Home न्यूज़ सेबी ,एनआईएसएम ने सिक्युरिटीज मार्केट पर परिचर्चा- ‘संवाद’ का आयोजन किया

सेबी ,एनआईएसएम ने सिक्युरिटीज मार्केट पर परिचर्चा- ‘संवाद’ का आयोजन किया

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मुंबई, दिव्यराष्ट्र/: द सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्युरिटीज मार्केट्स (राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान) ने एनएसई, बीएसई, एनएसडीएल और सीडीएसएल के साथ मिलकर 10-11 जनवरी, 2025 के दौरान, मुंबई स्थित एनएसई में ‘कैपिटल फॉर ग्रोथ’ की थीम पर सिक्युरिटीज मार्केट को लेकर एक परिचर्चा- ‘संवाद’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण- एनआईएसएम, एनएसई, बीएसई, एनएसडीएल और सीडीएसएल ने किया।

इस संगोष्ठी में सरकारी अधिकारियों, विनियामकों, उद्योग जगत के दिग्गजों, बाजार के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों सहित माहिर लोगों की एक टोली जमा हुई, जहां भारत के सिक्युरिटीज मार्केट की बढ़ती गतिशीलता और आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने में इसकी केंद्रीय भूमिका को लेकर व्यापक चर्चा की गई।

समारोह में नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि मुख्य भाषण एसबीआई के चेयरपर्सन चल्ला श्रीनिवासुलु सेट्टी ने दिया। सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने सभा को संबोधित किया और भारत में कैपिटल मार्केट्स के भविष्य को लेकर अपना दृष्टिकोण साझा किया।

पहले दिन चार पैनल चर्चाएँ हुईं, जिनका मुख्य विषय था “प्लॉटिंग द फ्यूचर पाथ (भविष्य की राह तैयार करना)”। इनका संचालन सेबी के पूर्णकालिक सदस्यों ने किया। चर्चाओं में शामिल अहम विषय ये रहे:

● पूँजी खड़ी करने के आयडिया;
● निवेशक सबसे पहले: जागरूकता और पारदर्शिता के जरिए भरोसा पैदा करना
● सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) 2.0: सामाजिक असर को बढ़ाना
● बाजार के मध्यस्थों का भविष्य: डिजिटलीकरण और एआई को अपनाना

बड़ी पूँजी खड़ी करने में मदद पहुँचाने, निवेशकों की जागरूकता व पारदर्शिता को पुख्ता करने, स्टॉक एक्सचेंज के मौजूदा सामाजिक तंत्र को फैलाने तथा मार्केट के पूरे इकोसिस्टम में परिचालन क्षमता को और बेहतर बनाने के लिए, तकनीक का लाभ उठाने के तरीकों पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टियाँ प्रदान करके पहला दिन का समाप्त हुआ।

दूसरे दिन की थीम थी- “रिफ्लेक्शन एंड आयडियाज”। इस दिन पाँच विचारोत्तेजक सत्र आयोजित किए गए:
● विकसित भारत के बांड: कॉर्पोरेट बांड मार्केट को गहराई देने वाले नए उत्पाद और रणनीतियाँ;
● सिक्युरिटीज मार्केट्स के माध्यम से वित्तीय समावेशन: अवसर और बाधाएँ;
● इक्विटीज से आगे निकल कर सिक्युरिटीज मार्केट को बड़ा करना: साधनों के विशाल भंडार की दिशा में मार्केट को फैलाने और एसेट का एलोकेशन करने की रणनीतियाँ;
● रेगटेक और सुपटेक: सुपरविजन तथा अनुपालन का भविष्य; और
● पूँजी के निर्माण एवं वित्तपोषण करने का ढाँचा: माँग और आपूर्ति को संतुलित करने के नुस्खे।

दो दिवसीय संगोष्ठी ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि, सेबी परामर्श और सहभागिता करके नीतिगत चुनौतियों से निपटने तथा अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस परिचर्चा से उत्पन्न हुए विचार- टिकाऊ आर्थिक विकास हासिल करने, बाजार के लचीलेपन को गहराई देने और सिक्युरिटीज मार्केट के अंदर निवेशकों का भरोसा कायम करने में गहरा असर डालेंगे।

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