सिंधी समाज के प्रख्यात संत यक्षत साईं मसन्द साहिब का हुआ भव्य सम्मान
सिंधी समाज शंकराचार्य जी के गौ प्रतिष्ठा आंदोलन में करेगा सहयोग
दिल्ली/रायपुर। दिव्यराष्ट्र//ज्योतिर्मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज के दिल्ली में आयोजित चातुर्मास्य महोत्सव में शामिल होने के लिए सिन्धी समाज के प्रख्यात संत मसन्द सेवाश्रम रायपुर (छत्तीसगढ़) के अधिष्ठाता साईं जलकुमार मसन्द साहिब एक सप्ताह के लिए दिल्ली आए। इस अवसर पर चातुर्मास्य महोत्सव में साईं मसन्द साहिब को शंकराचार्य महाराज ने सम्मानित किया ग।
साईं मसन्द साहिब के दिल्ली आगमन पर दिल्ली प्रदेश के सिन्धी समाज के संत, ब्राह्मण, पूज्य पंचायतों, श्री झूलेलाल मंदिरों, प्रमुख समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ सिंधी पत्रकारों ने बड़ी संख्या में शंकराचार्य महाराज से भेंटवार्ता की और उनका मार्गदर्शन व आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर आयोजित सभा में शंकराचार्य महाराज ने कहा कि देश के विकास में सिन्धी समाज का बहुत बड़ा योगदान है। आज सिन्धी पूरे देश में फैले होने पर भी अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए हैं जो उनको सबसे विशेष बनाती है।
उन्होंने सभा को देश में उनके नेतृत्व में चल रहे गौ प्रतिष्ठा आंदोलन से अवगत कराते बताया कि देश में अनेक प्रकार की गायों में से एक सिन्धीलाल नस्ल की गाय भी है जो हर जगह आसानी से जीवनयापन कर लेती है। यह चारा तो कम खाती है पर दूध अधिक देती है। शंकराचार्य ने इच्छा प्रकट की कि सिन्धी समाज इस सिन्धीलाल नाम के गाय के संरक्षण की जिम्मेदारी ले तो समस्त सिन्धी समाज को गौमाता का आशीर्वाद प्राप्त होगा। शंकराचार्य जी की इस सलाह को सिन्धी समाज ने सहर्ष स्वीकार किया और अनेक लोगों ने आगे आकर इस नस्ल के गौवंश के संरक्षण का वचन दिया।
साई मसन्द साहिब ने अपने सम्बोधन में विगत बारह वर्षों से देश के पूज्यपाद चारों शंकराचार्यों तथा करीब दो सौ अन्य महान संतों के सहयोग से देश में सनातन वैदिक सिद्धांतों के आधार पर शासन स्थापित करवाकर भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की अपनी कार्ययोजना से अवगत कराया। सभा को साईं वसणशाह दरबार के प्रमुख साईं जगदीश लाल, बड़े झूलेलाल मंदिर के वरिष्ठ सेवादार भाई सुरेन्द्र साजन, पंडित हितेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार श्रीकांत भाटिया, वरिष्ठ समाजसेवी मनोहर बलवाणी, मोहनलाल भोजवाणी, गौसेवक राजकुमार भुराणी, युवा नेता मनोज सिंधी आदि ने भी संबोधित कर शंकराचार्य महाराज जी के गौ प्रतिष्ठा आंदोलन की सफलता में सिंधी समाज का योगदान सुनिश्चित कराने का संकल्प किया। शंकराचार्य महाराज ने सिंधी समाज के इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया।