
यह कदम किसी भारतीय-विकसित सर्जिकल रोबोटिक प्लेटफॉर्म द्वारा उठाए गए सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक नियामक कदमों में से एक है, जो अब तक अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के वर्चस्व वाले इस क्षेत्र में भारत को प्रमुख स्थान दिलाता है।
SS Innovations के संस्थापक, चेयरमैन एवं सीईओ डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने कहा, “FDA को 510(k) नोटिफिकेशन प्रस्तुत करना न केवल SS Innovations के लिए, बल्कि उन्नत चिकित्सा प्रौद्योगिकियों में भारत के वैश्विक नेतृत्व के उभार के लिए भी एक निर्णायक क्षण है। SSi Mantra को किफायती, सुलभ और तकनीकी रूप से विशिष्ट बनाने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है, और विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में इसके प्रमाणित प्रदर्शन इसकी क्षमता को दर्शाते हैं। हमें विश्वास है कि विशेष रूप से वंचित समुदायों की सेवा करने वाले अस्पतालों को एक ऐसे विकल्प से अत्यधिक लाभ होगा जो विश्वस्तरीय होने के साथ-साथ लागत प्रभावी भी है।”
FDA के साथ प्री-सबमिशन बैठक और विस्तृत परामर्श के बाद, कंपनी ने De Novo अनुरोध के बजाय 510(k) मार्ग को अपनाने का निर्णय लिया, जिससे अपेक्षाकृत तेज़ और कुशल अनुमोदन प्रक्रिया का लाभ मिल सके। FDA द्वारा 510(k) सबमिशन की लक्ष्य समीक्षा अवधि 90 दिनों की होती है, हालांकि कुल समीक्षा समय भिन्न हो सकता है। इसके साथ ही, SS Innovations यूरोपीय संघ में CE मार्किंग की दिशा में भी प्रगति कर रहा है, जिसके 2026 की पहली छमाही में मिलने की उम्मीद है। इससे “मेड-इन-इंडिया” प्लेटफॉर्म की वैश्विक उपस्थिति और तेज़ होगी।
30 नवंबर 2025 तक, SSi Mantra ने हासिल किया है:
आठ देशों में 138 सिस्टम की स्थापना
7,300 से अधिक सर्जिकल प्रक्रियाएं, जिनमें 88 टेली-सर्जरी शामिल
137 अस्पतालों में सक्रिय उपयोग
390 कार्डियक सर्जरी, जो रोबोटिक सर्जरी के सबसे तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से एक है
SSi Mantra को मिल रही स्वीकृति और इसका प्रदर्शन, स्वदेशी भारतीय मेडिकल रोबोटिक्स इकोसिस्टम में बढ़ते वैश्विक विश्वास को दर्शाता है और भारत के मेडटेक उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन बिंदु को रेखांकित करता है।





