भाजपा स्थापना दिवस 6 अप्रैल पर विशेष

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भाजपा के 45साल अटल से मोदी युग का सफर

(डॉ.सीमा दाधीच)

देश की राजनीति में अपनी विशेष पहचान रखने वाली भारतीय जनता पार्टी जिसे लघु रूप में भाजपा या बीजेपी के नाम से संबोधित किया जाता है आज संपूर्ण दुनियां में सख्त और कठोर निर्णय लेने के कारण चर्चा में है। भारतीय जनता पार्टी का जन्म 6अप्रैल 1980को हुआ आज भले ही भाजपा ने अपने राजनीतिक जीवन के 45साल पूर्ण कर लिए ओर विश्व की सबसे अधिक सदस्यों वाली पार्टी होने का गौरव भी पा लिया लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए पार्टी को बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ा। लाखों कार्यकर्ताओं के खून पसीने की मेहनत के बाद भाजपा को केंद्र सहित अनेक राज्यों में सत्तासीन होने का सौभाग्य मिला। राजनीति के जानकार वर्ष 1990तक कभी यह सोच भी नहीं सकते थे कि भाजपा कभी कांग्रेस को उखाड़ पाएगी और अकेले अपने दम पर सरकार की मुख्य धूरी बन पाएगी। भाजपा ने केंद्र सरकार चलाने के लिए अपना गठबंधन धर्म निभाने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के जरिए अपने सभीसहयोगी दलों को साथ लेकर चलने का कार्य कर देश को मजबूत सरकार प्रदान की। एक समय था जब समर्पित कार्यकर्ता नारा लगाते थे *अटल, आडवाणी कमल निशान मांग रहा है हिंदुस्तान* इसके बाद नारा चला राजतिलक की करो तैयारी आरहे है भगवा धारी*। भाजपा 45साल की हुई और पार्टी की रीति नीति, कार्यशैली में भी बदलाव हुआ अटल युग के बाद मोदी का समय आया अब अटल, आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी का स्थान नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी ने लेलिया। अटल, आडवाणी , जोशी के समय में भाजपा जोड़ तोड़ ओर गठबंधन की राजनीति के दम पर राजनीति में संभावना तलाश रही थी अब हर राजनीतिक दल भाजपा को केंद्र मानकर राजनीति कर रहे है। कुछ साथ है तो कई भाजपा को अपना प्रतिद्वंदी मानकर राजनीति में भविष्य की संभावनाएं तलाश रहे है।एक समय राजनीति में अछूत रही भाजपा अब सर्व स्पर्शी हो गई। पहले भाजपा कुछ राज्यों तक ही राजनैतिक भविष्य और संभावनाएं तलाशती थी अब संपूर्ण भारत में राजनीति का केंद्र बन चुकी है। इसमें भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिम्मत ओर अमित शाह की चाणक्य नीति, योगी की दबंगता काम आई लेकिन अटल बिहारी वाजपेई, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी का धैर्य, त्याग, तपस्या का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। देश की राजनीति में बहुत से ऐसे दल रहे हैं जिनमें एक दो दशक के बाद ही विभाजन हुआ लेकिन भाजपा इस बुराई से दूर रही। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की फैक्ट्री से तपकर निकले लाखों कार्यकर्ता भाजपा की विचार धारा से जुड़कर देश की राजनीति में बदलाव का प्रयास कर रहे है। एक समय था जब यह कहा जाता था कि भाजपा केवल विपक्ष की राजनीति कर सकती है लेकिन देश में सत्तासीन होकर भाजपा की सरकार ने जिस प्रकार के निर्णय लिए उसने यह बता दिया भाजपा देश को मजबूत और सुशासन दे सकती है। धारा 370हटाना, कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण, वक्फ बोर्ड संशोधन प्रस्ताव सहित अनेक विषय है जो भाजपा को सफल प्रशासक के रूप में पहचान दिलाते है। प्रारंभ में केवल दो सांसदों से राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाली भाजपा अब अपने दम पर सरकार का संचालन कर रही है। भाजपा के नेता लाल कृष्ण आडवाणी की रामरथ यात्रा और डा. मुरली मनोहर जोशी की कश्मीर तिरंगा यात्रा ने युवाओं को पार्टी से जोड़ने का कार्य किया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने इतिहास में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उसने हमेशा अपने सिद्धांतों और मूल्यों पर अडिग रही है। आइए जानते हैं कि भाजपा 2 सीट से पूर्ण बहुमत तक कैसे पहुंची।

