Home समाज स्व: का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान — निम्बाराम

स्व: का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान — निम्बाराम

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कोटा, दिव्य राष्ट्र/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम के समापन अवसर पर राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने अपने उद्बोधन में कहा कि संघ के निरन्तर विस्तार का आधार है स्वयंसेवको का आत्मअनुशासन व उनकी सामाजिक आत्मीयता। गुणवत्ता व दृढ़ता बढ़ाते हुए संघ शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने बताया कि व्यापक समाज में भाव परिवर्तन एक एक व्यक्ति के भाव परिवर्तन से होता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मनुष्य का विवेक जागृत कर उसे श्रेष्ठ आचरण के लिए प्रेरित करता है।

ऐसे स्वभाव को व्यवहार में लाने के कुछ विषयों की चर्चा करते हुए कहा कि समाज में जन्म आधारित भेदभाव समाप्त होना चाहिए। सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एकात्म व एकरस बनाने के लिए हम स्वयं में एवं अपने परिवार में बदलाव लाना आज के समय की महती आवश्यकता है।

परिवार ईकाई ही अपने समाज में सांस्कृतिक जीवन मूल्यों का संवर्द्धन कर अगली पीढ़ी में ले जाने का सशक्त माध्यम है। पारिवारिक जीवन निभाते समय छोटी छोटी बातों का ध्यान रखने से जीवन में बड़ा परिवर्तन आता है।

परिवार से ही स्वच्छ वातावरण, पर्यावरण के प्रति चेतना का भाव लाना व पंच तत्वों की उचित देखभाल करना, जल व ऊर्जा की बचत करने आदि के संस्कार मिलते हैं। अतः परिवार में समाज व देश के हित के विषयों की समय समय पर चर्चा हो।

अब समय आ गया है शरीर के साथ आत्मा का भी परिवर्तन हो भारत की आत्मा है स्व, जब स्व आधारित जीवन होगा तभी भारत की विश्व में मान्यता होगी। स्वधर्म, स्वभाषा, स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग व तंत्र अर्थात शिक्षा, न्याय व्यवस्था आदि में स्व आने से स्वतंत्रता सार्थक होगी। व्यक्ति से लेकर राष्ट्र के सम्पूर्ण जीवन पर्यन्त,सभी आयामों में स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान है और यह होगा कर्तव्य पालन की प्रतिबद्धता से। भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रत्येक सुसभ्य नागरिक शाखा व परिवार के अलावा सामाजिक जीवन में अनुशासन पालने के लिए कृत संकल्प होकर अपना उदाहरण प्रस्तुत करें।

वैचारिक संघर्ष के समय में अफवाह फैलाकर दुष्प्रचार के माध्यम से समाज तोड़ने का प्रयास इस बार के र्निवाचन में भी दिखा, हम स्वयं सजग होकर भारत को तोड़ने वाले विचार व व्यक्तियों को समाज के समक्ष उजागर कर भारत का सत्य आधारित विश्व कल्याणकारी विचार स्थापित करें। समाज की सज्जन शक्ति को साथ लेकर चलने से उनको सक्रिय करने से संघ समाज रूपी सागर से एकाकार हो सकेगा।

वार्षिक प्रशिक्षण की श्रृंखला में राजस्थान क्षेत्र में चल रहे दस वर्गों में से कोटा में आयोजित कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम में राजस्थान क्षेत्र के 22 विभाग, 71 जिलों से 352 शिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें प्रक्षिशु प्रवासी कार्यकर्ता थे।

प्रकट समारोह में स्वयंसेवकों द्वारा अतिथियों के स्वागत के रूप में स्वागत प्रणाम तथा घोष वादन किया गया है। कार्यक्रम में ध्वजारोहण के पश्चात स्वयंसेवकों ने ध्वज की परिक्रमा कर गुरु वंदन किया। उसके पश्चात घोष संरचना, दंड, व्यायाम योगासन, दंड योग, गण समता एवं का प्रदर्शन किया। स्वयंसेवकों द्वारा सामूहिक रूप से एक स्वर में गीत सूत्रपात नवयुग वेला का गाकर प्रदर्शन किया।

वर्ग कार्यवाह द्वारा मंचस्थ अतिथियों का परिचय करवाकर प्रतिवेदन का वाचन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वंशवर्धन सिंह महाराव साहब बूंदी रहे। इस बीस दिवसीय वर्ग में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले , सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर, अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरूण कुमार जैन, अखिल भारतीय गौ सेवा प्रशिक्षण प्रमुख शंकरलाल का सानिध्य प्राप्त हुआ। अखिल भारतीय अधिकारियों के अतिरिक्त क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री, सह क्षेत्र कार्यवाह गेंदालाल, क्षेत्र संघचालक डाॅ रमेश अग्रवाल, क्षेत्र शारीरिक शिक्षण प्रमुख गंगाविष्णु, क्षेत्र बौद्धिक शिक्षण प्रमुख डाॅ. श्रीकांत, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्रीवर्धन, क्षेत्र सेवा प्रमुख शिवलहरी, क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख श्याम मनोहर एवं प्रान्तीय अधिकारियों का बौद्धिक मिला। वर्ग के प्रगट समारोह में बड़ी संख्या मे बन्धु भगिनी उपस्थिति रहे उनके अवलोकनार्थ प्रदर्शनी भी लगाई गई।

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