । भारतीय ज्ञान परंपरा के आधार पर भारतीय शिक्षा का स्वरूप विस्थापित हो एवं शिक्षक प्राथमिक भूमिका में रह कर विद्यार्थियो के साथ संवाद स्वरूप अध्ययन की प्रक्रिया प्रारंभ करे तभी इस शिक्षा नीति का सही रूप में क्रियान्वयन माना जायेगा । उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष प्रो वासुदेव देवनानी ने अतुल भाई को राजस्थान में शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु योजना बद्ध प्रक्रिया के साथ क्रियान्वयन हेतु मार्ग दर्शन करने का आग्रह किया । विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो अनिल शुक्ला ने सभी का स्वागत करते हुए क्रियान्वयन में पूर्ण भूमिका के साथ क्रियान्वयन हेतु विश्वास दिलाया कि पूर्ण समर्थ के साथ नीति का क्रियान्वयन विश्वविद्यालय में अतुल भाई के मार्ग दर्शन में किया जाएगा ।
गुजरात साहित्य अकादमी के सचिव एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की प्रबंधन शिक्षा के राष्ट्रीय सचिव डॉ जयेंद्र जाधव ने “मल्टीपल एन्ट्री एवं एक्जिट तथा अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट ” विषय को विस्तृत रूप से सभी के मध्य रखा एवं सभी की जिज्ञासन्यों का समाधान भी किया । आयोजन में क्षेत्र संरक्षक दुर्गाप्रसद अग्रवाल, क्षेत्र संयोजक डॉ चंद्रशेखर कच्छावा, चित्तौड़ प्रांत संयोजक डॉ अमित शास्त्री, विश्वविद्यालय से प्रो सुभाष चंद्र, प्रो अरविंद पारिख, प्रो रीतू पारिख एवं सभी प्रमुख पदाधिकारी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे ।

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