शुरुआती दौर (1980)
भाजपा का गठन 1980 में हुआ था, और उस समय पार्टी के पास केवल 2 सीटें थीं। लेकिन पार्टी ने जल्द ही अपनी मजबूती बढ़ाई और 1984 के लोकसभा चुनाव में 2 सीटों से बढ़कर 58 सीटें हासिल कीं ।

राम जन्मभूमि आंदोलन और भाजपा की वृद्धि
1980 के दशक में भाजपा ने राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस आंदोलन ने पार्टी को बड़े पैमाने पर समर्थन दिलाया और 1991 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 120 सीटें हासिल कीं ¹।

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार
1996 में भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहली बार केंद्र सरकार बनाई। हालांकि यह सरकार केवल 13 दिनों तक चली, लेकिन इससे पार्टी को बड़े पैमाने पर समर्थन मिला ¹।

नरेंद्र मोदी की सरकार
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत हासिल किया। पार्टी ने 282 सीटें हासिल कीं और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने ।

वर्तमान स्थिति
वर्तमान में भाजपा की सरकारें केंद्र और कई राज्यों में बनी हुई हैं। पार्टी ने अपने इतिहास में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन पार्टी हमेशा अपने सिद्धांतों और मूल्यों पर अडिग रही हैभारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने इतिहास में कई प्रमुख आंदोलनों में भाग लिया है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं।

राम जन्मभूमि आंदोलन
भाजपा ने राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आंदोलन अयोध्या में राम जन्मभूमि के मुद्दे पर केंद्रित था। भाजपा ने इस आंदोलन का समर्थन किया और इसके नेताओं ने आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का इतिहास काफी पुराना है। यह पार्टी भारतीय राजनीति में एक प्रमुख दल के रूप में उभरी है और देश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बीजेपी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी, लेकिन इसकी जड़ें भारतीय जनसंघ में हैं, जिसकी स्थापना 1951 में हुई थी।

भारतीय जनसंघ की स्थापना डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी ने की थी, जो एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे। उनका मकसद था भारतीय समाज में राष्ट्रवाद, सांस्कृतिक एकता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना। जनसंघ ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया, जैसे कि गोवा मुक्ति आंदोलन, दादर हवेली स्वाधीनता आंदोलन और कश्मीर में तिरंगा फहराने का अभियान।

1977 के दशक में जनसंघ ने जनता पार्टी में विलय कर लिया, लेकिन बाद में 1980 में भारतीय जनता पार्टी के रूप में फिर से स्थापित हुई। भाजपा की स्थापना में अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भाजपा ने अपने इतिहास में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं। 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के पहले प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनकी सरकार केवल 13 दिनों तक चली। इसके बाद 1998 और 1999 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने देश का सफल नेतृत्व किया।

वर्तमान में भाजपा की सरकारें केंद्र और कई राज्यों में बनी हुई हैं और पार्टी ने देश की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भाजपा की नीतियों और कार्यक्रमों ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भाजपा की सफलता के पीछे कई कारण हैं। पहला, पार्टी ने हमेशा राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया है। दूसरा, पार्टी ने आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन के लिए कई कार्यक्रमों को लागू किया है। तीसरा, पार्टी ने हमेशा सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है।

हालांकि, भाजपा को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। पहला, पार्टी को अक्सर विपक्षी दलों के हमलों का सामना करना पड़ता है। दूसरा, पार्टी को अपने सहयोगी दलों के नेताओं के साथ भी विभिन्न मुद्दों पर सामंजस्य करना पड़ता है। तीसरा, पार्टी को आर्थिक धार्मिक और सामाजिक मुद्दों का सामना करना पड़ता है।

इसके बावजूद, भाजपा ने हमेशा अपने सिद्धांतों और मूल्यों पर अडिग रही है। पार्टी ने हमेशा राष्ट्रवाद, सांस्कृतिक एकता और आर्थिक विकास को बढ़ा

भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख आंदोलन
1. भारतीय जनसंघ का गठन: भारतीय जनसंघ का गठन 1951 में हुआ था, जो भाजपा का पूर्ववर्ती था। जनसंघ ने भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2. जयप्रकाश नारायण का आंदोलन: 1970 के दशक में जयप्रकाश नारायण ने एक आंदोलन शुरू किया, जिसका उद्देश्य भारतीय राजनीति में सुधार करना था। जनसंघ ने इस आंदोलन का समर्थन किया।
3. भारतीय जनता पार्टी का गठन: 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ। पार्टी ने अपने पहले अध्यक्ष के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी को चुना।
4. राम जन्मभूमि आंदोलन: भाजपा ने राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आंदोलन अयोध्या में राम जन्मभूमि के मुद्दे पर केंद्रित था।
5. कश्मीर में धारा 370 का विरोध: भाजपा ने कश्मीर में धारा 370 का विरोध किया, जो कश्मीर को विशेष दर्जा देती थी।

भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं के योगदान
1. अटल बिहारी वाजपेयी: अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के पहले अध्यक्ष थे और उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में भी कार्य किया।
2. लालकृष्ण आडवाणी: लालकृष्ण आडवाणी भाजपा के एक प्रमुख नेता थे और उन्होंने भारत के उपप्रधानमंत्री के रूप में भी कार्य किया।
3. नरेंद्र मोदी: नरेंद्र मोदी भाजपा के एक प्रमुख नेता हैं और उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में भी कार्य किया है।
4. अमित शाह: अमित शाह भाजपा के एक प्रमुख नेता हैं और उन्होंने भारत के गृह मंत्री के रूप में कार्य कर रहे है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अभी तक कई प्रमुख नेता बन चुके है।
अटल बिहारी वाजपेयी (1980-1986): भाजपा के पहले अध्यक्ष और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री रहे है।लालकृष्ण आडवाणी (1986-1991, 1993-1998, 2004-2005)*: तीन बार भाजपा के अध्यक्ष रहे और भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री गृहमंत्री भी रहे।मुरली मनोहर जोशी (1991-1993) तक भाजपा के अध्यक्ष और भारत के पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री रहे।
कुशाभाऊ ठाकरे (1998-2000) भाजपा के अध्यक्ष।
बंगारू लक्ष्मण (2000-2001)*:2 भाजपा के अध्यक्ष। बने यह दलित समाज से रहे है। जेना कृष्णमूर्ति (2001-2002): भाजपा के अध्यक्ष। रहे।वेंकैया नायडू (2002-2004) भाजपा के अध्यक्ष और भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री ओर उपराष्ट्रपति भी रहे।
राजनाथ सिंह (2006-2009, 2013-2014) दो बार भाजपा के अध्यक्ष रहे और भारत के पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री रहे वे वर्तमान में रक्षा मंत्री हैं।
नितिन गडकरी (2009-2013) भाजपा के अध्यक्ष और भारत के केंद्रीय परिवहन मंत्री है।
अमित शाह (2014-2020) भाजपा के अध्यक्ष और भारत के केंद्रीय गृह मंत्री है।जगत प्रकाश नड्डा (2020-वर्तमान) भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष और भारत के स्वास्थ्य मंत्री हैं। राज्यों की बात करें तो पार्टी ने भैरो सिंह शेखावत राजमाता विजया राजे सिंधिया, ललित किशोर चतुर्वेदी, हरिशंकर भाभड़ा सुंदर लाल पटवा, मदन लाल खुराना, कल्याण सिंह, जैसे अनेक नेताओं के खून पसीने से भाजपा को सिंचा है।

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